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Alert: 100 करोड़ एंड्रॉइड यूजर्स पर मंडरा रहा है खतरा! बचना है तो तुरंत करें ये काम
टेक डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: नीतीश कुमार
Updated Tue, 30 Dec 2025 10:51 PM IST
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सार
Warning For Android Users: दुनियाभर में करीब 1 अरब एंड्रॉइड यूजर्स साइबर हमलों के बड़े खतरे में हैं। ताजा रिपोर्ट के अनुसार, पुराने ऑपरेटिंग सिस्टम और सिक्योरिटी अपडेट की कमी के कारण ये फोन हैकर्स के लिए आसान निशाना बन गए हैं। वहीं, एपल के आईफोन इस मामले में काफी सुरक्षित हैं।
Android
- फोटो : Adobe Stock
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विस्तार
जब हम नया स्मार्टफोन खरीदते हैं, तो अक्सर हमारा ध्यान उसकी कीमत, फीचर्स, बैटरी और कैमरे पर होता है। लेकिन हम एक बहुत जरूरी चीज भूल जाते हैं और वह है सॉफ्टवेयर सपोर्ट। स्टेटकाउंटर (StatCounter) के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, दुनिया के 60% से ज्यादा एंड्रॉइड यूजर्स आज भी पुराने वर्जन (जैसे एंड्रॉइड 13 या उससे पहले के) चला रहे हैं। इसका सीधा मतलब यह है कि लगभग 100 करोड़ लोग ऐसे डिवाइस इस्तेमाल कर रहे हैं जिन्हें गूगल की तरफ से अब कोई नया सिक्योरिटी पैच या सुरक्षा कवच नहीं मिल रहा है।
क्यों जरूरी है हर महीने मिलने वाला अपडेट?
इंटरनेट की दुनिया में हैकर्स हर दिन सेंधमारी के नए तरीके ढूंढते हैं। जिम्पिरियम (Zimperium) की 2025 की ग्लोबल मोबाइल थ्रेट रिपोर्ट बताती है कि सुरक्षा अपडेट न मिलने से फोन में ऐसी कमियां रह जाती हैं जिनका फायदा उठाकर कोई भी अपराधी आपका डेटा चोरी कर सकता है। उदाहरण के तौर पर, दिसंबर 2025 में गूगल ने एंड्रॉइड की 107 कमियों को ठीक करने के लिए पैच जारी किए। इनमें से 40% बेहद खतरनाक थीं, जो किसी को भी आपके फोन का कंट्रोल दे सकती थीं। लेकिन पुराने एंड्रॉइड फोन चलाने वालों को ये सुधार मिले ही नहीं, जिससे वे आसान शिकार बन गए।
एपल और एंड्रॉइड में सुरक्षा का बड़ा अंतर
सुरक्षा के मामले में एपल का इकोसिस्टम काफी मजबूत साबित हुआ है। आंकड़ों के अनुसार, दुनिया के लगभग 90% एक्टिव आईफोन हमेशा लेटेस्ट सॉफ्टवेयर और सुरक्षा अपडेट से लैस रहते हैं। इसके उलट, केवल 10% आईफोन यूजर्स ही ऐसे हैं जो पुराने वर्जन पर हैं। यह बड़ा अंतर ही आईफोन को एंड्रॉइड के मुकाबले कहीं ज्यादा सुरक्षित बनाता है। एपल अपने पुराने मॉडल्स को भी वर्षों तक अपडेट देता रहता है, जबकि कई एंड्रॉइड कंपनियां बजट फोन बेचकर उन्हें सॉफ्टवेयर के भरोसे छोड़ देती हैं।
नया फोन खरीदते समय रखें इन बातों का ध्यान
अगर आप नया एंड्रॉइड फोन खरीदने का मन बना रहे हैं, तो सिर्फ लुभावने फीचर्स न देखें। यह सुनिश्चित करें कि कंपनी कम से कम 3 से 4 साल के सिक्योरिटी अपडेट और कम से कम 2 साल के ऑपरेटिंग सिस्टम अपग्रेड का वादा कर रही हो। आज के डिजिटल दौर में, जहां बैंकिंग से लेकर पर्सनल यादें तक सब फोन में हैं, सुरक्षा कोई लक्जरी नहीं बल्कि जरूरत है। एक सुरक्षित फोन में किया गया निवेश आपके निजी डेटा और भविष्य की सुरक्षा के लिए सबसे समझदारी भरा फैसला है।
बचने के लिए करें ये काम
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क्यों जरूरी है हर महीने मिलने वाला अपडेट?
इंटरनेट की दुनिया में हैकर्स हर दिन सेंधमारी के नए तरीके ढूंढते हैं। जिम्पिरियम (Zimperium) की 2025 की ग्लोबल मोबाइल थ्रेट रिपोर्ट बताती है कि सुरक्षा अपडेट न मिलने से फोन में ऐसी कमियां रह जाती हैं जिनका फायदा उठाकर कोई भी अपराधी आपका डेटा चोरी कर सकता है। उदाहरण के तौर पर, दिसंबर 2025 में गूगल ने एंड्रॉइड की 107 कमियों को ठीक करने के लिए पैच जारी किए। इनमें से 40% बेहद खतरनाक थीं, जो किसी को भी आपके फोन का कंट्रोल दे सकती थीं। लेकिन पुराने एंड्रॉइड फोन चलाने वालों को ये सुधार मिले ही नहीं, जिससे वे आसान शिकार बन गए।
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एपल और एंड्रॉइड में सुरक्षा का बड़ा अंतर
सुरक्षा के मामले में एपल का इकोसिस्टम काफी मजबूत साबित हुआ है। आंकड़ों के अनुसार, दुनिया के लगभग 90% एक्टिव आईफोन हमेशा लेटेस्ट सॉफ्टवेयर और सुरक्षा अपडेट से लैस रहते हैं। इसके उलट, केवल 10% आईफोन यूजर्स ही ऐसे हैं जो पुराने वर्जन पर हैं। यह बड़ा अंतर ही आईफोन को एंड्रॉइड के मुकाबले कहीं ज्यादा सुरक्षित बनाता है। एपल अपने पुराने मॉडल्स को भी वर्षों तक अपडेट देता रहता है, जबकि कई एंड्रॉइड कंपनियां बजट फोन बेचकर उन्हें सॉफ्टवेयर के भरोसे छोड़ देती हैं।
नया फोन खरीदते समय रखें इन बातों का ध्यान
अगर आप नया एंड्रॉइड फोन खरीदने का मन बना रहे हैं, तो सिर्फ लुभावने फीचर्स न देखें। यह सुनिश्चित करें कि कंपनी कम से कम 3 से 4 साल के सिक्योरिटी अपडेट और कम से कम 2 साल के ऑपरेटिंग सिस्टम अपग्रेड का वादा कर रही हो। आज के डिजिटल दौर में, जहां बैंकिंग से लेकर पर्सनल यादें तक सब फोन में हैं, सुरक्षा कोई लक्जरी नहीं बल्कि जरूरत है। एक सुरक्षित फोन में किया गया निवेश आपके निजी डेटा और भविष्य की सुरक्षा के लिए सबसे समझदारी भरा फैसला है।
बचने के लिए करें ये काम
- अपने एंड्रॉयड फोन के सेटिंग्स में जाकर OS वर्जन को अपडेट करने की कोशिश करें।
- अगर फोन का नया OS वर्जन उपलब्ध है तो बिना देर किए उसे अपडेट कर लें।
- इसके अलावा फोन में अगर प्लेस्टोर के बाहर से एप इंस्टॉल किया है तो उसे तुरंत हटा दें।