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Nvidia ने खोला राज: AI चिप बनाने से पहले ही खर्च हो जाते हैं 5.5 अरब डॉलर

टेक डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: नीतीश कुमार Updated Sun, 30 Nov 2025 06:56 PM IST
सार

AI जितनी तेजी से हमारी जिंदगी में जगह बना रहा है, उतनी ही तेजी से इन तकनीकों को बनाने की लागत भी बढ़ रही है। Nvidia के CEO जेनसेन हुआंग ने इस राज से पर्दा उठाया कि आखिर चिप को बनाना इतना महंगा काम क्यों है।

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nvidia ceo explains why making ai chips costs billion dollars of investment
AI चिप (सांकेतिक तस्वीर) - फोटो : AI
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विस्तार
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आर्टिफिशयल इंटेलिजेंस से दुनिया को चलाने का सपना बगैर सुपरफॉस्ट चिप के पूरा नहीं हो सकता। एक चिप का साइज भले ही कुछ सेंटिमीटर हो लेकिन उसे बनाने का खर्च कल्पना से कई गुना ज्यादा है। एक नई AI चिप को डिजाइन करने से लेकर उसे उत्पादन लायक बनाने तक अरबों डॉलर खर्च हो जाते हैं। दुनिया की सबसे बड़ी AI चिप निर्माता कंपनी Nvidia के CEO जेनसेन हुआंग ने हाल ही में खुलासा किया है कि आखिर क्यों एक चिप को डिजाइन करना इतना महंगा क्यों है।
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हुआंग के अनुसार, किसी भी नई जेनरेशन की AI चिप आर्किटेक्चर बनाने की शुरुआत में ही लगभग 5.5 अरब डॉलर (करीब 4,900 करोड़ रुपये) लग जाते हैं। दिलचस्प बात यह है कि यह भारी भरकम राशि चिप की पहली यूनिट तैयार होने से पहले ही खर्च हो जाती है।
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क्यों चाहिए इतनी बड़ी रकम?
हुआंग ने बताया कि एक नई AI चिप बनाने के लिए डिजाइन, इंजीनियरिंग, आर्किटेक्चर डेवलपमेंट, टूल चेन और सिमुलेशन जैसे कामों पर लगभग 5–6 अरब डॉलर लग जाते हैं। डिजाइन फाइनल होने के बाद चिप फैब्रिकेशन के लिए एक खास "मास्क सेट" तैयार होता है, जिस पर करीब 500 मिलियन डॉलर की लागत आती है। यानी सिर्फ तैयारी और सेटअप में ही 5.5 अरब डॉलर खर्च हो जाते हैं।

एक चिप बनाने पर कितना खर्च आता है?
शुरुआती रिसर्च और डेवलपमेंट पर किया गया खर्च चिप की कीमत में शामिल नहीं होता है। उदाहरण के लिए, Nvidia की Blackwell B200 AI चिप की कीमत 30,000–40,000 डॉलर के बीच है। यह कीमत मैन्युफैक्चरिंग, पैकेजिंग और कंपनी के प्रॉफिट मार्जिन को ध्यान में रखकर तय की जाती है, न कि अरबों डॉलर की शुरुआती लागत को।

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इतने महंगे चिप क्यों बनाती है कंपनी?
AI चिप्स सामान्य CPU या GPU से कई गुना अधिक पावरफुल होते हैं। Blackwell B200 जैसी चिप्स ऐसी क्षमता रखती हैं कि वे सैकड़ों पारंपरिक प्रोसेसर का काम अकेले कर सकती हैं। इनकी हाई स्पीड कंप्यूटेशन, बड़ी मेमोरी, और बेहतर पावर एफिसिएंसी बड़े AI मॉडल्स और डेटा सेंटरों को चलाने में बेहद महत्वपूर्ण होती है। इससे समय, ऊर्जा और ऑपरेशन कॉस्ट में बड़ी बचत होती है। इसलिए AI कंपनियां इन महंगे चिप्स को बनाने में अरबों की निवेश करने से भी पीछे नहीं हटतीं।
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