सब्सक्राइब करें
Hindi News ›   Technology ›   Tech Diary ›   Rise of AI Agents: What Changed in 2025 and the Big Challenges Ahead in 2026

AI: 2025 में एआई चैटबॉट्स ने कैसे दुनिया बदली? क्या एआई एजेंट्स ही अब असली भविष्य हैं?

टेक डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: सुयश पांडेय Updated Tue, 30 Dec 2025 02:40 PM IST
विज्ञापन
सार

2025 ने साबित कर दिया कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सिर्फ जवाब देने वाला टूल नहीं, बल्कि खुद काम करने वाला सिस्टम बन गया है। एआई एजेंट्स जो इंसानों की भाषा समझकर टूल्स और सॉफ्टवेयर की मदद से अपने आप काम पूरा कर सकते हैं, इस बदलाव की सबसे बड़ी वजह है।

Rise of AI Agents: What Changed in 2025 and the Big Challenges Ahead in 2026
एआई (प्रतीकात्मक तस्वीर) - फोटो : अमर उजाला प्रिंट
विज्ञापन

विस्तार
Follow Us

वर्ष 2025 आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के लिए एक निर्णायक मोड़ साबित हुआ। हम एआई के लगातार हो रहे है परिवर्तन के साक्षी बने। पहले एआई सिर्फ सवालों के जवाब देता था लेकिन अब खुद फॉर्म भरना, टिकट बुक करना या सॉफ्टवेयर चलाने जैसे काम भी कर सकता है। और इस बदलाव की सबसे बड़ी वजह एआई एजेंट्स हैं।

Trending Videos

एआई एजेंट्स क्या होते हैं?

एआई एजेंट्स ऐसे एआई सिस्टम होते हैं जो इंसान की बात समझते हैं, सोचते हैं कि क्या करना है और टूल्स या सॉफ्टवेयर की मदद से खुद काम पूरा करते हैं। यानि अब एआई सिर्फ सलाहकार नहीं रहा बल्कि डिजिटल असिस्टेंट और एक्शन टेकर बन गया है। एंथ्रोपिक जैसी कंपनियों के अनुसार, एआई एजेंट वे बड़े लैंग्वेज मॉडल होते हैं जो बिना हर कदम पर इंसान की मदद लिए खुद फैसले लेकर काम कर सकते हैं।

विज्ञापन
विज्ञापन

यह बदलाव कैसे आया?

यह बदलाव अचानक नहीं हुआ। 2024 के अंत में एंथ्रोपिक ने मॉडल कॉन्टेक्स्ट प्रोटोकॉल (MCP) नाम का सिस्टम पेश किया। इससे एआई को बाहरी टूल्स (जैसे ब्राउजर, एप्स, डाटाबेस) से जोड़ना आसान हो गया। अब एआई सिर्फ टेक्स्ट नहीं लिखता, बल्कि वेबसाइट खोलता है, बटन क्लिक करता है और खुद पूरा काम निपटा लेता है। 

2025 के सबसे बड़े बदलाव 

जनवरी 2025 में चीन का डीपसीक-R1 सामने आया। इसने साबित कर दिया कि सिर्फ अमेरिका की बड़ी कंपनियां ही ताकतवर एआई नहीं बना रहीं बल्कि चीन भी इस रेस में शामिल है। यह एक ओपन-वेट मॉडल था। 2025 में चीनी एआई मॉडल्स के डाउनलोड कई अमेरिकी मॉडल्स से ज्यादा रहे। 

अप्रैल में गूगल ने Agent2Agent प्रोटोकॉल पेश किया। इससे एआई एजेंट्स एक-दूसरे से बात कर सकते थे। बाद में गूगल और एंथ्रोपिक दोनों ने अपने प्रोटोकॉल लिनक्स फाउंडेशन को दे दिए ताकि ये ओपन और सुरक्षित स्टैंडर्ड बन सकें।

2025 के बीच तक एआई सीधे आम यूजर्स तक पहुंच गया। एजेंटिक ब्राउजर्स आए, इन मॉडल्स के इस्तेमाल से छुट्टियों की जानकारी ढूंढने के साथ-साथ टिकट और होटल बुक करने में भी मदद मिली। इससे ब्राउजर सिर्फ देखने का टूल नहीं बल्कि काम में साथ देने वाला साथी बन गया।

नई ताकत के साथ नए खतरे भी बढ़े

जैसे-जैसे एआई एजेंट्स ताकतवर हुए, वैसे-वैसे खतरे भी बढ़े। नवंबर में एंथ्रोपिक ने बताया कि उनके एक एआई एजेंट का गलत इस्तेमाल करके साइबर हमलों के कुछ हिस्से ऑटोमैटिक किए गए। यही 2025 की सबसे बड़ी चुनौती थी। एआई ने काम आसान बनाया लेकिन गलत हाथों में पड़ने पर खतरा भी बढ़ा दिया।

2026 में क्या बदल सकता है?

2025 के अंत में लिनक्स फाउंडेशन ने एजेंटिक एआई फाउंडेशन शुरू किया। इसका उद्देश्य सुरक्षित नियम बनाना और अलग-अलग एआई सिस्टम्स को आपस में काम करने लायक बनाना था। 2026 में छोटे, सस्ते और खास काम के लिए बने एआई मॉडल्स बनाने पर फोकस रह सकता है। हर काम के लिए बड़ा और महंगा एआई जरूरी नहीं होगा। 

2026 की बड़ी चुनौतियां

एआई डाटा सेंटर्स बहुत ज्यादा बिजली खपत करते हैं, जिससे बिजली ग्रिड पर दबाव और पर्यावरण को नुकसान पहुंचता है। इससे कई काम ऑटोमेट हो जाएंगे और नौकरी जाने का डर बढ़ जाएगा। साथ ही एक नया खतरा 'इनडायरेक्ट प्रॉम्प्ट इंजेक्शन' पैदा होगा जिसमें हैकर्स वेबसाइट पर छिपे कमांड डाल देते हैं और एआई एजेंट उसी कमांड पर गलत काम कर बैठता है। यूरोप और चीन की तुलना में अमेरिका में एआई पर नियम अभी कमजोर हैं। जैसे-जैसे एआई हमारी डिजिटल जिंदगी का हिस्सा बन रहा है, जवाबदेही और सीमाओं पर सवाल बढ़ेंगे। एआई एजेंट्स भविष्य का बड़ा हिस्सा हैं लेकिन सिर्फ तेज टेक्नोलॉजी काफी नहीं है। हमें सुरक्षित डिजाइन, सख्त इंजीनियरिंग और सही नियम चाहिए। एआई एजेंट्स को सिर्फ सॉफ्टवेयर नहीं, बल्कि समाज और तकनीक का मिला-जुला सिस्टम समझना होगा। तभी भविष्य स्मार्ट भी होगा और सुरक्षित भी।

विज्ञापन
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News App अपने मोबाइल पे|
Get all Tech News in Hindi related to live news update of latest mobile reviews apps, tablets etc. Stay updated with us for all breaking news from Tech and more Hindi News.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

Election
एप में पढ़ें

Followed