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Salt Battery: नमक से चलेगा मोबाइल, भविष्य बदलने को तैयार है ‘सॉल्ट बैटरी’, जर्मनी ने शुरू किया प्रोडक्शन
टेक डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: जागृति
Updated Thu, 11 Dec 2025 02:34 PM IST
सार
Sodium Chloride Battery: जर्मनी ने ऐसी अत्याधुनिक बैटरी तकनीक विकसित की है, जो भविष्य में इलेक्ट्रिक वाहनों, मोबाइल फोन और बड़े बिजली ग्रिड सिस्टम तक ऊर्जा का सबसे सुरक्षित और सस्ता विकल्प बन सकती है। साधारण नमक से बनी यह सॉल्ट बैटरी सुरक्षित और किफायती मानी जा रही है।
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सांकेतिक तस्वीर
- फोटो : freepik
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विस्तार
जर्मनी ने अब सॉल्ट बैटरी (Salt Battery) का बड़े पैमाने पर उत्पादन शुरू कर दिया है। इस नई तकनीक से बनने वाली बैटरियों को CERENERGY नाम दिया गया है। इन बैटरियों को ऊर्जा के क्षेत्र में गेम-चेंजर माना जा रहा है, क्योंकि यह महंगे और दुर्लभ धातुओं पर निर्भर नहीं हैं। ये साधारण नमक से बनाई जाती हैं।
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कैसे विकसित हुई नमक से बैचरी बनाने की तकनीक
इनोवेशन ओरिजिन्स के अनुसार, इस बैटरी को ऑस्ट्रेलियाई कंपनी Altech Batteries ने यूरोप के Fraunhofer IKTS रिसर्च इंस्टीट्यूट की मदद से तैयार किया है। इस टेक्नोलॉजी को विकसित करने में करीब 8 साल का रिसर्च शामिल है और इसमें 35 मिलियन यूरो खर्च किए जा चुके हैं। वहीं, कंपनी अब इसे कमर्शियल रूप देकर बिक्री शुरू करने की तैयारी कर रही है। रिपोर्ट के मुताबिक, सॉल्ट बैटरी से मोबाइल, स्मार्ट डिवाइसेज और यहां तक की इलेक्ट्रिक वाहनों को भी चलाने की तैयारी है।
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कैसे काम करती है नमक वाली बैटरी?
सॉल्ट बैटरी के काम करने का तरीका पारंपरिक लिथियम-आयन बैटरी से बिल्कुल अलग है। इसमें लिथियम, कोबाल्ट, ग्रेफाइट का उपयोग नहीं होता। इसमें सॉल्ट आधारित सॉलिड इलेक्ट्रोलाइट और सिरेमिक सेल्स लगाए जाते हैं। जिनकी वोल्टेज 2.58V होती है। यह एक सॉलिड-स्टेट बैटरी है और इसमें आग लगने का खतरा भी नहीं है। इसीलिए इसे बड़े ऊर्जा स्टोरेज सिस्टम और बिजली ग्रिड के लिए बनाया जाता है। दुनिया इसे भविष्य की पावर स्टोरेज मान रही है। शुरुआती टेस्ट में 500 से ज्यादा चार्ज साइकल के बाद भी प्रदर्शन स्थिर पाया गया है।ये भी पढ़े: iPhone Tips: बंद आईफोन भी हो सकता है ट्रैक, नहीं जानते ये जबरदस्त ट्रिक तो यहां जानें