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Amroha News: मनरेगा में ज्यादा राशि खपाने में बीडीओ को प्रतिकूल प्रविष्टी
संवाद न्यूज एजेंसी, अमरोहा
Updated Mon, 15 Sep 2025 01:55 AM IST
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अमरोहा। अफसरों के आदेशों की अवहेलना करते हुए मनरेगा के मद की रकम को निर्धारित मानक से अधिक खर्च करने के मामले में मनरेगा के संयुक्त ग्राम्य विकास आयुक्त ने बीडीओ गंगेश्वरी अश्वनी कुमार को प्रतिकूल प्रविष्टि दी है। हालांकि, उनके वित्तीय अधिकार पर लगी रोक हटाते हुए फिर से बहाल कर दिया गया है।
प्रदेश सरकार ने मनरेगा योजना में सामग्री मद के भुगतान के लिए जिलों को धनराशि का आवंटन किया था जिसमें देयता के सापेक्ष 45 फीसदी से अधिक का भुगतान न करने के स्पष्ट निर्देश दिए गए थे। संयुक्त आयुक्त मनरेगा ने उपायुक्त श्रम और रोजगार की ओर से निर्धारित सीमा से अधिक व्यय करने वाले विकास खंडों की सूचना उपलब्ध कराई गई तो गजरौला व गंगेश्वरी में बीडीओ द्वारा अधिकारियों की अवहेलना कर अधिक धनराशि खर्च किए जाने का मामला सामने आया।
इसके अनुसार गजरौला ब्लॉक में 354.15 लाख रुपये के 45 फीसदी 159.37 लाख रुपये के सापेक्ष 321.31 लाख रुपये का भुगतान करना पाया गया। गंगेश्वरी में कुल देयता 375.33 लाख रुपये के 45 फीसदी 168.90 लाख रुपये के सापेक्ष 346.96 लाख रुपये का भुगतान किए जाने का मामला सामने आया था। संयुक्त आयुक्त मनरेगा ने तत्कालीन बीडीओ गजरौला व वर्तमान में बीडीओ गंगेश्वरी अश्वनी कुमार के इस कृत्य को अनुशासनहीनता माना था। इसके साथ ही उनके वित्तीय अधिकारों को प्रतिबंधित कर दिया गया था।
बीडीओ के जवाब से असंतुष्ट संयुक्त आयुक्त ने मामले को उच्चाधिकारियों के आदेशों की अवहेलना व अनुशासहीनता मानते हुए बीडीओ को प्रतिकूल प्रविष्टि देने के साथ ही उनके वित्तीय अधिकारों को बहाल कर दिया है। पीडी डीआरडीए व श्रम रोजगार उपायुक्त अंबरीश कुमार ने बताया कि बीडीओ को प्रतिकूल प्रविष्टि दिए जाने के साथ ही वित्तीय अधिकार बहाल किए गए हैं।

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प्रदेश सरकार ने मनरेगा योजना में सामग्री मद के भुगतान के लिए जिलों को धनराशि का आवंटन किया था जिसमें देयता के सापेक्ष 45 फीसदी से अधिक का भुगतान न करने के स्पष्ट निर्देश दिए गए थे। संयुक्त आयुक्त मनरेगा ने उपायुक्त श्रम और रोजगार की ओर से निर्धारित सीमा से अधिक व्यय करने वाले विकास खंडों की सूचना उपलब्ध कराई गई तो गजरौला व गंगेश्वरी में बीडीओ द्वारा अधिकारियों की अवहेलना कर अधिक धनराशि खर्च किए जाने का मामला सामने आया।
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इसके अनुसार गजरौला ब्लॉक में 354.15 लाख रुपये के 45 फीसदी 159.37 लाख रुपये के सापेक्ष 321.31 लाख रुपये का भुगतान करना पाया गया। गंगेश्वरी में कुल देयता 375.33 लाख रुपये के 45 फीसदी 168.90 लाख रुपये के सापेक्ष 346.96 लाख रुपये का भुगतान किए जाने का मामला सामने आया था। संयुक्त आयुक्त मनरेगा ने तत्कालीन बीडीओ गजरौला व वर्तमान में बीडीओ गंगेश्वरी अश्वनी कुमार के इस कृत्य को अनुशासनहीनता माना था। इसके साथ ही उनके वित्तीय अधिकारों को प्रतिबंधित कर दिया गया था।
बीडीओ के जवाब से असंतुष्ट संयुक्त आयुक्त ने मामले को उच्चाधिकारियों के आदेशों की अवहेलना व अनुशासहीनता मानते हुए बीडीओ को प्रतिकूल प्रविष्टि देने के साथ ही उनके वित्तीय अधिकारों को बहाल कर दिया है। पीडी डीआरडीए व श्रम रोजगार उपायुक्त अंबरीश कुमार ने बताया कि बीडीओ को प्रतिकूल प्रविष्टि दिए जाने के साथ ही वित्तीय अधिकार बहाल किए गए हैं।