सब्सक्राइब करें
Hindi News ›   Uttar Pradesh ›   Ayodhya News ›   Ram Temple: Strong winds and sunlight do not affect the 22-foot-tall religious flag; it is installed in a spec

राम मंदिर : 22 फीट लंबे धर्म ध्वज पर तेज हवा...धूप का असर नहीं; 360 डिग्री घूमने वाले विशेष चैंबर पर स्थापित

अमर उजाला नेटवर्क, अयोध्या Published by: आकाश द्विवेदी Updated Wed, 26 Nov 2025 11:03 AM IST
सार

राम मंदिर के 191 फीट शिखर पर लगाया गया 22 फीट लंबा धर्म ध्वज विशेष 360 डिग्री घूमने वाले चैंबर पर स्थापित है, जो तेज हवा और मौसम के प्रभाव से सुरक्षित रहता है। इसे ओपीएफ कानपुर ने पैराशूट कपड़े से बनाया। कार्यक्रम में प्रदेश भर के 500 से अधिक कलाकारों ने विविध लोक और शास्त्रीय प्रस्तुतियां दीं।

विज्ञापन
Ram Temple: Strong winds and sunlight do not affect the 22-foot-tall religious flag; it is installed in a spec
राम मंदिर - फोटो : अमर उजाला नेटवर्क
विज्ञापन

विस्तार
Follow Us

राम मंदिर के 191 फीट ऊंचे शिखर पर लहराते धर्म ध्वज की लंबाई 22 फीट और चौड़ाई 11 फीट है। इसे संभालने वाला ध्वजदंड 42 फीट ऊंचा है, जिसमें 10 फीट संरचना के भीतर और 32 फीट बाहर है। ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष स्वामी गोविंद देवगिरी ने धर्म ध्वज की विशेषताएं बताते हुए कहा कि ध्वज पूरी तरह रघुवंशी परंपराओं के अनुरूप तैयार किया गया है। 

Trending Videos


वाल्मीकि रामायण में वर्णित परंपराओं से प्रेरित ध्वज में तीन पवित्र प्रतीक शामिल हैं। सूर्य सत्य, प्रकाश और धर्म काशाश्वत प्रतीक है। ऊं अनादि-अनंत ब्रह्मांडीय ऊर्जा का और कोविदार वृक्ष विजय व समृद्धि का द्योतक है। भगवा रंग का ध्वज धर्म-संरक्षण, तपस्या और त्याग का प्रतिनिधित्व करता है। ध्वज 360 डिग्री घूमने वाले विशेष चैंबर पर स्थापित है। यह 60 किमी प्रति घंटे तक की हवा की गति को सहन कर सकता है।

विज्ञापन
विज्ञापन

 

कानपुर के ओपीएफ में तैयार

किया गया धर्म ध्वज कानपुर स्थित डीपीएसयू ग्लाइडर्स इंडिया लिमिटेड (जीआईएल) की इकाई आयुध पैराशूट निर्माणी (ओपीएफ) ने तैयार किया है। इसे पैराशूट के कपड़े से तैयार किया गया है। इसे आठ दिन में तैयार किया गया है। धर्म ध्वज पर बरसात, तेज धूप, कोहरे, तेज हवा का इस पर असर नहीं पड़ेगा। चार साल तक यह सुरक्षित रहेगा।

ब्रज, अवध, बुंदेलखंड, पूर्वांचल और तराई क्षेत्रों की लोक परंपराओं का दिखा संगम

रोड शो के दौरान संस्कृति विभाग के सांस्कृतिक उत्सव में विभिन्न जिलों से आए 500 से अधिक लोक कलाकारों ने रंगारंग प्रस्तुतियां दी। अलग-अलग मंच पर ब्रज, अवध, बुंदेलखंड, पूर्वांचल और तराई क्षेत्रों की विविध लोक परंपराओं का संगम देखने को मिला।

मथुरा से मयूर लोक नृत्य, झांसी से राई लोक नृत्य, अयोध्या से फरुवाही, बधावा और करवाहा लोकनृत्य, लखनऊ से अवधी, सोनभद्र से करमा और बारहसिंहा, प्रयागराज से ढेढ़िया, आजमगढ़ से धोबिया व गोरखपुर से वनटांगिया लोकनृत्य के कलाकारों ने प्रस्तुति दी। प्रत्येक नृत्य शैली में 15 लोक कलाकारों ने अपनी प्रस्तुति से दर्शकों का मन मोह लिया।

 

शहनाई, सारंगी, पखावज, बांसुरी, सरोद और सितार की सुरमयी प्रस्तुति

लखनऊ के भातखंडे संस्कृति महाविद्यालय के कलाकारों ने शहनाई, सारंगी, पखावज, बांसुरी, सरोद और सितार की सुरमयी प्रस्तुति से लोगों को मंत्रमुग्ध किया। इसके अलावा सूफी गायन, भजन गायन, ब्रज के लोक गायन, भजन गायन (बैंड प्रस्तुति) ने भी आकर्षित किया।

गायन के प्रत्येक दल में उन्नाव, मुजफ्फर नगर, लखनऊ, अयोध्या, वाराणसी व प्रयागराज सहित अन्य जिलों के सात से 12 कलाकार शामिल रहे। शास्त्रीय नृत्य शैली में कथक व विभिन्न लोक नृत्यों की मनोहारी प्रस्तुति हुई। इन कलाकारों ने रामपथ के अलावा महर्षि वाल्मीकि हवाई अड्डा, शंख चौराहा, एयरपोर्ट-सुल्तानपुर रोड चौराहा, भवदीय चौराहा, चूड़ामणि चौराहा, लता मंगेशकर चौक व राम की पैड़ी पर भी प्रस्तुति दी।

विज्ञापन
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

Election
एप में पढ़ें

Followed