Made in China: चीन में ही सबसे ज्यादा आईफोन क्यों बनवाता है एपल, टीम कुक ने दिया जवाब
एपल के सीईओ टिम कुक का 2024 का एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें वे बताते हैं कि एपल सबसे ज्यादा प्रोडक्ट चीन में ही क्यों मैन्युफैक्चर करवाता है। बता दें कि इसके पीछे की वजह सस्ते मजदूर नहीं हैं।

विस्तार
हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दु्निया के तमाम देशों टैरिफ लगाया और कुछ दिन बाद इसे 90 दिनों के लिए स्थगित कर दिया लेकिन चीन पर टैरिफ बढ़ा दिया। इस टैरिफ वॉर के बीच डोनाल्ड ट्रंप ने एपल जैसी कंपनियों से अपील की थी कि वे अपना मैन्युफैक्चरिंग बेस अमेरिका में शिफ्ट करें, हालांकि एक्सपर्ट का मानना है कि अमेरिका में बड़े पैमाने पर प्रोडक्शन करना व्यावहारिक रूप से संभव नहीं है, इसके पीछे कई वजहें हैं। इसी बीच एपल के सीईओ टिम कुक का 2024 का एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें वे बताते हैं कि एपल सबसे ज्यादा प्रोडक्ट चीन में ही क्यों मैन्युफैक्चर करवाता है। बता दें कि इसके पीछे की वजह सस्ते मजदूर नहीं हैं।

सस्ते मजदूर वाला देश नहीं रहा चीन- टीम कुक
आमतौर पर यही कहा जाता है कि चीन में मजदूर सस्ते में मिल जाते हैं इसलिए अधिकतर कंपनियां अपने प्रोडक्ट को चीन में तैयार करवाती हैं। 55-सेकेंड के वीडियो में टिम कुक ने इस धारणा को गलत बताया कि एपल सिर्फ सस्ते श्रम की वजह से चीन में मैन्युफैक्चरिंग करता है। उन्होंने साफ कहा कि "चीन अब सस्ता श्रम वाला देश नहीं रहा, यह धारणा पुरानी और गलत है।"
उन्होंने यह भी बताया कि एपल और दुनिया की तमाम बड़ी टेक कंपनियां चीन में मैन्युफैक्चरिंग इसलिए कर रही हैं क्योंकि वहां स्किल्ड लेबर का अद्वितीय और व्यापक नेटवर्क मौजूद है। टिम कुक ने एपल प्रोडक्ट्स के लिए जरूरी एडवांस्ड टूलिंग क्षमताओं और बारीकियों से जुड़ा कामकाज समझाते हुए कहा कि चीन में इस तरह की गहराई और विशेषज्ञता मिलती है, जो किसी और देश में मिलना बेहद मुश्किल है।
Tim Cook breaks down why Apple builds in China and why the U.S. isn’t ready to replace it yet.
— Nigel D'Souza (@Nigel__DSouza) April 11, 2025
pic.twitter.com/OiEpyIEZlN
टिम कुक ने अमेरिका और चीन के बीच की इस योग्यता का उदाहरण देते हुए कहा, "अगर अमेरिका में टूलिंग इंजीनियर्स की मीटिंग बुलानी हो, तो मुझे नहीं लगता कि हम एक कमरे को भी भर पाएंगे। जबकि चीन में आप कई फुटबॉल मैदान भर सकते हैं यानी चीन में वोकेशनल एक्सपर्टीज बहुत गहरी और मजबूत है।"
आपको याद दिला दें कि इसी हफ्ते डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर एपल से आग्रह किया कि वह अमेरिका में ही iPhone का निर्माण शुरू करे। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने भी एपल के 500 अरब डॉलर के घरेलू निवेश प्लान का हवाला देते हुए इसे कंपनी की अमेरिकी अर्थव्यवस्था के प्रति प्रतिबद्धता का संकेत बताया।