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Earthquake Alert: भूकंप की जानकारी पहले ही दे सकता है एंड्रॉयड फोन, वैज्ञानिकों ने भी माना लोहा

टेक डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: प्रदीप पाण्डेय Updated Sat, 19 Jul 2025 04:00 PM IST
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सार

तीन साल के अंदर, Google का यह सिस्टम 98 देशों में सक्रिय है और 2.5 अरब से अधिक लोगों को कवर करता है। यह सिस्टम स्मार्टफोन्स के accelerometer सेंसर का इस्तेमाल करता है, जो कंपन को पहचानते हैं। यही डेटा Google के सर्वर तक भेजा जाता है, जो फिर तय करता है कि वास्तव में भूकंप आया है या नहीं।
 

Earthquake Alert Android phone can give information about earthquake in advance scientists also agree
Earthquake Alert - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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2020 में Google ने एक अनोखी और क्रांतिकारी तकनीक पेश की Android Earthquake Alert (AEA) सिस्टम। यह खासतौर पर उन क्षेत्रों के लोगों के लिए बनाया गया था, जो भूकंप संभावित क्षेत्रों में रहते हैं। महंगे और सीमित पहुंच वाले पारंपरिक भूकंप चेतावनी नेटवर्क की तुलना में यह फीचर न केवल किफायती है, बल्कि वैज्ञानिकों के अनुसार बेहद सटीक भी है, क्योंकि यह किसी भी समर्पित सीस्मिक स्टेशन (भूकंपीय केंद्र) की आवश्यकता नहीं रखता।

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अब तक 2.5 अरब से ज्यादा लोगों को कवर कर रहा है AEA सिस्टम

तीन साल के अंदर, Google का यह सिस्टम 98 देशों में सक्रिय है और 2.5 अरब से अधिक लोगों को कवर करता है। यह सिस्टम स्मार्टफोन्स के accelerometer सेंसर का इस्तेमाल करता है, जो कंपन को पहचानते हैं। यही डेटा Google के सर्वर तक भेजा जाता है, जो फिर तय करता है कि वास्तव में भूकंप आया है या नहीं।

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विज्ञान जर्नल में प्रकाशित स्टडी में क्या निकला?

हाल ही में ‘Science’ नामक जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन में पाया गया कि Google का Android Earthquake Alert सिस्टम पारंपरिक सीस्मिक नेटवर्क जितना ही प्रभावी है। शोधकर्ताओं ने लिखा, "AEA यह दिखाता है कि दुनियाभर में फैले स्मार्टफोन भूकंप की पहचान करने और बड़े पैमाने पर चेतावनी जारी करने में सक्षम हैं, और यह प्रणाली राष्ट्रीय स्तर की मौजूदा तकनीकों के बराबर है।" हालांकि स्मार्टफोन के सेंसर, पारंपरिक भूकंपीय उपकरणों जितने संवेदनशील नहीं होते, फिर भी वे भूगर्भीय कंपन को सही से पहचानने में सक्षम हैं।

अलर्ट कितना कारगर है?

  • 2021 से 2024 के बीच, इस सिस्टम ने 1.9 से 7.8 तीव्रता वाले औसतन 312 भूकंप 98 देशों में रिकॉर्ड किए।
  • लगभग 85% यूजर्स, जिन्हें अलर्ट मिला, उन्होंने इसे दूसरों के साथ साझा किया।
  • इनमें से 36% को भूकंप आने से पहले, 28% को भूकंप के दौरान, और 23% को भूकंप के बाद अलर्ट मिला।
  • एक एनिमेशन वीडियो में दिखाया गया कि तुर्की में 6.2 तीव्रता वाले भूकंप के दौरान, कैसे फोन कंपन को पहचानते गए और Google के सर्वर ने अलर्ट भेजा।

यह सिस्टम कैसे काम करता है?

Google के अनुसार, जैसे ही किसी एंड्रॉयड फोन का accelerometer सेंसर किसी असामान्य कंपन को पहचानता है, वह तुरंत Google के भूकंप डिटेक्शन सर्वर को अलर्ट भेजता है। सर्वर फिर उस क्षेत्र के अन्य स्मार्टफोनों से भी डेटा लेता है और मिलाकर तय करता है कि क्या वास्तव में भूकंप हो रहा है। अगर पुष्टि हो जाती है, तो यह सिस्टम तेजी से अलर्ट भेजता है, जिससे यूजर्स को कुछ सेकंड पहले चेतावनी मिल सकती है। Google का कहना है कि उसके पास 2 अरब से अधिक एंड्रॉयड डिवाइसेज हैं, जो मिनी भूकंप डिटेक्टर की तरह काम करते हैं। इस तरह यह दुनिया का सबसे बड़ा भूकंप डिटेक्शन नेटवर्क बन गया है।

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