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खतरे के लाल निशान से 41 सेमी ऊपर पहुंची सरयू
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टांडा। पहाड़ी क्षेत्रों में हुई भारी वर्षा तथा नेपाल से पानी छोड़े जाने के कारण सरयू नदी के पानी में तेजी से उफान हो रहा है। शुक्रवार शाम नदी का पानी खतरे के निशान से 41 सेमी ऊपर पहुंच गया। इससे नदी के आस पास रहने वाले ग्रामीणों में हड़कंप मच गया है। बरसात के बाद पानी कम होने पर ग्रामीणों ने खेती बारी समेत अन्य काम शुरू किए थे। अब जल स्तर में वृद्धि ने फिर से चिंता बढ़ा दी है। उधर नगर के मोहल्ला मेहनिया, नेहरुनगर व छज्जापुर में बाढ़ का पानी पहुंचना शुरू हो गया है। नागरिकों ने प्रशासन से सभी जरूरी कदम उठाए जाने पर जोर दिया है।
सरयू नदी में अचानक पानी छोड़े जाने के बाद पानी खतरे के लाल निशान को पार कर गया है। बिना मौसम के ही अचानक नदी में बाढ़ आ जाने से माझा क्षेत्र में रह रहे ग्रामीणों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। बरसात का दौर समाप्त होने पर जब नदी का जल स्तर घटने लगा तब माझा क्षेत्र में रह रहे ग्रामीणों ने भूमि को तैयार करने का काम शुरू कर दिया था। कुछ ग्रामीणों ने फसल भी लगा दी थी। हालांकि अब नदी में उफान आने से फिर से बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। गुरुवार को नदी का पानी लाल निशान 92.73 मीटर के सापेक्ष 92.83 पहुंच गया, जो खतरे के निशान से 10 सेमी ऊपर था।
इस बीच शुक्रवार की दोपहर तक नदी का पानी कुल 41 सेमी ऊपर पहुंच गया। बाढ़ प्रखंड के अनुसार प्रतिघंटे जल स्तर में 1 सेमी की वृद्धि हो रही है। सरयू नदी में आए उफान के चलते माझा उल्टहवा, करमपुर बरसावां, औसानपुर, आसोपुर, सहजौरा, माझा कला, फूलपुर व केवटला के ग्रामीण आशंकित हैं। उनका कहना है कि पानी और बढ़ा तो नुकसान ज्यादा बढ़ेगा।
इस बीच नदी का पानी नदी से सटे मोहल्लों मेहनिया, नेहरूनगर, छज्जापुर तक पहुंचना शुरू हो गया है। नागरिकों ने चिंता जताते हुए कहा कि यदि जलस्तर में इसी तरह वृद्धि होती रही तो शनिवार तक हालात ज्यादा बिगड़ जाएंगे। उधर एसडीएम अभिषेक पाठक ने कहा कि प्रशासन हालात पर नजर रख रहा है। ग्रामीणों को परेशान होने की जरूरत नही है। आवश्यकता हुई तो उन्हें सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट किया जाएगा।
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सरयू नदी में अचानक पानी छोड़े जाने के बाद पानी खतरे के लाल निशान को पार कर गया है। बिना मौसम के ही अचानक नदी में बाढ़ आ जाने से माझा क्षेत्र में रह रहे ग्रामीणों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। बरसात का दौर समाप्त होने पर जब नदी का जल स्तर घटने लगा तब माझा क्षेत्र में रह रहे ग्रामीणों ने भूमि को तैयार करने का काम शुरू कर दिया था। कुछ ग्रामीणों ने फसल भी लगा दी थी। हालांकि अब नदी में उफान आने से फिर से बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। गुरुवार को नदी का पानी लाल निशान 92.73 मीटर के सापेक्ष 92.83 पहुंच गया, जो खतरे के निशान से 10 सेमी ऊपर था।
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इस बीच शुक्रवार की दोपहर तक नदी का पानी कुल 41 सेमी ऊपर पहुंच गया। बाढ़ प्रखंड के अनुसार प्रतिघंटे जल स्तर में 1 सेमी की वृद्धि हो रही है। सरयू नदी में आए उफान के चलते माझा उल्टहवा, करमपुर बरसावां, औसानपुर, आसोपुर, सहजौरा, माझा कला, फूलपुर व केवटला के ग्रामीण आशंकित हैं। उनका कहना है कि पानी और बढ़ा तो नुकसान ज्यादा बढ़ेगा।
इस बीच नदी का पानी नदी से सटे मोहल्लों मेहनिया, नेहरूनगर, छज्जापुर तक पहुंचना शुरू हो गया है। नागरिकों ने चिंता जताते हुए कहा कि यदि जलस्तर में इसी तरह वृद्धि होती रही तो शनिवार तक हालात ज्यादा बिगड़ जाएंगे। उधर एसडीएम अभिषेक पाठक ने कहा कि प्रशासन हालात पर नजर रख रहा है। ग्रामीणों को परेशान होने की जरूरत नही है। आवश्यकता हुई तो उन्हें सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट किया जाएगा।