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PM Modi: UPI से लेकर AI तक, मोदी सरकार के 11 साल में टेक्नोलॉजी के मामले में ऐसे मजबूत बना भारत
टेक डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: नीतीश कुमार
Updated Thu, 12 Jun 2025 03:15 PM IST
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सार
Eleven Years of Modi Government: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि बीते 11 वर्षों में उनकी सरकार ने टेक्नोलॉजी के जरिए सेवा, पारदर्शिता और जनसशक्तिकरण में क्रांतिकारी बदलाव किए हैं। डिजिटल इंडिया आज आत्मनिर्भर भारत की पहचान बन गया है।

PM Modi
- फोटो : X/@BJP4India
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विस्तार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि उनकी सरकार ने बीते 11 वर्षों में टेक्नोलॉजी की ताकत का इस्तेमाल कर आम लोगों के जीवन में अनगिनत लाभ पहुंचाए हैं। उन्होंने कहा कि आज भारत युवाओं की ऊर्जा से टेक्नोलॉजी और नवाचार के क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहा है।
मोदी ने X (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, “टेक्नोलॉजी ने सेवा वितरण और पारदर्शिता को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया है। यह देश के सबसे गरीब वर्ग के जीवन में भी सशक्तिकरण का जरिया बनी है।”
DBT से पारदर्शिता, 3.48 लाख करोड़ की बचत
सरकार द्वारा जारी एक थ्रेड में बताया गया कि डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के जरिए अब तक 44 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि 322 योजनाओं के लाभार्थियों तक पहुंचाई गई है। यह योजनाएं 56 मंत्रालयों द्वारा संचालित की जा रही हैं। टेक्नोलॉजी की मदद से 3.48 लाख करोड़ रुपये की बचत लीकेज रोककर की गई है।
डिजिटल इनोवेशन में भारत बना वैश्विक शक्ति
सरकार ने बीते 11 वर्षों में भारत ने 'डिजिटल डेजर्ट' से 'डेटा-ड्रिवन डेमोक्रेसी' तक की यात्रा तय की है। डिजिटल इंडिया के जरिए देश न केवल टेक्नोलॉजी हब बना है बल्कि ग्लोबल ट्रस्ट भी अर्जित किया है। स्पेस टेक, डिजिटल पेमेंट, ग्रामीण कनेक्टिविटी और यूपीआई जैसे प्लेटफॉर्म इसके उदाहरण हैं।
UPI से मनी ट्रांसफर में क्रांति
मोदी सरकार के कार्यकाल में भारत दुनिया का सबसे सस्ता मोबाइल डेटा देने वाला देश बना है। आज भारत में 94 करोड़ ब्रॉडबैंड कनेक्शन और 120 करोड़ टेलीफोन सब्सक्राइबर हैं। 2014 में जहां टेली-डेंसिटी 75% थी, वहीं 2025 में यह 85% हो गई है। ISRO ने 393 विदेशी सैटेलाइट लॉन्च कर भारत की क्षमताओं का लोहा मनवाया।
गांव तक पहुंची इंटरनेट कनेक्टिविटी
सरकार ने तकनीक का इस्तेमाल केवल प्लेटफॉर्म बनाने में नहीं, बल्कि गवर्नेंस को सहज, पारदर्शी और समावेशी बनाने में किया। DBT में 10 वर्षों में 90 गुना की वृद्धि देखी गई। साथ ही कोविन प्लेटफॉर्म, पासपोर्ट सेवा, आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन और सरकारी खरीद के डिजिटल मार्केटप्लेस जैसे प्रयासों ने सेवा वितरण की दिशा में नया अध्याय जोड़ा है।

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मोदी ने X (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, “टेक्नोलॉजी ने सेवा वितरण और पारदर्शिता को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया है। यह देश के सबसे गरीब वर्ग के जीवन में भी सशक्तिकरण का जरिया बनी है।”
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DBT से पारदर्शिता, 3.48 लाख करोड़ की बचत
सरकार द्वारा जारी एक थ्रेड में बताया गया कि डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के जरिए अब तक 44 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि 322 योजनाओं के लाभार्थियों तक पहुंचाई गई है। यह योजनाएं 56 मंत्रालयों द्वारा संचालित की जा रही हैं। टेक्नोलॉजी की मदद से 3.48 लाख करोड़ रुपये की बचत लीकेज रोककर की गई है।
डिजिटल इनोवेशन में भारत बना वैश्विक शक्ति
सरकार ने बीते 11 वर्षों में भारत ने 'डिजिटल डेजर्ट' से 'डेटा-ड्रिवन डेमोक्रेसी' तक की यात्रा तय की है। डिजिटल इंडिया के जरिए देश न केवल टेक्नोलॉजी हब बना है बल्कि ग्लोबल ट्रस्ट भी अर्जित किया है। स्पेस टेक, डिजिटल पेमेंट, ग्रामीण कनेक्टिविटी और यूपीआई जैसे प्लेटफॉर्म इसके उदाहरण हैं।
UPI से मनी ट्रांसफर में क्रांति
मोदी सरकार के कार्यकाल में भारत दुनिया का सबसे सस्ता मोबाइल डेटा देने वाला देश बना है। आज भारत में 94 करोड़ ब्रॉडबैंड कनेक्शन और 120 करोड़ टेलीफोन सब्सक्राइबर हैं। 2014 में जहां टेली-डेंसिटी 75% थी, वहीं 2025 में यह 85% हो गई है। ISRO ने 393 विदेशी सैटेलाइट लॉन्च कर भारत की क्षमताओं का लोहा मनवाया।
गांव तक पहुंची इंटरनेट कनेक्टिविटी
सरकार ने तकनीक का इस्तेमाल केवल प्लेटफॉर्म बनाने में नहीं, बल्कि गवर्नेंस को सहज, पारदर्शी और समावेशी बनाने में किया। DBT में 10 वर्षों में 90 गुना की वृद्धि देखी गई। साथ ही कोविन प्लेटफॉर्म, पासपोर्ट सेवा, आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन और सरकारी खरीद के डिजिटल मार्केटप्लेस जैसे प्रयासों ने सेवा वितरण की दिशा में नया अध्याय जोड़ा है।