{"_id":"68f517a1cc8cb149a00b384e","slug":"every-street-and-corner-is-filled-with-ram-diwali-has-come-and-ram-will-come-ayodhya-news-c-13-1-jam1008-1435134-2025-10-19","type":"story","status":"publish","title_hn":"Ayodhya News: हर गली-कोना राममय, आई है दिवाली और आएंगे राम.. की धुन","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
Ayodhya News: हर गली-कोना राममय, आई है दिवाली और आएंगे राम.. की धुन
विज्ञापन

77-राम पथ पर मौजूद लोग
विज्ञापन
डॉ. बृजेश कुमार सिंह
अयोध्या। यूं तो रामनगरी में पिछले दो दिनों से प्रभु श्रीराम के लौटने उल्लास है, लेकिन रविवार को दीपोत्सव का यह उल्लास चरम पर रहा। हर ओर रामधुन और भगवान राम की स्तुति में लोग झूमते नजर आए। राम पथ और धर्म पथ दोनों ही प्रभु के रंग में सुबह से ही नजर आए। राम मंदिर की भव्य सजावट खुद ब खुद प्रभु श्रीराम के अयोध्या आगमन की खुशी प्रकट कर रही थी। इसके साथ ही हनुमान जयंती पर हनुमान गढ़ी में उमड़े भक्तों का रेला इस उल्लास को और बढ़ा रहा था। पूरा माहौल राममय रहा।
अवधपुरी के हर कोने और हर गली की भव्य सजावट, जगह-जगह भगवान के आने की खुशी में प्रसाद वितरण और भजन की धुन...यह तस्वीर आम रही। मेरे झोपड़ी के भाग खुल जाएंगे आज राम आएंगे और आई है दिवाली और आएंगे राम...की धुन राम पथ, भक्ति पथ से लेकर राम की पैड़ी तक गूंजते रहे।
एक ओर साकेत महाविद्यालय से विकसित भारत व विकसित उत्तर प्रदेश तथा देश की संस्कृति की झलक बिखेरती झाकियां निकलीं तो पूरे राम पथ पर दोनों किनारे लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। सभी झाकियों तथा कलाकारों की प्रस्तुतियों को निहारते रहे। आसपास के घरों की छतों से पुष्पवर्षा की गई। राम मंदिर प्रवेश द्वार के सामने कलाकारों का जोश कुछ और ही बढ़ गया। धीरे-धीरे झाकियां दोपहर एक बजे के आसपास चार किमी की दूरी तय कर रामकथा पार्क के पास पहुंचने लगीं। इस बीच राम की पैड़ी तथा अन्य 56 घाटों पर दीयों को जलाने तथा अन्य कामों में लगे स्वयंसेवकों का रेला चौधरी चरण सिंह घाट पर सरयू किनारे उमड़ पड़ा। दीपोत्सव लिखे टी-शर्ट में अवध विश्वविद्यालय तथा अन्य स्कूलों के स्वयंसेवक अपनी धुन में निर्धारित घाट की ओर बढ़ रहे थे।
जैसे-जैसे समय का कारवां बढ़ता गया, व्यवस्था में लगे अधिकारियों की आवाजाही राम की पैड़ी तथा रामकथा पार्क पर तेज हो गई। मुख्यमंत्री की ओर से प्रभु श्रीराम के राज्याभिषेक के बाद पूरी रामनगरी में भगवान के आने की खुशी झलक उठी। हर ओर जय श्रीराम का घोष गूंजने लगा। पहली बार मां सरयू की 2100 अर्चकों व नारी शक्ति की ओर से की गई आरती का नजारा अद्भुत रहा। आरती का प्रतिबिंब हर किसी को आकर्षित करता रहा।
हर कोई स्मृतियों को सहेजने में जुटा रहा
राम की पैड़ी से लेकर चौधरी चरण सिंह तक 56 घाटों पर दीयों की झिलमिल रोशनी, लेजर शो, राम कथा की जीवंत प्रस्तुति को हर कोई स्मृतियों में सहेजने में जुटा रहा। इस बीच सरयू पुल से आतिशबाजी ने लोगों की खुशी को और बढ़ा दिया। ग्रीन आतिशबाजी ने रोमांच भरा। देर शाम तक लोगों का रेला राम की पैड़ी पर अद्भुत नजारे के दीदार के लिए उमड़ता रहा।
प्रभु की सेवा किस्मत की बात
पुलिसकर्मियों की ओर से तमाम टोकाटाकी के बाद भी स्वयंसेवकों के कदम रुकने का नाम नहीं ले रहे थे। अवध विश्वविद्यालय के छात्र अवधेश पांडेय की स्वयंसेवक के रूप में राम की पैड़ी पर ड्यूटी लगी थी। वह अपने सहयोगियों के साथ बस से सरयू किनारे निर्धारित पार्किंग स्थल पर पहुंचे और वहां से पैदल ही गंतव्य के लिए बढ़े। उनका कहना था कि पिछले तीन दिन से आयोजन की तैयारियों में लगे हुए हैं। प्रभु की सेवा का अवसर मिला है तो उसे हाथ से कैसे जाने दें। अकेला मैं ही नहीं हूं, और भी साथी हैं जो बिना किसी संकोच के इस काम में लगे हुए हैं। प्रभु की सेवा का अवसर सभी स्वयंसेवकों के लिए किस्मत की बात है।

Trending Videos
अयोध्या। यूं तो रामनगरी में पिछले दो दिनों से प्रभु श्रीराम के लौटने उल्लास है, लेकिन रविवार को दीपोत्सव का यह उल्लास चरम पर रहा। हर ओर रामधुन और भगवान राम की स्तुति में लोग झूमते नजर आए। राम पथ और धर्म पथ दोनों ही प्रभु के रंग में सुबह से ही नजर आए। राम मंदिर की भव्य सजावट खुद ब खुद प्रभु श्रीराम के अयोध्या आगमन की खुशी प्रकट कर रही थी। इसके साथ ही हनुमान जयंती पर हनुमान गढ़ी में उमड़े भक्तों का रेला इस उल्लास को और बढ़ा रहा था। पूरा माहौल राममय रहा।
अवधपुरी के हर कोने और हर गली की भव्य सजावट, जगह-जगह भगवान के आने की खुशी में प्रसाद वितरण और भजन की धुन...यह तस्वीर आम रही। मेरे झोपड़ी के भाग खुल जाएंगे आज राम आएंगे और आई है दिवाली और आएंगे राम...की धुन राम पथ, भक्ति पथ से लेकर राम की पैड़ी तक गूंजते रहे।
विज्ञापन
विज्ञापन
एक ओर साकेत महाविद्यालय से विकसित भारत व विकसित उत्तर प्रदेश तथा देश की संस्कृति की झलक बिखेरती झाकियां निकलीं तो पूरे राम पथ पर दोनों किनारे लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। सभी झाकियों तथा कलाकारों की प्रस्तुतियों को निहारते रहे। आसपास के घरों की छतों से पुष्पवर्षा की गई। राम मंदिर प्रवेश द्वार के सामने कलाकारों का जोश कुछ और ही बढ़ गया। धीरे-धीरे झाकियां दोपहर एक बजे के आसपास चार किमी की दूरी तय कर रामकथा पार्क के पास पहुंचने लगीं। इस बीच राम की पैड़ी तथा अन्य 56 घाटों पर दीयों को जलाने तथा अन्य कामों में लगे स्वयंसेवकों का रेला चौधरी चरण सिंह घाट पर सरयू किनारे उमड़ पड़ा। दीपोत्सव लिखे टी-शर्ट में अवध विश्वविद्यालय तथा अन्य स्कूलों के स्वयंसेवक अपनी धुन में निर्धारित घाट की ओर बढ़ रहे थे।
जैसे-जैसे समय का कारवां बढ़ता गया, व्यवस्था में लगे अधिकारियों की आवाजाही राम की पैड़ी तथा रामकथा पार्क पर तेज हो गई। मुख्यमंत्री की ओर से प्रभु श्रीराम के राज्याभिषेक के बाद पूरी रामनगरी में भगवान के आने की खुशी झलक उठी। हर ओर जय श्रीराम का घोष गूंजने लगा। पहली बार मां सरयू की 2100 अर्चकों व नारी शक्ति की ओर से की गई आरती का नजारा अद्भुत रहा। आरती का प्रतिबिंब हर किसी को आकर्षित करता रहा।
हर कोई स्मृतियों को सहेजने में जुटा रहा
राम की पैड़ी से लेकर चौधरी चरण सिंह तक 56 घाटों पर दीयों की झिलमिल रोशनी, लेजर शो, राम कथा की जीवंत प्रस्तुति को हर कोई स्मृतियों में सहेजने में जुटा रहा। इस बीच सरयू पुल से आतिशबाजी ने लोगों की खुशी को और बढ़ा दिया। ग्रीन आतिशबाजी ने रोमांच भरा। देर शाम तक लोगों का रेला राम की पैड़ी पर अद्भुत नजारे के दीदार के लिए उमड़ता रहा।
प्रभु की सेवा किस्मत की बात
पुलिसकर्मियों की ओर से तमाम टोकाटाकी के बाद भी स्वयंसेवकों के कदम रुकने का नाम नहीं ले रहे थे। अवध विश्वविद्यालय के छात्र अवधेश पांडेय की स्वयंसेवक के रूप में राम की पैड़ी पर ड्यूटी लगी थी। वह अपने सहयोगियों के साथ बस से सरयू किनारे निर्धारित पार्किंग स्थल पर पहुंचे और वहां से पैदल ही गंतव्य के लिए बढ़े। उनका कहना था कि पिछले तीन दिन से आयोजन की तैयारियों में लगे हुए हैं। प्रभु की सेवा का अवसर मिला है तो उसे हाथ से कैसे जाने दें। अकेला मैं ही नहीं हूं, और भी साथी हैं जो बिना किसी संकोच के इस काम में लगे हुए हैं। प्रभु की सेवा का अवसर सभी स्वयंसेवकों के लिए किस्मत की बात है।