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ChatGPT Atlas: क्या है चैटजीपीटी एटलस, जिसने लॉन्च के साथ ही Google का करा दिया 13 लाख करोड़ का नुकसान?
टेक डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: नीतीश कुमार
Updated Wed, 22 Oct 2025 04:22 PM IST
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सार
OpenAI ने अपने नए AI-संचालित वेब ब्राउजर Atlas की घोषणा के साथ टेक दुनिया में हलचल मचा दी है। इस लॉन्च के बाद गूगल की पैरेंट कंपनी अल्फाबेट की मार्केट वैल्यू करीब 150 अरब डॉलर घट गई।

एटलस ब्राउजर
- फोटो : OpenAI
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विस्तार
OpenAI ने मंगलवार को अपने नए AI-पावर्ड वेब ब्राउजर ChatGPT Atlas का एलान किया, जिसने टेक सेक्टर में हलचल मचा दी। लॉन्च के तुरंत बाद गूगल की पैरेंट कंपनी अल्फाबेट के शेयरों में बड़ी गिरावट दर्ज की गई जिससे कंपनी की मार्केट वैल्यू करीब 150 अरब डॉलर घट गई। इसे इस साल किसी टेक लॉन्च पर सबसे बड़ा मार्केट रिएक्शन माना जा रहा है।
इस घोषणा से पहले OpenAI ने X पर एक सिर्फ छह सेकंड का टीजर वीडियो पोस्ट किया था, जिसमें कुछ ब्राउजर टैब दिखाए गए थे। इसके बाद एक लाइवस्ट्रीम में सीईओ सैम ऑल्टमैन ने बताया कि एटलस सिर्फ एक ब्राउजर नहीं, बल्कि इंटरनेट अनुभव को फिर से परिभाषित करने का अवसर है।
क्या है Atlas और क्यों है खास?
Atlas को macOS के लिए लॉन्च किया गया है, जबकि विंडोज और एंड्राइड वर्जन जल्द आने वाले हैं। यह ब्राउजर गूगल क्रोम की तकनीक क्रोमियम पर आधारित है, लेकिन इसमें चैटजीपीटी को सीधे हर वेबपेज में इंटीग्रेट किया गया है। यानी अब आपको अलग टैब खोलने या कॉपी-पेस्ट करने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
इसका सबसे चर्चित फीचर है “एजेंट मोड”, जिसमें AI खुद आपके कर्सर और कीबोर्ड को कंट्रोल करता है। यह फ्लाइट बुक करने, प्रोडक्ट रिसर्च करने या डॉक्युमेंट एडिट करने जैसे काम अपने आप कर सकता है। शुरुआत में इस फीचर को सिर्फ ChatGPT Plus और Pro यूजर्स के लिए उपलब्ध किया गया है।
गूगल के लिए बढ़ी चिंता
Google Chrome लंबे समय से वेब ब्राउज़िंग का बादशाह है, लेकिन अब Atlas उसका सबसे बड़ा प्रतिद्वंद्वी बनकर उभर रहा है। गूगल की कमाई का बड़ा हिस्सा सर्च ऐड से आता है, जबकि AI-संचालित ब्राउज़र सीधे जवाब देकर उस मॉडल को चुनौती दे रहे हैं। चैटजीपीटी के 80 करोड़ साप्ताहिक यूजर्स OpenAI को एक विशाल यूजर बेस देते हैं, जो Google की सर्च डॉमिनेंस को हिला सकते हैं। हालांकि गूगल भी पीछे नहीं है। कंपनी ने हाल ही में क्रोम में Gemini AI को इंटीग्रेट किया है और सर्च को स्मार्ट बनाने के लिए नए टूल्स जोड़े हैं।

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इस घोषणा से पहले OpenAI ने X पर एक सिर्फ छह सेकंड का टीजर वीडियो पोस्ट किया था, जिसमें कुछ ब्राउजर टैब दिखाए गए थे। इसके बाद एक लाइवस्ट्रीम में सीईओ सैम ऑल्टमैन ने बताया कि एटलस सिर्फ एक ब्राउजर नहीं, बल्कि इंटरनेट अनुभव को फिर से परिभाषित करने का अवसर है।
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क्या है Atlas और क्यों है खास?
Atlas को macOS के लिए लॉन्च किया गया है, जबकि विंडोज और एंड्राइड वर्जन जल्द आने वाले हैं। यह ब्राउजर गूगल क्रोम की तकनीक क्रोमियम पर आधारित है, लेकिन इसमें चैटजीपीटी को सीधे हर वेबपेज में इंटीग्रेट किया गया है। यानी अब आपको अलग टैब खोलने या कॉपी-पेस्ट करने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
इसका सबसे चर्चित फीचर है “एजेंट मोड”, जिसमें AI खुद आपके कर्सर और कीबोर्ड को कंट्रोल करता है। यह फ्लाइट बुक करने, प्रोडक्ट रिसर्च करने या डॉक्युमेंट एडिट करने जैसे काम अपने आप कर सकता है। शुरुआत में इस फीचर को सिर्फ ChatGPT Plus और Pro यूजर्स के लिए उपलब्ध किया गया है।
गूगल के लिए बढ़ी चिंता
Google Chrome लंबे समय से वेब ब्राउज़िंग का बादशाह है, लेकिन अब Atlas उसका सबसे बड़ा प्रतिद्वंद्वी बनकर उभर रहा है। गूगल की कमाई का बड़ा हिस्सा सर्च ऐड से आता है, जबकि AI-संचालित ब्राउज़र सीधे जवाब देकर उस मॉडल को चुनौती दे रहे हैं। चैटजीपीटी के 80 करोड़ साप्ताहिक यूजर्स OpenAI को एक विशाल यूजर बेस देते हैं, जो Google की सर्च डॉमिनेंस को हिला सकते हैं। हालांकि गूगल भी पीछे नहीं है। कंपनी ने हाल ही में क्रोम में Gemini AI को इंटीग्रेट किया है और सर्च को स्मार्ट बनाने के लिए नए टूल्स जोड़े हैं।