आत्मनिर्भर भारत: अब सेमीकंडक्टर के लिए किसी के भरोसे नहीं रहेगा देश, नोएडा बनेगा मैन्युफैक्चरिंग हब
मंत्री वैष्णव ने कहा, “स्मार्टफोन, लैपटॉप, मेडिकल इक्विपमेंट, रक्षा उपकरण, ऑटोमोबाइल सहित कई क्षेत्रों में इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट्स की मांग तेजी से बढ़ रही है। ऐसे में सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री का विकास समय की जरूरत है।”

विस्तार
सेमीकंडक्टर को लेकर भारत सरकार काफी गंभीर है, क्योंकि भारत के लिए सेमीकंडक्टर सबसे बड़ी दिक्कत रही है। इसके लिए हमें दुनिया के अन्य देश जैसे चीन, अमेरिका और ताइवान पर निर्भर रहना पड़ता है लेकिन अब नहीं। देश में सेमीकंडक्टर निर्माण और डिजाइन क्षमताओं को सशक्त बनाने के उद्देश्य से केंद्रीय आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने नोएडा और बेंगलुरु में दो नई अत्याधुनिक डिजाइन सुविधाओं का उद्घाटन किया।

3 नैनोमीटर चिप डिजाइन में भारत की पहली पहल
इस अवसर पर मंत्री वैष्णव ने बताया कि Renesas इलेक्ट्रॉनिक इंडिया प्राइवेट लिमिटेड भारत का पहला डिजाइन सेंटर है जो अत्याधुनिक 3 नैनोमीटर चिप डिजाइन पर काम कर रहा है। Renesas के CEO और मैनेजिंग डायरेक्टर हिदेतोशी शिबाटा ने कहा कि इन डिजाइन सुविधाओं के माध्यम से भारत में आर्किटेक्चर से लेकर टेस्टिंग तक की संपूर्ण सेमीकंडक्टर क्षमताओं को विकसित किया जाएगा।
स्टार्टअप्स और शैक्षणिक संस्थानों के लिए सपोर्ट
नई डिजाइन सुविधाएं सरकार द्वारा समर्थित चिप्स टू स्टार्टअप (C2S) कार्यक्रम और डिजाइन लिंक्ज इंसेंटिव (DLI) योजना के तहत 250 से अधिक शैक्षणिक संस्थानों और स्टार्टअप्स को समर्थन देंगी और तकनीकी कौशल और डिजान क्षमताओं को विकसित करेंगी। आईटी मंत्री ने सेमीकंडक्टर लर्निंग किट भी लॉन्च की, जिसमें उन्नत EDA (इलेक्ट्रॉनिक डिजाइन ऑटोमेशन) सॉफ्टवेयर टूल्स शामिल है।
क्यों महत्वपूर्ण है यह पहल?
भारत की सेमीकंडक्टर यात्रा
- 2021: सरकार ने Semicon India कार्यक्रम शुरू किया
- 2022: 76,000 करोड़ रुपये की लागत से भारत सेमीकंडक्टर मिशन (ISM) का पहला चरण लॉन्च हुआ
- उद्देश्य: सिलिकॉन फैब, डिस्प्ले फैब, कंपाउंड सेमीकंडक्टर आदि को बढ़ावा देना
- अब जल्द ही सेमीकंडक्टर मिशन का दूसरा चरण शुरू होने की तैयारी