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अवनि लेखरा का संघर्ष: 12 साल की उम्र में हो गई थीं लकवाग्रस्त, नहीं मानी हार, भारत की सबसे कामयाब शूटर बनीं
स्पोर्ट्स डेस्क, अमर उजाला, पेरिस
Published by: स्वप्निल शशांक
Updated Fri, 30 Aug 2024 04:03 PM IST
सार
महज 12 साल की उम्र में अवनि लेखरा की जिंदगी उस समय बदल गई जब एक दुर्घटना के चलते उन्हें पैरालिसिस का शिकार होना पड़ा और चलने के लिए व्हीलचेयर का सहारा लेना पड़ गया।
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अवनि लेखरा
- फोटो : Twitter
पेरिस पैरालंपिक में भारत की अवनि लेखरा ने शूटिंग में गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रच दिया है। उन्होंने महिलाओं की स्टैंडिंग 10 मीटर एयर राइफल स्पर्धा एसएच-1 में यह स्वर्ण पदक जीता। पेरिस पैरालंपिक में भारत का यह पहला पदक है और वह भी स्वर्ण के रूप में आया है। आपको बता दें कि अवनि को यह जीत इतनी आसानी से नहीं मिली है। इस मुकाम पर पहुंचने के लिए उन्हें काफी संघर्ष करना पड़ा है। आइए जानते हैं अवनि के संघर्ष की कहानी...
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अवनि लेखरा और मोना अग्रवाल
- फोटो : Twitter
दुर्घटना के बाद हो गई थीं बेहद कमजोर
अवनि के पिता प्रवीण बताते हैं कि दुर्घटना के बाद गुमसुम रहने लग गई थी। किसी से बात नहीं करती थी, पूरी तरह डिप्रेशन में चली गई थी। उन्होंने कहा कि भीषण दुर्घटना के कारण इसकी पीठ पूरी तरह काटनी पड़ी। इतनी कमजोर हो गई थी कि कुछ कर नहीं पाती थी। यहां तक की कोई हल्का सामान भी उठाना मुश्किल हो रहा था।
पैरालिसिस के बाद काफी टूट गई थीं अवनि
अवनि के माता-पिता ने कहा कि 12 साल की उम्र में जब अवनि को पैरालिसिस हुआ तो वह काफी टूट गई थीं। उस समय सोचा की अवनी को किसी खेल से जोड़ा जाए और काफी सोच-विचार के बाद मैंने इसे शूटिंग में हाथ आजमाने को कहा। अवनि के पिता ने कहा कि शूटिंग में पहली बार तो इससे गन तक नहीं उठी थी, मगर आज इसकी वजह से टोक्यो पैरालिम्पिक के पोडियम पर राष्ट्रगान गूंजेगा। खेल के साथ ही अवनी पढ़ाई में भी काफी होशियार हैं। इसके साथ ही अन्य क्रियाकलाप में भी अवनी सबसे अव्वल रहती हैं।
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अवनि के पिता प्रवीण बताते हैं कि दुर्घटना के बाद गुमसुम रहने लग गई थी। किसी से बात नहीं करती थी, पूरी तरह डिप्रेशन में चली गई थी। उन्होंने कहा कि भीषण दुर्घटना के कारण इसकी पीठ पूरी तरह काटनी पड़ी। इतनी कमजोर हो गई थी कि कुछ कर नहीं पाती थी। यहां तक की कोई हल्का सामान भी उठाना मुश्किल हो रहा था।
पैरालिसिस के बाद काफी टूट गई थीं अवनि
अवनि के माता-पिता ने कहा कि 12 साल की उम्र में जब अवनि को पैरालिसिस हुआ तो वह काफी टूट गई थीं। उस समय सोचा की अवनी को किसी खेल से जोड़ा जाए और काफी सोच-विचार के बाद मैंने इसे शूटिंग में हाथ आजमाने को कहा। अवनि के पिता ने कहा कि शूटिंग में पहली बार तो इससे गन तक नहीं उठी थी, मगर आज इसकी वजह से टोक्यो पैरालिम्पिक के पोडियम पर राष्ट्रगान गूंजेगा। खेल के साथ ही अवनी पढ़ाई में भी काफी होशियार हैं। इसके साथ ही अन्य क्रियाकलाप में भी अवनी सबसे अव्वल रहती हैं।
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अवनि लेखरा
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मन बहलाने के लिए शूटिंग रेंज घुमाने लेकर गए पिता, वहीं से अवनि की रुचि जगी
अवनि के पिता ने बताया कि दुर्घटना के बाद जब यह परेशान रहने लगी थी तब मन बहलाने के लिए इसे शूटिंग रेंज लेकर गया था। यहीं से अवनि में रुचि जगने लगी। अवनि ने शूटिंग को अपनी जिंदगी बना ली। वह इसके लिए तबतक मेहनत करती रहती थीं जब तक कि थक कर चूर न हो जाए।
कोरोना काल रहा मुश्किल भरा
कोरोना के चलते अवनि को पिछले दो सालों से काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। इस दौरान उनकी प्रैक्टिस पर भी काफी असर पड़ा। लेकिन उनके पिता ने घर में टारगेट सेट कर अवनी की प्रैक्टिस में कोई कसर नहीं छोड़ी। पैरालंपिक की तैयारी कर रही अवनि घर पर ही टारगेट पर प्रैक्टिस कर रही थीं साथ ही उस समय उनका गोल्ड पर निशाना साधना ही लक्ष्य था। इसके लिए वो नियमित रूप से जिम और योगा पर ध्यान दे रही थीं। उन्होंने फिट रखने के लिए खान-पान का विशेष रूप से ध्यान रखा।
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कोरोना काल रहा मुश्किल भरा
कोरोना के चलते अवनि को पिछले दो सालों से काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। इस दौरान उनकी प्रैक्टिस पर भी काफी असर पड़ा। लेकिन उनके पिता ने घर में टारगेट सेट कर अवनी की प्रैक्टिस में कोई कसर नहीं छोड़ी। पैरालंपिक की तैयारी कर रही अवनि घर पर ही टारगेट पर प्रैक्टिस कर रही थीं साथ ही उस समय उनका गोल्ड पर निशाना साधना ही लक्ष्य था। इसके लिए वो नियमित रूप से जिम और योगा पर ध्यान दे रही थीं। उन्होंने फिट रखने के लिए खान-पान का विशेष रूप से ध्यान रखा।
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अवनि लेखरा
- फोटो : Twitter
अवनि ने पैरालंपिक में अब तक दो स्वर्ण समेत तीन पदक जीते
टोक्यो पैरालंपिक में अवनि ने एक स्वर्ण और एक कांस्य समेत दो पदक जीते थे। स्वर्ण उन्होंने महिलाओं की 10 मीटर एयर राइफल स्पर्धा में जीता था और कांस्य उन्होंने महिलाओं की 50 मीटर राइफल की पी-3 एसएच-1 स्पर्धा में अपने नाम किया था। वह भारत की पहली महिला एथलीट बनी थीं, जिन्होंने एक पैरालंपिक में दो मेडल जीते थे। उनसे पहले जोगिंदर सिंह सोढ़ी इन खेलों के एक ही चरण में कई पदक जीतने वाले पहले भारतीय थे। अवनि पैरालंपिक खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी भी हैं। उन्होंने भारत का इन खेलों की निशानेबाजी प्रतियोगिता में भी पहला पदक भी जीता था। टोक्यो पैरालंपिक में भी अवनि ने ही स्वर्ण जीतकर भारत के स्वर्ण पदक का खाता खोला था। टोक्यो पैरालंपिक खेलों में पदक जीतकर वह इन खेलों में पदक जीतने वाली तीसरी भारतीय महिला बनी थीं।
टोक्यो पैरालंपिक में अवनि ने एक स्वर्ण और एक कांस्य समेत दो पदक जीते थे। स्वर्ण उन्होंने महिलाओं की 10 मीटर एयर राइफल स्पर्धा में जीता था और कांस्य उन्होंने महिलाओं की 50 मीटर राइफल की पी-3 एसएच-1 स्पर्धा में अपने नाम किया था। वह भारत की पहली महिला एथलीट बनी थीं, जिन्होंने एक पैरालंपिक में दो मेडल जीते थे। उनसे पहले जोगिंदर सिंह सोढ़ी इन खेलों के एक ही चरण में कई पदक जीतने वाले पहले भारतीय थे। अवनि पैरालंपिक खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी भी हैं। उन्होंने भारत का इन खेलों की निशानेबाजी प्रतियोगिता में भी पहला पदक भी जीता था। टोक्यो पैरालंपिक में भी अवनि ने ही स्वर्ण जीतकर भारत के स्वर्ण पदक का खाता खोला था। टोक्यो पैरालंपिक खेलों में पदक जीतकर वह इन खेलों में पदक जीतने वाली तीसरी भारतीय महिला बनी थीं।
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अवनि को खेल रत्न (बाएं) और पद्मश्री से सम्मानित करते पूर्व राष्ट्रपति कोविंद
- फोटो : Twitter
अवनि पद्मश्री से सम्मानित हो चुकीं
अवनि पैरालंपिक के अलावा विश्व कप में भी दो स्वर्ण समेत तीन पदक जीत चुकी हैं। उन्होंने 2022 फ्रांस में हुए विश्व कप में महिलाओं की 10 मीटर एयर राइफल एसएच1 स्पर्धा में और 50 मीटर राइफल थ्री पोजिशंस एसएच1 स्पर्धा में स्वर्ण जीता था। वहीं, 2022 में दक्षिण कोरिया में हुए विश्व कप में महिलाओं की 10 मीटर एयर राइफल स्पर्धा में रजत पदक अपने नाम किया था। इसके अलावा वह 2022 एशियाई पैरा गेम्स में इसी स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीत चुकी हैं। 2021 में उन्हें खेल रत्न अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था। इसके अलावा वह जीक्यू इंडिया द्वारा 2021 में यंग इंडियन ऑफ द ईयर अवॉर्ड दिया गया था। 2021 मेंही उन्हें अंतरराष्ट्रीय पैरालंपिक कमिटी द्वारा बेस्ट फीमेल डेब्यू अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था। 2022 में अवनि पद्मश्री से सम्मानित हो चुकी हैं।
अवनि पैरालंपिक के अलावा विश्व कप में भी दो स्वर्ण समेत तीन पदक जीत चुकी हैं। उन्होंने 2022 फ्रांस में हुए विश्व कप में महिलाओं की 10 मीटर एयर राइफल एसएच1 स्पर्धा में और 50 मीटर राइफल थ्री पोजिशंस एसएच1 स्पर्धा में स्वर्ण जीता था। वहीं, 2022 में दक्षिण कोरिया में हुए विश्व कप में महिलाओं की 10 मीटर एयर राइफल स्पर्धा में रजत पदक अपने नाम किया था। इसके अलावा वह 2022 एशियाई पैरा गेम्स में इसी स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीत चुकी हैं। 2021 में उन्हें खेल रत्न अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था। इसके अलावा वह जीक्यू इंडिया द्वारा 2021 में यंग इंडियन ऑफ द ईयर अवॉर्ड दिया गया था। 2021 मेंही उन्हें अंतरराष्ट्रीय पैरालंपिक कमिटी द्वारा बेस्ट फीमेल डेब्यू अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था। 2022 में अवनि पद्मश्री से सम्मानित हो चुकी हैं।