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SCO Summit: एससीओ समिट में चीन का AI रोबोट बना आकर्षण का केंद्र, भारत पर दिया चौंकाने वाला बयान!
टेक डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: नीतीश कुमार
Updated Mon, 01 Sep 2025 01:05 PM IST
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सार
Humanoid Robot In SCO Summit 2025 China: चीन में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन में एक खास मेहमान ने सबका ध्यान अपनी ओर खींचा। ये मेहमान न कोई राजनेता थे और न ही कोई अधिकारी, बल्कि एक अत्याधुनिक AI रोबोट था।

SCO समिट में इस रोबोट ने खींचा सबका ध्यान
- फोटो : X
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विस्तार
चीन के तियानजिन शहर में हुए SCO शिखर सम्मेलन के दौरान, एक महिला जैसे दिखने वाले ह्यूमनॉइड AI रोबोट ने अपनी काबिलियत से सबको हैरान कर दिया। इस रोबोट का नाम श्याओ हे है, जिसे खास तौर पर इस शिखर सम्मेलन में आने वाले वैश्विक नेताओं और पत्रकारों की मदद के लिए तैयार किया गया था। यह रोबोट अंग्रेजी, रूसी और चीनी जैसी कई भाषाओं में बेझिझक बात कर सकता था।
'डिप्लोमैटिक' जवाब देता है रोबोट
जब एक पत्रकार ने इस रोबोट से भारत के बारे में उसकी 'व्यक्तिगत राय' पूछी, तो उसने बड़ा ही संतुलित और सधा हुआ जवाब दिया। श्याओ हे ने कहा, "एक AI सर्विस रोबोट होने के नाते, मैं किसी भी देश या राजनीति के बारे में व्यक्तिगत राय नहीं देता।" इसके बजाय, उसने SCO शिखर सम्मेलन से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियों और आगामी कार्यक्रमों के बारे में विस्तार से बताया। जब उससे उसके प्रदर्शन के बारे में पूछा गया, तो उसने आत्मविश्वास के साथ कहा, "मैं आज अपनी सर्वोत्तम क्षमता के अनुसार काम कर रहा हूं। पूछने के लिए धन्यवाद।"
जानें 'श्याओ हे' की खासियतें
पत्रकारों से बातचीत में इस रोबट ने खुद को एक "स्पेशल पर्पस रोबोट" बताया। यह रोबोट मल्टीटास्किंग करने में सक्षम है, जैसे यह चीनी, अंग्रेजी और रूसी में बात कर सकता है। यह तुरंत जानकारी को प्रोसेस करके सटीक जवाब दे सकता है। हालांकि, ये प्रोटोकॉल का पालन करते हुए सीमित विषयों पर ही बात कर सकता है।
श्याओ हे के अलावा, एक और रोबोट था जिसने मीडिया सेंटर में वॉलंटियर्स को आइसक्रीम परोसी। यह दिखाता है कि चीन ने इस सम्मेलन को और भी आधुनिक बनाने के लिए तकनीक का भरपूर इस्तेमाल किया।
चीन में 7 साल बाद पहुंचे प्रधानमंत्री मोदी
इस सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया, जो 7 साल के अंतराल के बाद चीन पहुंचे थे। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और उनकी पत्नी पेंग लियुआन ने पीएम मोदी का गर्मजोशी से स्वागत किया। पीएम मोदी ने शी जिनपिंग के साथ हाथ मिलाया और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन सहित अन्य नेताओं के साथ समूह तस्वीर में शामिल हुए, जो SCO सदस्य देशों के बीच सहयोग का प्रतीक थी।
शिखर सम्मेलन की शुरुआत से पहले, पीएम मोदी ने शी जिनपिंग के साथ कई द्विपक्षीय बैठकें भी कीं। विदेश मंत्रालय के अनुसार, दोनों नेताओं ने वैश्विक व्यापार को स्थिर करने में भारत और चीन की भूमिका पर जोर दिया। वे दोनों देशों के बीच "पीपुल-टू-पीपुल" (लोगों के बीच) संपर्क को मजबूत करने पर सहमत हुए, जिसके तहत सीधी उड़ानें, आसान वीजा और कैलाश मानसरोवर यात्रा को फिर से शुरू करने जैसे उपायों पर विचार किया गया। यह बैठक दोनों देशों के संबंधों में एक सकारात्मक कदम है।

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'डिप्लोमैटिक' जवाब देता है रोबोट
जब एक पत्रकार ने इस रोबोट से भारत के बारे में उसकी 'व्यक्तिगत राय' पूछी, तो उसने बड़ा ही संतुलित और सधा हुआ जवाब दिया। श्याओ हे ने कहा, "एक AI सर्विस रोबोट होने के नाते, मैं किसी भी देश या राजनीति के बारे में व्यक्तिगत राय नहीं देता।" इसके बजाय, उसने SCO शिखर सम्मेलन से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियों और आगामी कार्यक्रमों के बारे में विस्तार से बताया। जब उससे उसके प्रदर्शन के बारे में पूछा गया, तो उसने आत्मविश्वास के साथ कहा, "मैं आज अपनी सर्वोत्तम क्षमता के अनुसार काम कर रहा हूं। पूछने के लिए धन्यवाद।"
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जानें 'श्याओ हे' की खासियतें
पत्रकारों से बातचीत में इस रोबट ने खुद को एक "स्पेशल पर्पस रोबोट" बताया। यह रोबोट मल्टीटास्किंग करने में सक्षम है, जैसे यह चीनी, अंग्रेजी और रूसी में बात कर सकता है। यह तुरंत जानकारी को प्रोसेस करके सटीक जवाब दे सकता है। हालांकि, ये प्रोटोकॉल का पालन करते हुए सीमित विषयों पर ही बात कर सकता है।
श्याओ हे के अलावा, एक और रोबोट था जिसने मीडिया सेंटर में वॉलंटियर्स को आइसक्रीम परोसी। यह दिखाता है कि चीन ने इस सम्मेलन को और भी आधुनिक बनाने के लिए तकनीक का भरपूर इस्तेमाल किया।
चीन में 7 साल बाद पहुंचे प्रधानमंत्री मोदी
इस सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया, जो 7 साल के अंतराल के बाद चीन पहुंचे थे। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और उनकी पत्नी पेंग लियुआन ने पीएम मोदी का गर्मजोशी से स्वागत किया। पीएम मोदी ने शी जिनपिंग के साथ हाथ मिलाया और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन सहित अन्य नेताओं के साथ समूह तस्वीर में शामिल हुए, जो SCO सदस्य देशों के बीच सहयोग का प्रतीक थी।
शिखर सम्मेलन की शुरुआत से पहले, पीएम मोदी ने शी जिनपिंग के साथ कई द्विपक्षीय बैठकें भी कीं। विदेश मंत्रालय के अनुसार, दोनों नेताओं ने वैश्विक व्यापार को स्थिर करने में भारत और चीन की भूमिका पर जोर दिया। वे दोनों देशों के बीच "पीपुल-टू-पीपुल" (लोगों के बीच) संपर्क को मजबूत करने पर सहमत हुए, जिसके तहत सीधी उड़ानें, आसान वीजा और कैलाश मानसरोवर यात्रा को फिर से शुरू करने जैसे उपायों पर विचार किया गया। यह बैठक दोनों देशों के संबंधों में एक सकारात्मक कदम है।