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Tips: नया फोन खरीद रहे हैं? सिर्फ रैम और कैमरा ही नहीं, इन 7 जरूरी फीचर्स को समझकर ही करें फैसला
टेक डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: नीतीश कुमार
Updated Wed, 10 Dec 2025 06:14 PM IST
सार
Check 7 Features Before Buying Smartphone in 2025: भारत में हर बजट और हर जरूरत के हिसाब से फोन मिल जाता है, लेकिन सही फोन चुनने के लिए सिर्फ ब्रांड पर भरोसा करना काफी नहीं है। फोन खरीदने से पहले रैम, प्रोसेसर, डिस्प्ले, कैमरा और कई अन्य फीचर्स को समझना जरूरी है।
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स्मार्टफोन शॉप (सांकेतिक)
- फोटो : AI जनरेटेड
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विस्तार
आज स्मार्टफोन मार्केट में हर कीमत और हर यूजर की जरूरत के हिसाब से ढेरों विकल्प मौजूद हैं। ऐसे में सिर्फ ब्रांड देखकर फोन खरीद लेना सही फैसला नहीं होता। फोन खरीदने से पहले रैम, प्रोसेसर, डिस्प्ले, कैमरा और बैटरी जैसे फीचर्स को समझना बेहद जरूरी है। चलिए जानते हैं वे 5 बातें जो स्मार्टफोन खरीदने से पहले जरूर जाननी चाहिए।
1. आपको कितनी RAM चाहिए?
RAM को फोन की एक्टिव मेमोरी कहा जाता है, जो एक समय में कई कामों को स्मूद तरीके से हैंडल करने में मदद करती है। जैसे किसी काम को करने के लिए ज्यादा लोग लगाए जाएं तो काम को तेजी से खत्म किया जा सकता है। वैसे ही ज्यादा RAM होने पर फोन ज्यादा एप्स को बिना लैग के चलाता है। अगर फोन का बजट ₹15,000 तक है तो 6GB से 8GB RAM पर्याप्त है।
2. कैसा होना चाहिए प्रोसेसर
प्रोसेसर फोन की असली ताकत होता है, जो उसकी स्पीड और ओवरऑल परफॉर्मेंस तय करता है। इस समय Snapdragon 8 Elite Gen 5 और MediaTek Dimensity 9500 को टॉप परफॉर्मिंग चिपसेट माना जाता है। इसके साथ ही चिप का नैनोमीटर साइज भी मायने रखता है। 3nm चिप 4nm की तुलना में तेज, अधिक एफिशियेंट और पावर सेविंग होती है।
3. एमोलेड-एलीसीडी डिस्प्ले में भी बड़ा अंतर
बाजार में मुख्य तौर पर LCD और AMOLED डिस्प्ले वाले फोन्स आते हैं। LCD एक पारंपरिक डिस्प्ले तकनीक है, जो बैकलाइट के जरिए रोशनी देती है। वहीं AMOLED डिस्प्ले में हर पिक्सल खुद रोशन होता है, जिससे कलर ज्यादा डीप और नैचुरल दिखते हैं। यह कम पावर भी खर्च करता है। LCD वाले फोन्स AMOLED की तुलना में सस्ते आते हैं। अगर आप OTT कंटेंट ज्यादा देखते हैं, तो AMOLED चुनना बेहतर रहेगा।
4. ज्यादा रिफ्रेश रेट यानी स्मूद एक्सपीरियंस
रिफ्रेश रेट का मतलब है कि स्क्रीन के एक सेकंड में खुद को कितनी बार रिफ्रेश करती है। 60Hz पर सामान्य अनुभव मिलता है, जबकि 90Hz और 120Hz पर स्क्रॉलिंग और एनीमेशन काफी स्मूद हो जाते हैं। यदि गेमिंग आपकी प्राथमिकता है, तो 144Hz या 165Hz रिफ्रेश रेट वाला फोन चुनना ज्यादा फायदेमंद रहेगा, बशर्ते आपका चिपसेट और गेम इस सपोर्ट को संभाल सकें।
5. कैमरे का मेगापिक्सल कितना जरूरी?
ज्यादातर लोग कैमरा क्वालिटी को सिर्फ मेगापिक्सल से जोड़ते हैं, जबकि सच्चाई यह है कि फोटो की गुणवत्ता सेंसर साइज और अपर्चर पर ज्यादा निर्भर करती है। बड़ा सेंसर और छोटा अपर्चर नंबर कम रोशनी में भी बेहतर तस्वीर देता है। साथ ही, यह भी देखें कि फोन में अल्ट्रावाइड कैमरा मौजूद है या नहीं। यह ग्रुप फोटो और लैंडस्केप शॉट्स में बेहद उपयोगी होता है।
6. IP रेटिंग भी करें चेक
IP Rating देखकर आप पता लगा सकते हैं कि फोन धूल और पानी से कितनी सुरक्ष दे सकता है। IP68 सबसे भरोसेमंद रेटिंग मानी जाती है। इसका मतलब है कि यह फोन 15 फीट पानी में करीब 30 मिनट तक टिक सकता है। ध्यान रखें कि कई कंपनियां IP रेटिंग के बावजूद पानी से खराब होने पर वारंटी नहीं देती हैं।
7. एआई फीचर्स काम बनाएंगे आसान
अब कई फोन में एआई फीचर्स आने लगे हैं जो फोटो एडिटिंग, टेक्स्ट एडिटिंग से लेकर डाक्यूमेंट बनाने का काम खुद कर लेते हैं। एंड्राइड में यह गूगल के जेमिनी एआई मॉडल से चलता है। वहीं, फोन कंपनियां भी अपना खुद का एआई फीचर्स देती हैं।
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1. आपको कितनी RAM चाहिए?
RAM को फोन की एक्टिव मेमोरी कहा जाता है, जो एक समय में कई कामों को स्मूद तरीके से हैंडल करने में मदद करती है। जैसे किसी काम को करने के लिए ज्यादा लोग लगाए जाएं तो काम को तेजी से खत्म किया जा सकता है। वैसे ही ज्यादा RAM होने पर फोन ज्यादा एप्स को बिना लैग के चलाता है। अगर फोन का बजट ₹15,000 तक है तो 6GB से 8GB RAM पर्याप्त है।
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2. कैसा होना चाहिए प्रोसेसर
प्रोसेसर फोन की असली ताकत होता है, जो उसकी स्पीड और ओवरऑल परफॉर्मेंस तय करता है। इस समय Snapdragon 8 Elite Gen 5 और MediaTek Dimensity 9500 को टॉप परफॉर्मिंग चिपसेट माना जाता है। इसके साथ ही चिप का नैनोमीटर साइज भी मायने रखता है। 3nm चिप 4nm की तुलना में तेज, अधिक एफिशियेंट और पावर सेविंग होती है।
3. एमोलेड-एलीसीडी डिस्प्ले में भी बड़ा अंतर
बाजार में मुख्य तौर पर LCD और AMOLED डिस्प्ले वाले फोन्स आते हैं। LCD एक पारंपरिक डिस्प्ले तकनीक है, जो बैकलाइट के जरिए रोशनी देती है। वहीं AMOLED डिस्प्ले में हर पिक्सल खुद रोशन होता है, जिससे कलर ज्यादा डीप और नैचुरल दिखते हैं। यह कम पावर भी खर्च करता है। LCD वाले फोन्स AMOLED की तुलना में सस्ते आते हैं। अगर आप OTT कंटेंट ज्यादा देखते हैं, तो AMOLED चुनना बेहतर रहेगा।
4. ज्यादा रिफ्रेश रेट यानी स्मूद एक्सपीरियंस
रिफ्रेश रेट का मतलब है कि स्क्रीन के एक सेकंड में खुद को कितनी बार रिफ्रेश करती है। 60Hz पर सामान्य अनुभव मिलता है, जबकि 90Hz और 120Hz पर स्क्रॉलिंग और एनीमेशन काफी स्मूद हो जाते हैं। यदि गेमिंग आपकी प्राथमिकता है, तो 144Hz या 165Hz रिफ्रेश रेट वाला फोन चुनना ज्यादा फायदेमंद रहेगा, बशर्ते आपका चिपसेट और गेम इस सपोर्ट को संभाल सकें।
5. कैमरे का मेगापिक्सल कितना जरूरी?
ज्यादातर लोग कैमरा क्वालिटी को सिर्फ मेगापिक्सल से जोड़ते हैं, जबकि सच्चाई यह है कि फोटो की गुणवत्ता सेंसर साइज और अपर्चर पर ज्यादा निर्भर करती है। बड़ा सेंसर और छोटा अपर्चर नंबर कम रोशनी में भी बेहतर तस्वीर देता है। साथ ही, यह भी देखें कि फोन में अल्ट्रावाइड कैमरा मौजूद है या नहीं। यह ग्रुप फोटो और लैंडस्केप शॉट्स में बेहद उपयोगी होता है।
6. IP रेटिंग भी करें चेक
IP Rating देखकर आप पता लगा सकते हैं कि फोन धूल और पानी से कितनी सुरक्ष दे सकता है। IP68 सबसे भरोसेमंद रेटिंग मानी जाती है। इसका मतलब है कि यह फोन 15 फीट पानी में करीब 30 मिनट तक टिक सकता है। ध्यान रखें कि कई कंपनियां IP रेटिंग के बावजूद पानी से खराब होने पर वारंटी नहीं देती हैं।
7. एआई फीचर्स काम बनाएंगे आसान
अब कई फोन में एआई फीचर्स आने लगे हैं जो फोटो एडिटिंग, टेक्स्ट एडिटिंग से लेकर डाक्यूमेंट बनाने का काम खुद कर लेते हैं। एंड्राइड में यह गूगल के जेमिनी एआई मॉडल से चलता है। वहीं, फोन कंपनियां भी अपना खुद का एआई फीचर्स देती हैं।