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Google DeepMind: गूगल तैयार कर रहा इंसानों जैसा सोचने वाला एआई एजेंट, चुटकियों में निपटाएगा कई टेढ़े काम
टेक डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: नीतीश कुमार
Updated Sun, 16 Nov 2025 03:56 PM IST
सार
Google DeepMind ने अपने नए AI एजेंट SIMA 2 को पेश किया है, जो वर्चुअल गेम वर्ल्ड में इंसानों की तरह सोचकर, प्लान बनाकर और सीखकर टास्क पूरा कर सकता है। Gemini मॉडल पर आधारित यह सिस्टम पिछले वर्ज़न की तुलना में अधिक तेज और समझदार है।
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गूगल एआई एजेंट
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आपके लिए मेल लिखने का छुट्टी के ट्रिप प्लान करने तक सीमित नहीं रह गया है। Google DeepMind ने हाल ही में अपने "स्केलेबल इंस्ट्रक्टिबल मल्टीवर्ल्ड एजेंट" यानी SIMA का नया वर्जन लॉन्च कर दिया है। SIMA 2 पहले मॉडल की तुलना में काफी एडवांस्ड है और यह वर्चुअल दुनिया में इंसान जैसी समझ रखता है, योजनाएं बनाता है और सीखने की क्षमता दिखाता है। यह अपग्रेड मार्च 2024 में आए पहले SIMA मॉडल पर आधारित है और Google के Gemini मॉडलों से पावर होता है।
कैसे काम करता है SIMA 2?
SIMA 2 किसी 3D गेम वर्ल्ड से विज़ुअल इनपुट लेकर दिए गए टास्क को समझता है। यूजर अगर इसे “एक शेल्टर बनाओ” या “लाल घर खोजो” जैसे निर्देश देते हैं, तो यह पहले उस लक्ष्य को छोटे-छोटे स्टेप्स में बांटता है और फिर कीबोर्ड-माउस जैसे इनपुट के जरिए उन्हें एक-एक करके पूरा करता है। इस तरह AI स्क्रीन पर दिख रही चीजों के आधार पर निर्देशों को वास्तविक कार्रवाई में बदल देता है।
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नए गेम्स में भी दिखाया कमाल
DeepMind ने SIMA 2 को ऐसे गेम एनवायरनमेंट में भी टेस्ट किया, जहां यह पहले कभी नहीं गया था। इनमें Minedojo (Minecraft पर आधारित रिसर्च प्लेटफॉर्म) और ASKA (Viking-थीम वाला सर्वाइवल गेम) शामिल थे। दोनों ही जगह SIMA 2 ने पुराने वर्जन की तुलना में बेहतर एडाप्टेशन और ज्यादा टास्क सफलता दर दिखाई।
यह विभिन्न प्रकार के इनपुट जैसे स्केच, इमोजी या अलग भाषाओं में दिए गए निर्देश भी समझ सकता है। AI एक गेम से सीखा हुआ कॉन्सेप्ट दूसरे गेम में भी इस्तेमाल कर लेता है, जिससे इसकी सीखने की क्षमता कई गुना बढ़ जाती है।
भविष्य में क्या बदल सकता है SIMA 2?
कंपनी का मानना है कि 3D गेम वर्ल्ड इस AI मॉडल का टेस्टिंग ग्राउंड है। इसमे सफल होने के बाद असल दुनिया में काम करने वाले बेहतरीन AI एजेंट तैयार किए जा सकेत हैं। DeepMind का लक्ष्य ऐसे AI बनाना है जो कई तरह की भाषाएं समझे, योजना बनाएं और वास्तविक दुनिया में मशीनों को नियंत्रित कर सकें। SIMA 2 इस दिशा में एक मजबूत आधार तैयार करता है और भविष्य में जनरल-पर्पज रोबोटिक्स को बदल सकता है।
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सीमाएं अभी भी मौजूद
DeepMind के मुताबिक SIMA 2 ने काफी बेहतरीन क्षमताओं का प्रदर्शन किया है, लेकिन अभी भी लंबी अवधि की मेमोरी, बहुत जटिल मल्टी-स्टेप रीजनिंग और बेहद सटीक लो-लेवल कंट्रोल में संघर्ष करता है। यही वजह है कि फिलहाल इसे फिजिकल रोबोट में सीधे इस्तेमाल करना संभव नहीं है।
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कैसे काम करता है SIMA 2?
SIMA 2 किसी 3D गेम वर्ल्ड से विज़ुअल इनपुट लेकर दिए गए टास्क को समझता है। यूजर अगर इसे “एक शेल्टर बनाओ” या “लाल घर खोजो” जैसे निर्देश देते हैं, तो यह पहले उस लक्ष्य को छोटे-छोटे स्टेप्स में बांटता है और फिर कीबोर्ड-माउस जैसे इनपुट के जरिए उन्हें एक-एक करके पूरा करता है। इस तरह AI स्क्रीन पर दिख रही चीजों के आधार पर निर्देशों को वास्तविक कार्रवाई में बदल देता है।
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नए गेम्स में भी दिखाया कमाल
DeepMind ने SIMA 2 को ऐसे गेम एनवायरनमेंट में भी टेस्ट किया, जहां यह पहले कभी नहीं गया था। इनमें Minedojo (Minecraft पर आधारित रिसर्च प्लेटफॉर्म) और ASKA (Viking-थीम वाला सर्वाइवल गेम) शामिल थे। दोनों ही जगह SIMA 2 ने पुराने वर्जन की तुलना में बेहतर एडाप्टेशन और ज्यादा टास्क सफलता दर दिखाई।
यह विभिन्न प्रकार के इनपुट जैसे स्केच, इमोजी या अलग भाषाओं में दिए गए निर्देश भी समझ सकता है। AI एक गेम से सीखा हुआ कॉन्सेप्ट दूसरे गेम में भी इस्तेमाल कर लेता है, जिससे इसकी सीखने की क्षमता कई गुना बढ़ जाती है।
भविष्य में क्या बदल सकता है SIMA 2?
कंपनी का मानना है कि 3D गेम वर्ल्ड इस AI मॉडल का टेस्टिंग ग्राउंड है। इसमे सफल होने के बाद असल दुनिया में काम करने वाले बेहतरीन AI एजेंट तैयार किए जा सकेत हैं। DeepMind का लक्ष्य ऐसे AI बनाना है जो कई तरह की भाषाएं समझे, योजना बनाएं और वास्तविक दुनिया में मशीनों को नियंत्रित कर सकें। SIMA 2 इस दिशा में एक मजबूत आधार तैयार करता है और भविष्य में जनरल-पर्पज रोबोटिक्स को बदल सकता है।
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सीमाएं अभी भी मौजूद
DeepMind के मुताबिक SIMA 2 ने काफी बेहतरीन क्षमताओं का प्रदर्शन किया है, लेकिन अभी भी लंबी अवधि की मेमोरी, बहुत जटिल मल्टी-स्टेप रीजनिंग और बेहद सटीक लो-लेवल कंट्रोल में संघर्ष करता है। यही वजह है कि फिलहाल इसे फिजिकल रोबोट में सीधे इस्तेमाल करना संभव नहीं है।