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CRPF: जवान का फोन हैक कर साइबर अपराधी ने लगाई चार लाख रुपये की चपत, बिना मांगे लोन देकर ऐसे की ठगी
आजकल बिना मांगे लोन देना और उसके बाद खाता खाली कर देना, ऐसे मामलों में बढ़ोतरी देखी गई है। पिछले दिनों, देश के सबसे बड़े केंद्रीय अर्धसैनिक बल 'सीआरपीएफ' में एक ऐसा ही मामला देखने को मिला है...
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देश में साइबर अपराध के जरिए ठगी होने की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। सरकारी एवं निजी संस्थानों को टारगेट करने के अलावा आम व खास लोगों को भी साइबर अपराधी निशाना बना रहे हैं। आजकल बिना मांगे लोन देना और उसके बाद खाता खाली कर देना, ऐसे मामलों में बढ़ोतरी देखी गई है। पिछले दिनों, देश के सबसे बड़े केंद्रीय अर्धसैनिक बल 'सीआरपीएफ' में एक ऐसा ही मामला देखने को मिला है। 181 बटालियन के हवलदार राजू पाल (बदला हुआ नाम) के साथ ऑनलाइन ठगी हो गई। कुछ ही मिनट में हवलदार पाल का 240000 रुपये का लोन स्वीकृत हो गया। खास बात है कि उसने ऐसा कोई आवेदन ही नहीं किया था। पैसे खाते में आ गए, लेकिन तभी चार बार में 385512 रुपये निकल गए। मामले की शिकायत www.cybercrime.gov.in पर की गई है।
शिकायत के मुताबिक, दस जनवरी को सहायक उपनिरीक्षक 'जीडी' ने इंटरनेट के माध्यम से अपनी गृह शाखा, भारतीय स्टेट बैंक का मोबाइल नंबर निकाला। उसकी खोज में 1965231104 व 2222742431 नंबर सामने आया। सहायक उपनिरीक्षक ने उक्त नंबरों पर कॉल करने का प्रयास किया, लेकिन कॉल नहीं लगी। तभी उसके पास एक अंजान मोबाइल नंबर, 7545064035 से कॉल आया। उसने कहा, आपने अभी भारतीय स्टेट बैंक में कॉल किया था। मैं भारतीय स्टेट बैंक का मैनेजर बोल रहा हूं। मैं आपकी क्या सहायता कर सकता हूं। सहायक उपनिरीक्षक ने उस व्यक्ति से कहा, मेरे लोन की किस्त हर माह की 15 तारीख को कटती है। इसे मैं माह के शुरू में करवाना चाहता हूं। बैंक मैनेजर ने जो कुछ सहायक उपनिरीक्षक को बताया, वह उसकी समझ में नहीं आया। उसने अपना मोबाइल फोन हवलदार पाल को दे दिया।
पाल ने पूछा, कौन बोल रहा है, तो जवाब मिला कि बैंक मैनेजर बोल रहा हूं। बैंक मैनेजर ने कहा, आप गौर से सुनिये। सहायक उपनिरीक्षक के फोन में नेटवर्क की समस्या है। इसके बाद बैंक मैनेजर ने कहा, क्या आप 'योनो' चलाते हैं। पाल ने कहा, हां मैं योनो चलाता हूं। बैंक मैनेजर ने इतना सुनते ही उसके व्हाट्सएप पर एक लिंक भेज दिया। इसके बाद कहा कि वह जोलो असिस्ट एप मोबाइल में इंस्टॉल करे। पाल के इतना करते ही उसके मोबाइल का नियंत्रण, बैंक मैनेजर के पास चला गया। इसके बाद बैंक मैनेजर ने योनो से 240000 रुपये का लोन स्वीकृत करा लिया। उसे हवलदार पाल के इंडियन बैंक 'इलाहबाद बैंक' के खाते से 98512 रुपये, भारतीय स्टेट बैंक में ट्रांसफर कर दिए। कुछ ही मिनट में एसबीआई के खाते से चार बार में कुल 385512 रुपये ट्रांसफर किए। खाते से 190000, 98512, 50000 और 47000 रुपये निकाले गए।
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