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Apple Antitrust Case: एपल पर एंटीट्रस्ट केस लटकाने का आरोप, कानूनी पेनल्टी नियम को कोर्ट में दी चुनौती

टेक डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: नीतीश कुमार Updated Mon, 01 Dec 2025 04:30 PM IST
सार

Apple Antitrust Case Delhi High Court: भारत में चल रहे एंटीट्रस्ट मामले में एपल मुश्किल में घिरता दिख रहा है। CCI ने दिल्ली हाई कोर्ट में कहा कि कंपनी नए पेनल्टी कानून को चुनौती देकर जांच प्रक्रिया को धीमा करने की कोशिश कर रही है।

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apple challenges cci new penalty law in antitrust case delhi highcourt
Apple - फोटो : अमर उजाला
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भारत के प्रतियोगिता आयोग (CCI) और Apple के बीच चल रहा एंटीट्रस्ट विवाद अब और गहरा गया है। CCI ने सोमवार को दिल्ली हाई कोर्ट में दायर एक जवाब में आरोप लगाया कि एपल नए पेनल्टी ढांचे को चुनौती देकर मामले की सुनवाई को टालने की कोशिश कर रहा है। यह मामला इस बात की जांच कर रहा है कि क्या एपल ने भारतीय एप वितरण बाजार में अपनी मजबूत पकड़ का दुरुपयोग किया है।
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कानून में बदलाव बना विवाद का कारण
विवाद की जड़ 2024 में कंपिटीशन कमीशन में किए गए उस अहम संशोधन से जुड़ी है, जिसके बाद CCI को कंपनियों पर जुर्माना भारत की कमाई के बजाय उनकी वैश्विक आय के आधार पर लगाने का अधिकार मिल गया है। यह बदलाव बहुराष्ट्रीय कंपनियों के लिए संभावित पेनल्टी को कई गुना बढ़ा देता है।
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Apple का कहना है कि यह नियम अनुचित, असंवैधानिक और भारत में आरोपित गतिविधियों से संबंध नहीं रखता है। कंपनी ने चेतावनी भी दी कि अगर CCI उसके खिलाफ फैसला देता है, तो इस संशोधन के कारण उस पर 38 अरब डॉलर तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।

2022 से चल रहा है एप स्टोर नीतियों को लेकर विवाद
यह एंटीट्रस्ट जांच 2022 में तब शुरू हुई थी जब मैच ग्रुप समेत कई भारतीय स्टार्टअप्स ने एपल पर शिकायत की थी। आरोप था कि एप स्टोर की नीतियां बाजार में प्रतिस्पर्धा को नुकसान पहुंचाती हैं। एपल अपने इन-एप पेमेंट सिस्टम के इस्तेमाल को अनिवार्य बनाता है। CCI ने इस शिकायत पर विस्तृत जांच कर रिपोर्ट तैयार कर ली है, लेकिन अंतिम आदेश अभी तक जारी नहीं हुआ है।

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CCI ने कहा- ‘मुख्य मामले को रोकने की चाल’
नए पेनल्टी कानून को चुनौती देने को लेकर CCI का कहना है कि एपल यह कदम इसीलिए उठा रहा है ताकि मुख्य एंटीट्रस्ट कार्यवाही आगे न बढ़ सके। वहीं एपल का तर्क है कि जुर्माने के नए फॉर्मूले की वैधता तय होना जरूरी है, क्योंकि इसी पर उसकी संभावित देनदारी टिकी है।

दिल्ली हाई कोर्ट आने वाले दिनों में एपल की याचिका पर सुनवाई करेगा। माना जा रहा है कि यह फैसला भविष्य में भारत में काम कर रहीं वैश्विक टेक कंपनियों पर लगने वाले जुर्मानों के पैटर्न को प्रभावित कर सकता है।
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