{"_id":"67f2fb6f377f16e353010f94","slug":"ghibli-is-opening-the-door-to-the-dark-web-and-deepfake-experts-warn-there-could-be-a-threat-to-privacy-2025-04-07","type":"story","status":"publish","title_hn":"Ghibli: डार्क वेब व डीपफेक का द्वार तो नहीं खोल रहा घिबली; विशेषज्ञों ने चेताया- गोपनीयता के लिए खतरा संभव","category":{"title":"Tech Diary","title_hn":"टेक डायरी","slug":"tech-diary"}}
Ghibli: डार्क वेब व डीपफेक का द्वार तो नहीं खोल रहा घिबली; विशेषज्ञों ने चेताया- गोपनीयता के लिए खतरा संभव
अमर उजाला ब्यूरो, नई दिल्ली
Published by: शिव शुक्ला
Updated Mon, 07 Apr 2025 03:39 AM IST
विज्ञापन
सार
जापानी एनिमेशन की कला शैली स्टूडियो घिबली का ट्रेंड ओपन एआई के जीपीटी-40 मॉडल लॉन्च करने के बाद शुरू हुआ है। विशेषज्ञ बताते हैं कि तस्वीरों में महज आपका चेहरा ही नहीं होता, बल्कि आपकी लोकेशन, वक्त और डिवाइस की जानकारी जैसा छिपा हुआ मेटाडाटा भी होता है और ये सभी निजी गोपनीय जानकारी आसानी से दे सकते हैं।

घिबली।
- फोटो : Meta AI
विज्ञापन
विस्तार
आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) की मदद से अपनी तस्वीरों को स्टूडियो घिबली स्टाइल में बदलने का लोग भले ही बेधड़क मजा ले रहे हैं, मगर इससे आपकी गोपनीयता और आपके डाटा के गलत इस्तेमाल का गंभीर खतरा पैदा हो सकता है।

Trending Videos
साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ चेताते हैं कि भले ही ये एआई टूल्स सुरक्षित दिखें, पर नियम व शर्तें अक्सर अस्पष्ट होती हैं। अगर निजी तस्वीरें चोरी हो जाएं, तो उसका इस्तेमाल डीपफेक बनाने के लिए हो सकता है, या डाटा डार्क वेब पर बिक सकता है। शर्तों में यह साफ नहीं होता कि प्रोसेसिंग के बाद आपकी फोटो का होता क्या है?
विज्ञापन
विज्ञापन
जापानी एनिमेशन की कला शैली स्टूडियो घिबली का ट्रेंड ओपन एआई के जीपीटी-40 मॉडल लॉन्च करने के बाद शुरू हुआ है। विशेषज्ञ बताते हैं कि तस्वीरों में महज आपका चेहरा ही नहीं होता, बल्कि आपकी लोकेशन, वक्त और डिवाइस की जानकारी जैसा छिपा हुआ मेटाडाटा भी होता है और ये सभी निजी गोपनीय जानकारी आसानी से दे सकते हैं। साइबर सुरक्षा फर्म कैस्परस्की एआई प्रौद्योगिकी अनुसंधान केंद्र के व्लादिस्लाव तुश्कानोव कहते हैं कि कुछ कंपनियां डाटा की सुरक्षा का ध्यान रखती हैं, लेकिन कोई भी सिस्टम पूरी तरह सुरक्षित नहीं होता। तकनीकी गलतियों या हैकिंग से डाटा लीक हो सकता है, पब्लिक में आ सकता है या डार्क वेब पर बिक सकता है। डार्क वेब पर कई फोरम हैं, जहां यूजर्स के अकाउंट और फोटो बेचे जाते हैं। इसलिए तस्वीरें डालने से पहले सावधानी बरतें।
एक क्लिक जिंदगी में ला सकता है तूफान
एंटीवायरस सॉफ्टवेयर कंपनी मैकएफी के डायरेक्टर ऑफ इंजीनियरिंग प्रतीम मुखर्जी कहते हैं कि रचनात्मकता का बहाना बनाकर डाटा साझा करने की आदत डाली जा रही है। जब यही डाटा पैसे कमाने के लिए इस्तेमाल होता है, तो आनंद व शोषण के बीच का अंतर खत्म हो जाता है।
इसे भी पढ़ें- UN: तकनीक के क्षेत्र में बढ़ रही भारत की ताकत, नई प्रौद्योगिकी अपनाने की रैंकिंग में शीर्ष देशों में शामिल
मुखर्जी कहते हैं कि बड़ी परेशानी यह है कि डाटा के इस्तेमाल से जुड़े नियम आमतौर पर लंबे और मुश्किल शब्दों में होते हैं। अधिकतर लोग नहीं समझ पाते कि वे एक क्लिक पर किसकी मंजूरी दे रहे हैं। सिर्फ थोड़े आनंद के लिए इतना बड़ा खतरा मोल लेना सही नहीं हैं। वे कहते हैं कि कंपनियों के लिए यह बताना आवश्यक कर देना चाहिए कि वे यूजर का डाटा कैसे इस्तेमाल करते हैं।
इसे भी पढ़ें- Digital World : घिबली इमेज का चढ़ा खुमार... सोशल मीडिया पर भरमार, मगर साइबर एक्सपर्ट्स ने बजाई खतरे की घंटी
विज्ञापन
रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News App अपने मोबाइल पे|
Get all Tech News in Hindi related to live news update of latest mobile reviews apps, tablets etc. Stay updated with us for all breaking news from Tech and more Hindi News.
विज्ञापन
विज्ञापन