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AI: चैटजीपीटी बनाने वाले सैम ऑल्टमैन को एआई से लगता है डर, पॉडकास्ट में खुलासा; बोले- बदलाव कठिन लेकिन...

अमर उजाला रिसर्च डेस्क, वाशिंगटन Published by: दीपक कुमार शर्मा Updated Mon, 28 Jul 2025 06:16 AM IST
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सार

सैम ऑल्टमैन ने हाल में एक पॉडकास्ट में माना कि कुछ एआई कंटेंट इस्तेमाल करने में उन्हें खुद ही डर लगता है। इसके पीछे उनका तर्क था, कभी-कभी समझ नहीं आता कि मुझे कितनी व्यक्तिगत जानकारी इसमें डालनी चाहिए। क्योंकि पता नहीं वह किसके पास तक पहुंच जाएगी। 

ChatGPT creator Sam Altman admits he scared of AI
सांकेतिक तस्वीर - फोटो : AI
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पूरी दुनिया में लोकप्रिय चैटजीपीटी को बनाने वाली कंपनी ओपनएआई के सीईओ सैम ऑल्टमैन को ही एआई की अनियंत्रित ताकत से खतरा महसूस होने लगा है।

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उन्होंने हाल में एक पॉडकास्ट में माना कि कुछ एआई कंटेंट इस्तेमाल करने में उन्हें खुद ही डर लगता है। इसके पीछे उनका तर्क था, कभी-कभी समझ नहीं आता कि मुझे कितनी व्यक्तिगत जानकारी इसमें डालनी चाहिए। क्योंकि पता नहीं वह किसके पास तक पहुंच जाएगी। थियो वॉन के पॉडकास्ट में ओपनएआई के सीईओ ने कहा कि एआई कंपनियों के बीच मौजूदा प्रतिस्पर्धा केवल व्यावसायिक वर्चस्व हासिल करना नहीं है, बल्कि यह कुछ ऐसा टूल बनाने की प्रतिस्पर्द्धा भी है जिसके नतीजे आने वाले कई पीढ़ियों तक गूंजते रहें।
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काफी अनिश्चितता के दौर से गुजर रहा मानव भविष्य
उन्होंने यह भी कहा कि चैटजीपीटी बनाने वाली कंपनी उनकी कंपनी तेजी से आगे नहीं बढ़ी तो कोई और बाजी मार ले जाएगा। मानव भविष्य काफी अनिश्चितता के दौर से गुजर रहा है। पूरा मानव इतिहास यही बताता है कि ऐसी किसी भी स्थिति में हमें खुद को केंद्र में लाने और अपनी अहमियत बनाए रखने का तरीका ढूंढ़ना होगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि एआई के दौर में भी हम खुद के लिए कोई न कोई भूमिका ढूंढ़ ही लेंगे।

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बदलाव कठिन लेकिन नई संभावनाएं भी बढ़ेंगी
ऑल्टमैन ने एआई के कारण कुछ नौकरियां अप्रचलित होने की आशंकाओं पर भी बात की। यह पूछे जाने पर कि लोग जिंदा कैसे रहेंगे?, सैम ने कहा कि एआई लोगों के लिए अधिक रचनात्मक, दार्शनिक या पारस्परिक हितों से जुड़े लक्ष्यों को हासिल करने की नई संभावनाएं उत्पन्न करेगा। उन्होंने कहा कि एक अल्पावधि में नौकरी खोने वालों के लिए बदलाव काफी कठिन है। लेकिन जब सभी को एआई के जरिये तुरंत मदद और ज्ञान मिल सकता है तो वे समाज में अधिक सार्थक योगदान देने पर नए सिरे से विचार कर पाएंगे।

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