Password की छुट्टी: Microsoft अकाउंट के लिए अब पासवर्ड की जरूरत नहीं, कंपनी ने कहा- कुछ अच्छा चुनें
इसका फायदा यह है कि Passkey को कोई दूसरा व्यक्ति री-यूज नहीं कर सकता। इसके अलावा यह डाटा लीक में चोरी नहीं होती। फिशिंग अटैक्स का कोई खतरा नहीं होता। पासवर्ड की तरह आपको इसे याद रखने की जरूरत नहीं होती

विस्तार
Microsoft ने घोषणा की है कि अब से नए Microsoft अकाउंट्स पासवर्ड के बिना ही बनाए जाएंगे। कंपनी अब चाहती है कि यूजर्स पूरी तरह से पासवर्ड-रहित दुनिया की ओर बढ़ें और Passkeys, फेस आईडी, फिंगरप्रिंट ऑथेंटिकेशन या सिक्योरिटी कीज जैसे आधुनिक और सुरक्षित विकल्पों का उपयोग करें।

क्यों छोड़ रहा है Microsoft पासवर्ड?
Microsoft के मुताबिक, पासवर्ड्स आज के समय में सुरक्षा और उपयोगिता दोनों के लिहाज से कमजोर साबित हो रहे हैं। पासवर्ड्स को आसानी से फिशिंग, ब्रूट फोर्स अटैक और ह्यूमन एरर से तोड़ा जा सकता है। कंपनी ने बताया कि हर सेकंड करीब 7,000 पासवर्ड-बेस्ड साइबर अटैक होते हैं, जो 2023 की तुलना में दोगुने हो चुके हैं। इसीलिए Microsoft अब चाहता है कि यूजर्स पासकीज जैसे विकल्प अपनाएं, जो अधिक सुरक्षित और तेज हैं।
Passkey क्या है?
Passkey एक नई तकनीक है जो पारंपरिक पासवर्ड को पूरी तरह बायपास करती है। यह तकनीक FIDO (फास्ट आडेंटिटी ऑनलाइन) अलायंस द्वारा तैयार की गई है, जिसमें Microsoft, Apple और Google जैसे दिग्गज शामिल हैं। Passkey में यूजर के डिवाइस (जैसे फोन या कंप्यूटर) में क्रिप्टोग्राफिक की स्टोर होती है, जो उनके बायोमेट्रिक डेटा (फिंगरप्रिंट या फेस ID) या डिवाइस PIN से लिंक होती है।
इसका फायदा यह है कि Passkey को कोई दूसरा व्यक्ति री-यूज नहीं कर सकता। इसके अलावा यह डाटा लीक में चोरी नहीं होती। फिशिंग अटैक्स का कोई खतरा नहीं होता। पासवर्ड की तरह आपको इसे याद रखने की जरूरत नहीं होती। Microsoft के आंकड़ों के अनुसार पासकीज के जरिए साइन-इन का सक्सेस रेट 98% है, जबकि पासवर्ड के साथ सिर्फ 32% पासकीज से साइन-इन करना 8 गुना तेज होता है। FIDO Alliance का दावा है कि अब तक 15 अरब यूजर अकाउंट पासकीज से साइन-इन करने में सक्षम हैं
क्या बदलेगा अब?
Microsoft ने एक नया साइन-इन इंटरफेस लॉन्च किया है, जिसमें पासवर्डलेस ऑप्शन को प्राथमिकता दी गई है। अब से जो भी नया Microsoft अकाउंट बनाया जाएगा, वह डिफ़ॉल्ट रूप से पासवर्डलेस होगा। मौजूदा यूजर्स को भी अपना पासवर्ड हटाने का विकल्प दिया गया है, अगर वे पासकी पर शिफ्ट करना चाहें। Microsoft का कहना है कि यह बदलाव कंपनी के एक दशक पुराने विजन का हिस्सा है, जिसकी शुरुआत 2015 में Windows Hello के साथ हुई थी। अब कंपनी चाहती है कि हर साइन-इन सुरक्षित और पासवर्ड-मुक्त हो।