सब्सक्राइब करें
Hindi News ›   Technology ›   Tech Diary ›   US Appeals Court Upholds Contempt Ruling Against Apple, Reopens Path for Commissions on External Payments

Apple: एपल को अमेरिकी कोर्ट से बड़ा झटका; एप स्टोर में मनमानी पर लगी फटकार, लेकिन कमाई का रास्ता अब भी खुला

टेक डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: सुयश पांडेय Updated Fri, 12 Dec 2025 10:40 AM IST
सार

अमेरिका की एक संघीय अपील अदालत ने माना है कि एपल ने कोर्ट के आदेशों का पालन नहीं किया, इसलिए उसे 'सिविल अवमानना' का दोषी ठहराया गया है। यह मामला एप स्टोर में बाहरी पेमेंट सिस्टम को अनुमति न देने से जुड़ा है।

विज्ञापन
US Appeals Court Upholds Contempt Ruling Against Apple, Reopens Path for Commissions on External Payments
एपल एप स्टोर (सांकेतिक तस्वीर) - फोटो : Apple
विज्ञापन

विस्तार
Follow Us

अमेरिकी कोर्ट में चल रही एपल और वीडियो गेम कंपनी 'एपिक गेम्स' की लड़ाई में एक नया मोड़ आया है। अमेरिका की एक संघीय अपील अदालत ने माना है कि एपल ने कोर्ट के आदेशों का पालन नहीं किया, इसलिए वह 'अवमानना' का दोषी है। हालांकि, इस फैसले में एपल के लिए एक राहत की खबर भी छिपी है। 

Trending Videos


अमेरिका की एक संघीय अपील अदालत ने उस फैसले को सही ठहराया। जिसमें एपल को कोर्ट के आदेश न मानने पर सिविल अवमानना का दोषी माना गया था। आरोप था कि एपल ने जानबूझकर उस आदेश की अनदेखी की। जिसमें आईफोन एप स्टोर में एपल के अलावा दूसरे पेमेंट सिस्टम्स को भी इजाजत देने को कहा गया था। लेकिन इस फैसले में एपल को एक राहत भी मिली है। अब वह बाहरी पेमेंट सिस्टम्स से होने वाली खरीद पर भी कुछ कमीशन ले सकेगा।

विज्ञापन
विज्ञापन

एपल ने क्या गलती की? 

कोर्ट ने पहले आदेश दिया था कि एपल को अपने एप स्टोर में डेवलपर्स को बाहरी पेमेंट सिस्टम (एपल के अलावा दूसरे पेमेंट तरीके) इस्तेमाल करने की आजादी देनी होगी। लेकिन एपल ने इसे ठीक से लागू नहीं किया। कोर्ट ने माना कि एपल ने जानबूझकर ऐसे नियम बनाए रखे ताकि उसकी मनमानी चलती रहे। कोर्ट ने इसे एपल का 'दिखावा' बताया है।

एपल के लिए 'राहत' क्या है? 

निचली अदालत ने पहले कहा था कि एपल बाहरी पेमेंट पर कमीशन नहीं ले सकता। लेकिन अब अपील कोर्ट ने इस रोक को हटा दिया है। नए आदेश के तहत कोर्ट ने कहा है कि एपल बाहरी पेमेंट विकल्पों पर भी 'उचित कमीशन' वसूल सकता है। अब निचली अदालत की जज को यह तय करना होगा कि एपल कितना कमीशन ले सकता है।

क्या है पुराना विवाद? 

यह लड़ाई 2020 में एपिक गेम्स ने शुरू की थी। उनका आरोप था कि एपल अपने आईफोन्स को एक 'बंद किले' की तरह चलाता है। हर इन-एप परचेज (In-app purchase) पर एपल 15% से 30% तक कमीशन लेता है, जो बहुत ज्यादा है। इन-एप परचेज वो होते हैं जो किसी एप के अंदर कुछ खरीदारी के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं। एपल किसी और को अपना पेमेंट सिस्टम लाने नहीं देता, जिसे एपिक गेम्स ने 'अवैध एकाधिकार' कहा था।

एपल की चालाकी क्यों नहीं चली? 

एपल को 2021 में आदेश दिया गया कि अपने एप स्टोर में बाहरी पेमेंट विकल्पों के लिंक लगाएं। एपल ने इस आदेश को चुनौती दी, लेकिन जनवरी 2024 में सुप्रीम कोर्ट ने उसकी अपील खारिज कर दी। इसके बाद एपल ने बाहरी पेमेंट सिस्टम्स पर भी 12-27% का कमीशन लेना शुरू कर दिया। यह इतना महंगा था कि डेवलपर्स को कोई फायदा नहीं हो रहा था। इसके बाद एपिक ने फिर एपल पर कोर्ट की अवमानना का आरोप लगाया। सुनवाई के बाद कोर्ट ने भी माना कि एपल का तरीका 'सिर्फ दिखावा' है और वह असल में बाहरी पेमेंट विकल्पों को अपनाने नहीं दे रहा।

विज्ञापन
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News App अपने मोबाइल पे|
Get all Tech News in Hindi related to live news update of latest mobile reviews apps, tablets etc. Stay updated with us for all breaking news from Tech and more Hindi News.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

Election
एप में पढ़ें

Followed