सब्सक्राइब करें
Hindi News ›   Technology ›   Tech Diary ›   it ministry frame rules for ai content labeling to regulate deepfake videos

Deepfake: एआई कंटेंट पर अब लगेगा ‘लेबल’, डीपफेक पर लगाम को लेकर IT नियमों में संशोधन का प्रस्ताव पेश

टेक डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: नीतीश कुमार Updated Wed, 22 Oct 2025 05:26 PM IST
विज्ञापन
सार

AI Content Labeling Rule: डीपफेक और फर्जी एआई कंटेंट से बढ़ते खतरे को देखते हुए केंद्र सरकार ने आईटी नियमों में अहम संशोधन का प्रस्ताव दिया है। नए नियमों के तहत सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को एआई-जनरेटेड कंटेंट पर ‘लेबल’ और स्पष्ट पहचान चिह्न लगाना अनिवार्य होगा।

it ministry frame rules for ai content labeling to regulate deepfake videos
एआई जनरेटेड डीपफेक से बढ़ा खतरा - फोटो : AI
विज्ञापन

विस्तार
Follow Us

केंद्र सरकार ने डीपफेक और एआई-जनरेटेड फर्जी कंटेंट से होने वाले नुकसान को रोकने के लिए आईटी नियमों में बदलाव का प्रस्ताव पेश किया है। इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) द्वारा तैयार किए गए इस मसौदे में कहा गया है कि अब सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को एआई या सिंथेटिक कंटेंट को स्पष्ट रूप से चिन्हित करना होगा ताकि यूजर असली और नकली सामग्री में फर्क कर सकें।
Trending Videos


क्या हैं नए नियमों के प्रमुख प्रावधान?
प्रस्तावित संशोधन के अनुसार, फेसबुक, इंस्टाग्राम और एक्स (पूर्व में ट्विटर) जैसे बड़े सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को यह सुनिश्चित करना होगा कि यदि कोई कंटेंट एआई या कंप्यूटर-जनित है, तो उस पर लेबल या मार्कर लगाया जाए। यह लेबल विजुअल कंटेंट में कम से कम 10 फीसदी हिस्से पर दिखाई देना चाहिए, जबकि ऑडियो में शुरुआती 10 फीसदी अवधि तक सुनाई देना जरूरी होगा।
विज्ञापन
विज्ञापन


साथ ही, प्लेटफॉर्म्स को यह भी जांच करनी होगी कि यूजर द्वारा अपलोड किया गया कंटेंट असली है या सिंथेटिक। इसके लिए तकनीकी उपाय अपनाने और यूजर से ‘डिक्लेरेशन’ लेना अनिवार्य होगा।

डीपफेक से बढ़ रहा खतरा
मंत्रालय ने कहा कि हाल के महीनों में डीपफेक ऑडियो और वीडियो तेजी से वायरल हुए हैं, जिनसे गलत जानकारी फैलाने, राजनीतिक छवि बिगाड़ने, धोखाधड़ी करने और लोगों की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने के मामले सामने आए हैं। वैश्विक स्तर पर भी डीपफेक तकनीक को लेकर चिंता बढ़ी है, क्योंकि यह तकनीक असली लगने वाले झूठे वीडियो और फोटो बनाकर समाज में भ्रम फैलाने में सक्षम है।

फीडबैक के लिए खुला है मसौदा
आईटी मंत्रालय ने इस ड्राफ्ट पर जनता और विशेषज्ञों से 6 नवंबर 2025 तक सुझाव और टिप्पणियां मांगी हैं। सरकार का कहना है कि इन बदलावों का उद्देश्य यूजर्स को जागरूक बनाना, फेक कंटेंट पर अंकुश लगाना और साथ ही एआई इनोवेशन के लिए एक सुरक्षित वातावरण तैयार करना है।
विज्ञापन
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News App अपने मोबाइल पे|
Get all Tech News in Hindi related to live news update of latest mobile reviews apps, tablets etc. Stay updated with us for all breaking news from Tech and more Hindi News.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

एप में पढ़ें

Followed