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Sambhav: इस मेड-इन-इंडिया मोबाइल फोन को कोई नहीं कर सकता हैक, बस कुछ देशों के पास है ये टेक्नोलॉजी!
टेक डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: नीतीश कुमार
Updated Fri, 19 Sep 2025 05:34 PM IST
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सार
Sambhav Indian Army Secure Phone: भारतीय सेना ने डेटा सुरक्षा और बातचीत की गोपनीयता को और मजबूत बनाने के लिए मेड-इन-इंडिया मोबाइल सिस्टम ‘संभव’ को अपनाया है। यह 5G आधारित सिस्टम इतना सुरक्षित है कि दुश्मन भी इसकी जानकारी तक नहीं पहुंच सकते।

Sambhav स्मार्टफोन
- फोटो : ANI
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विस्तार
भारतीय सेना अब केवल मैदान में हथियारों से ही नहीं, बल्कि तकनीकी मोर्चे पर भी दुश्मनों को मात देने के लिए पूरी तरह तैयार है। हाल ही में ऑपरेशन ‘सिंदूर’ के दौरान पहली बार मेड-इन-इंडिया मोबाइल सिस्टम ‘संभव’ का इस्तेमाल किया गया था। थलसेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने खुद इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि अब इसका अपग्रेडेड वर्जन भी तैयार किया जा रहा है, जो और भी ज्यादा सुरक्षित और आधुनिक होगा।
व्हाट्सएप से क्यों उठा भरोसा?
आमतौर पर फाइल शेयर करने के लिए व्हाट्सएप या टेलीग्राम जैसे विदेशी एप्स का इस्तेमाल किया जाता है जिससे अहम जानकारियां पब्लिक डोमेन पर आ सकती हैं। इनपर जासूसी का भी खतरा बना रहता है। ऐसे में सेना के लिए यह एक बड़ी कमजोरी साबित हो सकती थी। इसी वजह से अब पूरी तरह स्वदेशी और सुरक्षित ‘संभव’ सिस्टम को अपनाया गया है। यह 5G मोबाइल नेटवर्क पर चलता है और इसमें मल्टी-लेयर एन्क्रिप्शन की सुविधा मौजूद है। इसका मतलब है कि बातचीत या डेटा किसी भी स्थिति में लीक नहीं हो सकता।
Sambhav की खासियतें
इस सिस्टम की सबसे खास बात है इसमें मौजूद M-Sigma एप, जो व्हाट्सएप की तरह चैटिंग, कॉलिंग और फाइल शेयरिंग की सुविधा देता है। फर्क सिर्फ इतना है कि यह पूरी तरह भारत में विकसित है और एंड-टू-एंड सिक्योरिटी के साथ आता है। इसमें काल से लेकर एसएमएस और फाइल शेयरिंग तक की सभी जरूरतें सेना के लिए बनी खास एप्स से पूरी होंगी, जिससे डेटा और जानकारियां पूरी तरह सिक्योर रहेंगी। भारतीय सेना इस फोन के हजारों यूनिट्स तैयार कर रही है। इतना ही नहीं, चीन के साथ हुई सैन्य बैठकों में भी इसी सिस्टम का इस्तेमाल किया गया था, जिससे इसकी ताकत साफ झलकती है।
कुछ देशों के पास ये टेक्नोलॉजी
दुनिया के कुछ ही देशों के पास इस तरह की तकनीक मौजूद है। अमेरिका के पास अपने डिफेंस कम्युनिकेशन सिस्टम हैं, वहीं रूस और चीन भी अपने सैन्य नेटवर्क और सुरक्षित मोबाइल एप्स का इस्तेमाल करते हैं। अब भारत भी इस लिस्ट में शामिल हो चुका है। ‘संभव’ के आने से भारतीय सेना की विदेशी एप्स पर निर्भरता खत्म हो गई है और डेटा सुरक्षा का स्तर कई गुना बढ़ गया है।

व्हाट्सएप से क्यों उठा भरोसा?
आमतौर पर फाइल शेयर करने के लिए व्हाट्सएप या टेलीग्राम जैसे विदेशी एप्स का इस्तेमाल किया जाता है जिससे अहम जानकारियां पब्लिक डोमेन पर आ सकती हैं। इनपर जासूसी का भी खतरा बना रहता है। ऐसे में सेना के लिए यह एक बड़ी कमजोरी साबित हो सकती थी। इसी वजह से अब पूरी तरह स्वदेशी और सुरक्षित ‘संभव’ सिस्टम को अपनाया गया है। यह 5G मोबाइल नेटवर्क पर चलता है और इसमें मल्टी-लेयर एन्क्रिप्शन की सुविधा मौजूद है। इसका मतलब है कि बातचीत या डेटा किसी भी स्थिति में लीक नहीं हो सकता।
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Sambhav की खासियतें
इस सिस्टम की सबसे खास बात है इसमें मौजूद M-Sigma एप, जो व्हाट्सएप की तरह चैटिंग, कॉलिंग और फाइल शेयरिंग की सुविधा देता है। फर्क सिर्फ इतना है कि यह पूरी तरह भारत में विकसित है और एंड-टू-एंड सिक्योरिटी के साथ आता है। इसमें काल से लेकर एसएमएस और फाइल शेयरिंग तक की सभी जरूरतें सेना के लिए बनी खास एप्स से पूरी होंगी, जिससे डेटा और जानकारियां पूरी तरह सिक्योर रहेंगी। भारतीय सेना इस फोन के हजारों यूनिट्स तैयार कर रही है। इतना ही नहीं, चीन के साथ हुई सैन्य बैठकों में भी इसी सिस्टम का इस्तेमाल किया गया था, जिससे इसकी ताकत साफ झलकती है।
कुछ देशों के पास ये टेक्नोलॉजी
दुनिया के कुछ ही देशों के पास इस तरह की तकनीक मौजूद है। अमेरिका के पास अपने डिफेंस कम्युनिकेशन सिस्टम हैं, वहीं रूस और चीन भी अपने सैन्य नेटवर्क और सुरक्षित मोबाइल एप्स का इस्तेमाल करते हैं। अब भारत भी इस लिस्ट में शामिल हो चुका है। ‘संभव’ के आने से भारतीय सेना की विदेशी एप्स पर निर्भरता खत्म हो गई है और डेटा सुरक्षा का स्तर कई गुना बढ़ गया है।