{"_id":"690e046d0894c108610ae494","slug":"whatsapp-to-bring-interoperability-feature-can-send-direct-message-to-other-messaging-apps-arattai-2025-11-07","type":"story","status":"publish","title_hn":"Apps: WhatsApp ने पलट दिया Arattai का खेल! अब करोड़ों यूजर्स को जल्द देने जा रहा ये खास फीचर","category":{"title":"Mobile Apps","title_hn":"मोबाइल एप्स","slug":"mobile-apps"}}
Apps: WhatsApp ने पलट दिया Arattai का खेल! अब करोड़ों यूजर्स को जल्द देने जा रहा ये खास फीचर
टेक डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: नीतीश कुमार
Updated Fri, 07 Nov 2025 08:08 PM IST
सार
WhatsApp Interoperability Feature: Zoho ग्रुप के फाउंडर श्रीधर वेंबु अपने इंस्टैंट मैसेजिंग एप Arattai में जिस फीचर को लाना चाह रहे थे, अब वही फीचर Arattai से पहले WhatsApp में आने वाला है। व्हाट्सएप यूजर्स को जल्द ही ऐसा फीचर मिलेगा जिससे वे दूसरे चैटिंग एप्स के साथ भी कनेक्ट हो सकेंगे।
विज्ञापन
WhatsApp
- फोटो : AI
विज्ञापन
विस्तार
भारतीय इंस्टैंट मैसेजिंग एप Arattai जो पिछले महीने वॉट्सएप के विकल्प के तौर पर तेजी से लोकप्रिय हुआ था, अब उसकी चमक फीकी पड़ने लगी है। हाल ही में Arattai गूगल प्ले स्टोर के टॉप-100 एप्स के ट्रेंडिंग लिस्ट से बाहर हो गया है। हालांकि, इस एप को लेकर फाउंडर श्रीधर वेंबू का जो इंटरऑपरेबिलिटी (Interoperability) का विजन था उसे Arattai से पहले WhatsApp साकार करने जा रहा है। यह फीचर हर व्हाट्सएप यूजर के लिए चैटिंग अनुभव को पूरी तरह बदल सकता है।
क्या है Interoperability फीचर?
इंटरऑपरेबिलिटी का मतलब होता है अलग-अलग प्लेटफॉर्म्स के बीच आपसी कनेक्टिविटी या संचार की सुविधा। जैसे UPI में आप किसी भी एप से दूसरे एप में पैसे भेज सकते हैं, उसी तरह अब इंस्टैंट मैसेजिंग एप्स में भी यह सुविधा आने वाली है। इसका मतलब, भविष्य में आप WhatsApp से Telegram या Signal पर सीधे मैसेज भेज सकेंगे, बिना एप बदले।
WhatsApp में शुरू हुआ टेस्टिंग फेज
टेक रिपोर्ट्स के मुताबिक, WhatsApp ने इस फीचर की टेस्टिंग शुरू कर दी है। WABetaInfo की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि कुछ चुनिंदा बीटा यूजर्स को यह नया फीचर मिलना भी शुरू हो गया है। यानी, अब धीरे-धीरे सभी यूजर्स के लिए यह सुविधा रोलआउट हो सकती है।
दिलचस्प बात यह है कि Arattai के को-फाउंडर श्रीधर वेंबू ने कुछ समय पहले अपने X (पूर्व ट्विटर) अकाउंट पर बताया था कि उनकी टीम iSPIRT के शरद शर्मा के साथ इंटरऑपरेबिलिटी को लेकर चर्चा कर रही है। उनका मानना है कि यह फीचर मैसेजिंग एप्स के बीच मौजूद मोनोपोली खत्म करेगा और यूजर्स को ज्यादा विकल्प देगा।
Meta पर EU का दबाव
रिपोर्ट्स के अनुसार, Meta को यह फीचर यूरोपीय यूनियन के डिजिटल मार्केट्स एक्ट (DMA) की वजह से लाना पड़ रहा है। इस एक्ट में कहा गया है कि बड़ी टेक कंपनियों को अपने प्लेटफॉर्म्स को ओपन कम्युनिकेशन के लिए उपलब्ध कराना होगा ताकि किसी एक ऐप का वर्चस्व खत्म किया जा सके। इसी दिशा में Meta WhatsApp के लिए इंटरऑपरेबिलिटी का टेस्ट कर रही है।
Arattai भी तैयार कर रहा है नए फीचर्स
Zoho ग्रुप का Arattai भी लगातार अपने प्लेटफॉर्म को अपग्रेड कर रहा है। कंपनी ने हाल ही में वन-टू-वन चैट के लिए एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन लागू कर दिया है। हालांकि, ग्रुप चैट में अब भी इस फीचर की कमी है जिसे बाद में लाया जाएगा। फिलहाल, Arattai में एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन ऑप्शनल रखा गया है। WhatsApp का नया क्रॉस-प्लेटफॉर्म चैटिंग फीचर फिलहाल केवल यूरोपीय यूजर्स के लिए उपलब्ध होगा। अन्य देशों में यह कब आएगा, इसकी जानकारी अभी सामने नहीं आई है।
Trending Videos
क्या है Interoperability फीचर?
इंटरऑपरेबिलिटी का मतलब होता है अलग-अलग प्लेटफॉर्म्स के बीच आपसी कनेक्टिविटी या संचार की सुविधा। जैसे UPI में आप किसी भी एप से दूसरे एप में पैसे भेज सकते हैं, उसी तरह अब इंस्टैंट मैसेजिंग एप्स में भी यह सुविधा आने वाली है। इसका मतलब, भविष्य में आप WhatsApp से Telegram या Signal पर सीधे मैसेज भेज सकेंगे, बिना एप बदले।
विज्ञापन
विज्ञापन
WhatsApp में शुरू हुआ टेस्टिंग फेज
टेक रिपोर्ट्स के मुताबिक, WhatsApp ने इस फीचर की टेस्टिंग शुरू कर दी है। WABetaInfo की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि कुछ चुनिंदा बीटा यूजर्स को यह नया फीचर मिलना भी शुरू हो गया है। यानी, अब धीरे-धीरे सभी यूजर्स के लिए यह सुविधा रोलआउट हो सकती है।
दिलचस्प बात यह है कि Arattai के को-फाउंडर श्रीधर वेंबू ने कुछ समय पहले अपने X (पूर्व ट्विटर) अकाउंट पर बताया था कि उनकी टीम iSPIRT के शरद शर्मा के साथ इंटरऑपरेबिलिटी को लेकर चर्चा कर रही है। उनका मानना है कि यह फीचर मैसेजिंग एप्स के बीच मौजूद मोनोपोली खत्म करेगा और यूजर्स को ज्यादा विकल्प देगा।
Meta पर EU का दबाव
रिपोर्ट्स के अनुसार, Meta को यह फीचर यूरोपीय यूनियन के डिजिटल मार्केट्स एक्ट (DMA) की वजह से लाना पड़ रहा है। इस एक्ट में कहा गया है कि बड़ी टेक कंपनियों को अपने प्लेटफॉर्म्स को ओपन कम्युनिकेशन के लिए उपलब्ध कराना होगा ताकि किसी एक ऐप का वर्चस्व खत्म किया जा सके। इसी दिशा में Meta WhatsApp के लिए इंटरऑपरेबिलिटी का टेस्ट कर रही है।
Arattai भी तैयार कर रहा है नए फीचर्स
Zoho ग्रुप का Arattai भी लगातार अपने प्लेटफॉर्म को अपग्रेड कर रहा है। कंपनी ने हाल ही में वन-टू-वन चैट के लिए एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन लागू कर दिया है। हालांकि, ग्रुप चैट में अब भी इस फीचर की कमी है जिसे बाद में लाया जाएगा। फिलहाल, Arattai में एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन ऑप्शनल रखा गया है। WhatsApp का नया क्रॉस-प्लेटफॉर्म चैटिंग फीचर फिलहाल केवल यूरोपीय यूजर्स के लिए उपलब्ध होगा। अन्य देशों में यह कब आएगा, इसकी जानकारी अभी सामने नहीं आई है।