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Password Vs PassKey: क्या पासवर्ड से ज्यादा सिक्योर है पासकी, अकाउंट सेफ्टी के लिए किसे करें यूज?

टेक डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: नीतीश कुमार Updated Wed, 25 Jun 2025 04:08 PM IST
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सार

Password Vs Passkey: ऑनलाइन दुनिया में अकाउंट सुरक्षा के लिए अब तक पासवर्ड का इस्तेमाल होता रहा है, लेकिन अब पासकी एक सुरक्षित विकल्प बनकर उभरी है। जानिए पासवर्ड और पासकी में क्या अंतर है और किससे बेहतर मिलेगी डिजिटल सुरक्षा।

Password vs passkey login security for accounts comparison
पासवर्ड Vs पासकी - फोटो : FREEPIK
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विस्तार
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आजकल की डिजिटल दुनिया में लगभग हर व्यक्ति के पास एक से ज्यादा ऑनलाइन अकाउंट होते हैं, जिनकी सुरक्षा सबसे अहम होती है। लंबे समय से इन अकाउंट्स की सुरक्षा का जिम्मा पासवर्ड पर रहा है, लेकिन अब टेक्नोलॉजी में बदलाव आया है और पासकी (Passkey) एक नया और ज्यादा सुरक्षित विकल्प बनकर सामने आया है।
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अब सवाल यह है कि पासवर्ड और पासकी में असल फर्क क्या है? और यूजर के लिए इनमें से कौन ज्यादा सुरक्षित, भरोसेमंद और सुविधाजनक है? आइए जानने की कोशिश करते हैं।
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अब पुराना हो गया पासवर्ड
पासवर्ड एक ऐसा सीक्रेट कोड होता है जिसे हम अकाउंट बनाते समय तय करते हैं। यह शब्दों, अंकों और विशेष चिन्हों का मिश्रण हो सकता है। लेकिन इसकी सबसे बड़ी कमजोरी यह है कि यह आसानी से हैक या चोरी हो सकता है, खासकर तब जब कोई कमजोर या दोहराया गया पासवर्ड हम इस्तेमाल करते हैं।

यूजर्स को हर प्लेटफॉर्म के लिए अलग-अलग पासवर्ड याद रखना पड़ता है, जो कठिन होता है। साथ ही, फिशिंग अटैक्स और डेटा लीक जैसी घटनाएं पासवर्ड सुरक्षा को और भी जोखिम भरा बना देती हैं।

Password vs passkey login security for accounts comparison
Facebook Rolls Out Passkey - फोटो : META
बेहतर सेफ्टी तय करती है Passkey
पासकी एक नया लॉगिन सिस्टम है जो पासवर्ड की जरूरत को पूरी तरह खत्म कर देता है। यह डिवाइस-बेस्ड ऑथेंटिकेशन पर काम करता है जिसमें यूजर का डिवाइस, जैसे मोबाइल या लैपटॉप पर फिंगरप्रिंट, फेस ID या पिन से लॉगिन वेरीफाई किया जा सकता है।

पासकी सिस्टम पब्लिक और प्राइवेट की पर आधारित होता है। यहां प्राइवेट की सिर्फ आपके डिवाइस में रहती है और कहीं भी शेयर नहीं होती, जिससे पासकी फिशिंग या डेटा चोरी से पूरी तरह सुरक्षित रहती है।

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यह लॉगिन प्रोसेस तेज, आसान और फुलप्रूफ है क्योंकि इसमें न तो कुछ याद रखने की जरूरत होती है और न ही कोई रिस्क रहता है कि किसी को पासकी मिल जाएगी।

कौन है ज्यादा सुरक्षित और आसान?
सुरक्षा के लिहाज से पासकी, पासवर्ड से कहीं ज्यादा सिक्योर है। यह फिशिंग जैसे साइबर हमलों से सुरक्षित रहती है क्योंकि इसमें यूजर की जानकारी कभी भी सर्वर पर नहीं जाती। लॉगिन के लिए पासकी केवल उस डिवाइस पर काम करती है जिस पर वह रजिस्टर्ड होती है, इसलिए किसी और के हाथ लगने का सवाल ही नहीं उठता।

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वहीं, पासवर्ड को अगर आप मजबूत भी बनाएं, फिर भी यह फिशिंग और हैकिंग के खतरे से पूरी तरह सुरक्षित नहीं होता। पासवर्ड को बार-बार बदलना, याद रखना और हर प्लेटफॉर्म पर अलग सेट करना एक बोझ जैसा बन जाता है।

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क्या पासवर्ड का दौर होगा खत्म? - फोटो : apple
क्या खत्म हो जाएगा पासवर्ड का दौर?
टेक्नोलॉजी की बड़ी कंपनियां जैसे Google, Apple, Meta और Microsoft अब पासकी को भविष्य का लॉगिन सिस्टम मान रही हैं। गूगल ने तो 2023 में इसे डिफॉल्ट लॉगिन तरीका बना भी दिया था। धीरे-धीरे ज्यादातर वेबसाइट्स और एप्स पासकी को अपनाने लगी हैं।

इसका मतलब यह नहीं कि पासवर्ड तुरंत खत्म हो जाएगा। आज भी कई वेबसाइट्स में केवल पासवर्ड ऑथेंटिकेशन का ही विकल्प मिलता है, लेकिन आने वाले समय में पासवर्ड का इस्तेमाल कम हो जाएगा।
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