सावधान: फोन आया, कहा गया, तुम क्रेडिट कार्ड स्कैम में शामिल हो और खाते से निकल गए 28 लाख रुपये
Cyber Scam: हाल ही में इस स्कैम के शिकार पुणे के पिंपरी-चिंचवड के 76 वर्षीय डॉक्टर बने, जिन्हें फर्जी सीबीआई अधिकारियों ने 28 लाख रुपये का चूना लगाया है। डॉक्टर को यह कहते हुए धमकाया गया कि वे क्रेडिट कार्ड स्कैम में शामिल हैं।

विस्तार
पिछले कुछ महीनों में भारत में ऑनलाइन धोखाधड़ी के मामलों में भारी वृद्धि देखी गई है। साइबर अपराधी लोगों को धोखा देने के लिए कई तरह की तकनीकें अपना रहे हैं। इनमें से सबसे खतरनाक और भावनात्मक रूप से हेरफेर करने वाला स्कैम डिजिटल अरेस्ट स्कैम है।

इस स्कैम में ठग फर्जी पुलिस अधिकारी बनकर पीड़ितों को फोन करते हैं और डिजिटल गिरफ्तारी के बहाने उन्हें एक कमरे में बंद रहने और किसी से बात न करने का निर्देश देते हैं। हाल ही में इस स्कैम के शिकार पुणे के पिंपरी-चिंचवड के 76 वर्षीय डॉक्टर बने, जिन्हें फर्जी सीबीआई अधिकारियों ने 28 लाख रुपये का चूना लगाया है। डॉक्टर को यह कहते हुए धमकाया गया कि वे क्रेडिट कार्ड स्कैम में शामिल हैं।
कैसे काम करता है यह स्कैम?
- ठगों ने डॉक्टर के वरिष्ठ नागरिक और पेशेवर होने का फायदा उठाया।
- फर्जी सीबीआई अधिकारी ने डॉक्टर को अपने एक साथी के साथ कनेक्ट कर दिया, जो खुद को सुप्रीम कोर्ट का वकील बता रहा था।
- इस फर्जी वकील ने केस से संबंधित जानकारी के नाम पर डॉक्टर की वित्तीय और व्यक्तिगत जानकारी मांगी।
- इस दौरान, पीड़ित को "डिजिटल अरेस्ट" में होने की बात कहकर डराया गया।
डॉक्टर के साथ 28 लाख रुपये की धोखाधड़ी
लगातार धमकियों के बाद, ठगों ने डॉक्टर से 28 लाख रुपये दो बैंक खातों में ट्रांसफर करने के लिए कहा। डर और दबाव में आकर डॉक्टर ने ऐसा ही किया। यह स्कैम तब सामने आया जब डॉक्टर के बेटे ने इन लेन-देन को देखा और कॉल्स की सच्चाई समझी। इसके बाद परिवार ने पिंपरी पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई। यह घटना अकेली नहीं है, बल्कि एक चिंताजनक ट्रेंड को उजागर करती है। ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से परिचित और शिक्षित लोग भी ऐसे स्कैम के शिकार हो रहे हैं।
कैसे बचें इस स्कैम से
- किसी भी कॉल पर, जो सरकारी या कानून प्रवर्तन एजेंसी के नाम पर हो, कॉलर की पहचान की जांच करें।
- व्हाट्सएप पर कॉल्स पर भरोसा न करें:
- वैध अधिकारी आमतौर पर व्हाट्सएप के जरिए संपर्क नहीं करते।
- आर्थिक जानकारी साझा न करें:
- फोन पर अपनी वित्तीय या व्यक्तिगत जानकारी कभी न बताएं, खासकर जब दबाव में हों।
- किसी भी ऐसे मामले में संबंधित एजेंसी से सीधे संपर्क करें।