सब्सक्राइब करें
Hindi News ›   Uttar Pradesh ›   Amroha News ›   MNREGA wages: Investigation against Mohammed Shami sister-in-law and four BDO, Rs 10 lakh be recovered

मनरेगा मजदूरी: मोहम्मद शमी के बहन-बहनोई और चार बीडीओ पर बैठी जांच, 13 लोगों से होगी करीब दस लाख की वसूली

संवाद न्यूज एजेंसी, अमरोहा Published by: विमल शर्मा Updated Tue, 01 Apr 2025 01:21 PM IST
विज्ञापन
सार

क्रिकेटर मोहम्मद शमी के बहन-बहनोई व परिजनों द्वारा मनरेगा में करीब दस लाख रुपये की मजदूरी लेने का मामला जांच के अंतिम चरण में है। डीएम के निर्देश पर शमी की बहन के परिवार समेत 13 लोगों से यह राशि वसूलने की तैयारी है। तत्कालीन बीडीओ, सचिव, रोजगार सेवक व अन्य की भूमिका की भी जांच हो रही है।

MNREGA wages: Investigation against Mohammed Shami sister-in-law and four BDO, Rs 10 lakh be recovered
Mohammed Shami Sister MNREGA - फोटो : अमर उजाला
विज्ञापन

विस्तार
Follow Us

क्रिकेटर मोहम्मद शमी की बहन शबीना और बहनोई गजनबी समेत उनके परिजनों द्वारा मनरेगा मजदूरी हासिल करने की जांच लगभग अंतिम चरण में है। टीम हर पहलु की गंभीरता से जांच कर रही है। मामले में संबंधित के खिलाफ कार्रवाई होना तय माना जा रहा है। उधर, तत्कालीन चार बीडीओ समेत रोजगार सेवक, सचिव, तकनीकी सहायक और कंप्यूटर ऑपरेटर भी जांच के दायरे में हैं।

loader


डीएम के निर्देश पर मामले में शमी की बहन शबीना के परिवार के आठ लोगों सहित 13 से करीब दस लाख रुपये की वसूली की कार्रवाई की जाएगी। जोया ब्लॉक का पलौला गांव मनरेगा में हुई गड़बड़ी को लेकर सुर्खियों में हैं। क्रिकेटर मोहम्मद शमी की बहन शबीना और उनके बहनोई मोहम्मद गजनबी ने फर्जीवाड़ा कर खुद, परिवार के दूसरे सदस्यों व परिचितों का मनरेगा मजदूर का जॉब कार्ड बनवाकर करीब दस लाख रुपये की मजदूरी हासिल कर ली।
विज्ञापन
विज्ञापन


खुलासा होने पर डीएम निधि गुप्ता वत्स ने मामले की जांच डीसी मनरेगा और परियोजना निदेशक अमरेंद्र प्रताप सिंह को सौंपी थी। तभी से टीम मामले की जांच में जुटी है। जांच से जुड़े सभी अभिलेख टीम ने कब्जे में ले लिए हैं। चूंकि, मामला हाईप्रोफाइल सेलीब्रिटी से जुड़ा है, लिहाजा जांच टीम किसी तरह की कोताही नहीं बरतना चाहती है।

जिम्मेदार हर पहलू को ध्यान में रखकर जांच कर रहे है। किस स्तर से गड़बड़ी की शुरुआत हुई और बाद में कौन-कौन इसके लिए जिम्मेदार रहे, इसको भी देखा जा रहा है। मामले में तत्कालीन बीडीओ प्रदीप यादव, मोहम्मद जाकिर, लक्ष्मण प्रसाद व प्रतिभा अग्रवाल के अलावा सचिव, रोजगार सेवक, तकनीकी सहायक व कंप्यूटर ऑपरेटर की भूमिका की जांच भी की जा रही है।

गड़बड़ी के लिए जिम्मेदार सभी कड़ियों को जोड़कर रिपोर्ट डीएम को सौंपी जाएगी। इसके बाद डीएम के निर्देश पर सभी से करीब दस लाख की वसूली की कार्रवाई की जाएगी। 

अफसरों के सामने आने से बच रहा प्रधान का परिवार 
पलौला गांव में शबीना की सास गुले आयशा ग्राम प्रधान हैं। उनके कार्यकाल में ही परिवार के आठ लोगों समेत करीब 13 लोगों ने गड़बड़ी कर मनरेगा की मजदूरी हासिल की है। जिसकी जांच में अपना पक्ष रखने के लिए प्रधान पक्ष की ओर से कोई सामने नहीं आया है। शुक्रवार को जांच अधिकारी अमरेंद्र प्रताप सिंह भी गांव पहुंचे थे।

शिकायतकर्ता समेत दोनों पक्षों की ओर से कई लोगों ने उनके सामने अपनी बातें रखीं। दोनों पक्षों के बीच काफी गहमागहमी भी हुई, लेकिन वहां प्रधान पक्ष के परिवार का कोई सदस्य जांच टीम के सामने नहीं आया। वहीं, प्रधान पक्ष के लोगों के अभी तक मामले में बयान भी दर्ज नहीं हो पाए है।

बता दें कि प्रधान के परिवार से उनके बेटे मोहम्मद गजनबी, उनकी पत्नी शबीना, आमिर सुहेल, शेखू, नसरूरद्दीन, सारिया, नेहा परवीन और सबा रानी समेत कई ऐसे लोगों ने भी मनरेगा की मजदूरी हासिल की, जो गांव में नहीं रहते है। ग्राम प्रधान सुले आयाशा की बेटी नेहा परवीन की शादी भी हो चुकी है, जो अपने ससुराल में रहती है।

UP: ईद पर दिल्ली से संभल पहुंची प्रेमिका... प्रेमी के परिजनों ने ठुकराया तो काटी नस; सुनाई अपनी प्रेमी कहानी

ऐसे होता है मनरेगा में काम 
मनरेगा, जिसे महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम भी कहा जाता है, एक मांग-आधारित कार्यक्रम है। इसके तहत ग्रामीण परिवारों को एक साल में कम से कम 100 दिनों का रोजगार दिया जाता है। योजना के तहत ग्रामीण इलाकों में कच्चा काम किया जाता है। इसके लिए सबसे पहले तकनीकी सहायक स्टीमेट तैयार करता है। जिसकी वित्तीय स्वीकृति बीडीओ द्वारा दी जाती है।

उसके बाद मनरेगा श्रमिक कार्य की मांग करते हैं। रोजगार सेवक मांग पत्र पर सचिव के हस्ताक्षर कराएगा। जिसके बाद मस्टररोल निकाला जाता है। इसके बाद बीडीओ व एपीओ मस्टररोल पर हस्ताक्षर करते हैं। जिसके बाद श्रमिकों को मौके पर काम दिया जाता है।

जिसकी हाजिरी एनएमएमएस पर ऑनलाइन लगाई जाती है, कार्य करते हुए फोटो भी अपलोड करना होता है। वहां मौके पर रोजगार सेवक अथवा महिला मेट के द्वारा हाजिरी लगाई जाती है। कार्य पूर्ति के बाद तकनीकी सहायक मौके पर माप करता है। इसके बाद ही लेखाकार व बीडीओ भुगतान की प्रक्रिया करते है। 

पुलिसकर्मी की पत्नी भगा लाया युवक: पंजाब पुलिस ने पकड़ा, थाने में महिला करने लगी जिद; मिन्नतों के बाद हुई राजी

जांच की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। सभी पहलुओं को ध्यान में रखकर जांच की जा रही है। जांच पूरी होने के बाद डीएम को सौंपी जाएगी। जिसके बाद उन्हीं के निर्देश पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। - अमरेंद्र प्रताप सिंह, डीसी मनरेगा/ परियोजना निदेशक

नसीर नंगला के प्रधान व रोजगार सेवक के खिलाफ दर्ज होगा केस

जिले में मनरेगा में धांधली के किस्से कम नहीं हैं। हर ब्लॉक में कहीं न कहीं मनरेगा में गड़बड़ी की शिकायतें मिलती रही हैं। अमरोहा ब्लॉक के नसीर नंगला में मनरेगा में प्रधान व रोजगार सेवक द्वारा अपने परिजनों को मजदूरी के 1.24 लाख रुपये दिलाने के मामले में रिकवरी होने के बाद अब दोनों पर मुकदमा दर्ज कराया जा रहा है। बीडीओ ने नौगांवा सादात थाने में दोनों के खिलाफ तहरीर दी है। साथ ही उन्होंने सचिव के निलंबन की संस्तुति भी की है।

अमरोहा ब्लॉक की पंचायत नसीर नंगला में ग्राम प्रधान नरेंद्र सिंह ने पत्नी कमलेश और बेटी आशी व हिमानी का जॉब कार्ड बनवाते हुए 55270 रुपये व रोजगार सेवक दीपक कुमार ने अपने पिता तिरमल सिंह व माता निमलेश के नाम मजदूरी दर्शाकर 68720 रुपये निकाले लिए थे। मामले की शिकायत उच्चाधिकारियों से की गई थी। जांच के बाद दोनों को दोषी पाया था।

मामले में पंचायत सचिव सुमित कुमार का स्पष्टीकरण भी तलब किया गया था। जांच के बाद प्रधान व रोजगार सेवक से निकाली गई मजदूरी की रकम 1.24 लाख रुपये की वसूली कर ली गई थी। दोनों से स्पष्टीकरण भी तलब किए गए, लेकिन दोनों में से किसी ने भी अपने स्पष्टीकरण का जबाव दाखिल नहीं किया। इसके बाद बीडीओ ने दोनों को सुनवाई के लिए बुलाया, जिसमें दोनों के स्पष्टीकरण स्वीकार योग्य नहीं पाए गए।

इसके बाद डीएम ने ग्राम प्रधान व रोजगार सेवक के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए थे। बीडीओ अमरोहा नीरज गर्ग ने ग्राम प्रधान व रोजगार सेवक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराए जाने के लिए तहरीर सौंपी है। पुलिस का कहना है कि मामले में कुछ जरूरी कागजात मिलने के बाद मुकदमा दर्ज किया जाएगा। बीडीओ ने बताया कि मामले में सचिव के निलंबन की संस्तुति की गई है। साथ ही ग्राम प्रधान के अधिकार सीज करने के लिए भी उच्चाधिकारियों को लिखा गया है।

विज्ञापन
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

एप में पढ़ें

Followed