Apple: एपल को अमेरिकी कोर्ट से बड़ा झटका; एप स्टोर में मनमानी पर लगी फटकार, लेकिन कमाई का रास्ता अब भी खुला
अमेरिका की एक संघीय अपील अदालत ने माना है कि एपल ने कोर्ट के आदेशों का पालन नहीं किया, इसलिए उसे 'सिविल अवमानना' का दोषी ठहराया गया है। यह मामला एप स्टोर में बाहरी पेमेंट सिस्टम को अनुमति न देने से जुड़ा है।
विस्तार
अमेरिकी कोर्ट में चल रही एपल और वीडियो गेम कंपनी 'एपिक गेम्स' की लड़ाई में एक नया मोड़ आया है। अमेरिका की एक संघीय अपील अदालत ने माना है कि एपल ने कोर्ट के आदेशों का पालन नहीं किया, इसलिए वह 'अवमानना' का दोषी है। हालांकि, इस फैसले में एपल के लिए एक राहत की खबर भी छिपी है।
अमेरिका की एक संघीय अपील अदालत ने उस फैसले को सही ठहराया। जिसमें एपल को कोर्ट के आदेश न मानने पर सिविल अवमानना का दोषी माना गया था। आरोप था कि एपल ने जानबूझकर उस आदेश की अनदेखी की। जिसमें आईफोन एप स्टोर में एपल के अलावा दूसरे पेमेंट सिस्टम्स को भी इजाजत देने को कहा गया था। लेकिन इस फैसले में एपल को एक राहत भी मिली है। अब वह बाहरी पेमेंट सिस्टम्स से होने वाली खरीद पर भी कुछ कमीशन ले सकेगा।
एपल ने क्या गलती की?
कोर्ट ने पहले आदेश दिया था कि एपल को अपने एप स्टोर में डेवलपर्स को बाहरी पेमेंट सिस्टम (एपल के अलावा दूसरे पेमेंट तरीके) इस्तेमाल करने की आजादी देनी होगी। लेकिन एपल ने इसे ठीक से लागू नहीं किया। कोर्ट ने माना कि एपल ने जानबूझकर ऐसे नियम बनाए रखे ताकि उसकी मनमानी चलती रहे। कोर्ट ने इसे एपल का 'दिखावा' बताया है।
एपल के लिए 'राहत' क्या है?
निचली अदालत ने पहले कहा था कि एपल बाहरी पेमेंट पर कमीशन नहीं ले सकता। लेकिन अब अपील कोर्ट ने इस रोक को हटा दिया है। नए आदेश के तहत कोर्ट ने कहा है कि एपल बाहरी पेमेंट विकल्पों पर भी 'उचित कमीशन' वसूल सकता है। अब निचली अदालत की जज को यह तय करना होगा कि एपल कितना कमीशन ले सकता है।
क्या है पुराना विवाद?
यह लड़ाई 2020 में एपिक गेम्स ने शुरू की थी। उनका आरोप था कि एपल अपने आईफोन्स को एक 'बंद किले' की तरह चलाता है। हर इन-एप परचेज (In-app purchase) पर एपल 15% से 30% तक कमीशन लेता है, जो बहुत ज्यादा है। इन-एप परचेज वो होते हैं जो किसी एप के अंदर कुछ खरीदारी के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं। एपल किसी और को अपना पेमेंट सिस्टम लाने नहीं देता, जिसे एपिक गेम्स ने 'अवैध एकाधिकार' कहा था।
एपल की चालाकी क्यों नहीं चली?
एपल को 2021 में आदेश दिया गया कि अपने एप स्टोर में बाहरी पेमेंट विकल्पों के लिंक लगाएं। एपल ने इस आदेश को चुनौती दी, लेकिन जनवरी 2024 में सुप्रीम कोर्ट ने उसकी अपील खारिज कर दी। इसके बाद एपल ने बाहरी पेमेंट सिस्टम्स पर भी 12-27% का कमीशन लेना शुरू कर दिया। यह इतना महंगा था कि डेवलपर्स को कोई फायदा नहीं हो रहा था। इसके बाद एपिक ने फिर एपल पर कोर्ट की अवमानना का आरोप लगाया। सुनवाई के बाद कोर्ट ने भी माना कि एपल का तरीका 'सिर्फ दिखावा' है और वह असल में बाहरी पेमेंट विकल्पों को अपनाने नहीं दे रहा।