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Ayodhya News: पहली बार जगमग होगा राम मंदिर का 70 एकड़ परिसर
संवाद न्यूज एजेंसी, अयोध्या
Updated Wed, 15 Oct 2025 09:45 PM IST
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20- राम मंदिर में दर्शन को जाते श्रद्धालु- ट्रस्ट
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नितिन मिश्र
अयोध्या। इस बार का दीपोत्सव कई मायने में खास होने जा रहा है। यह पहला अवसर होगा जब भव्य राम मंदिर का पूरा 70 एकड़ परिसर जगमग होगा। मंदिर के चारों दिशाओं में फैला चार किलोमीटर का क्षेत्र डेढ़ लाख दीपों से आलोकित होगा। दीपोत्सव के दिन 19 अक्तूबर को ठीक 5:30 बजे पूरा परिसर दीपों की रोशनी से नहा उठेगा।
राम मंदिर ट्रस्ट ने इस बार दीपोत्सव को पहले से कहीं अधिक व्यापक स्वरूप देने का निर्णय लिया है। अभी तक दीपोत्सव राम मंदिर के गर्भगृह, दर्शनपथ तक ही सीमित रहता था। अब चूंकि 70 एकड़ का पूरा परिसर साफ-सुथरा हो चुका है। मंदिर निर्माण के पहले चरण के काम भी लगभग पूरे हो चुके हैं। कई नए प्रकल्पों का निर्माण हो चुका है। इसी के चलते दीपोत्सव का स्वरूप व्यापक करने की योजना बनी है। मंगलवार की देर शाम राम मंदिर के ट्रस्टी डॉ. अनिल मिश्र ने इसको लेकर बैठक की और दीपोत्सव को भव्य बनाने के लिए कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी भी बांटी गई। परिसर को अलग-अलग जोन में बांटकर संघ व विहिप कार्यकर्ता, टाटा व एलएंडटी के कर्मी, एसआईएस के कर्मियों को दीप जलाने के लिए स्थान आवंटित किया गया है।
कार्यकर्ता सपरिवार बन सकेंगे दीपोत्सव का हिस्सा
राम मंदिर में पहली बार संघ व विहिप के कार्यकर्ता सपरिवार दीपोत्सव का हिस्सा बन सकेंगे। जो कार्यकर्ता परिवार समेत रामलला के दरबार में दीप जलाना चाहते हैं, उन्हें मौका दिया जाएगा। शर्त यह होगी कि उन्हें 19 व 20 अक्तूबर दो दिन राम मंदिर में तय समय दोपहर 3:00 बजे से 4:30 बजे तक पहुंचना होगा। आवंटित स्थल पर पहुंचकर ठीक 5:30 बजे दीप प्रज्ज्वलित करना होगा। 6:15 बजे इन्हें राम मंदिर समेत परकोटा के छह मंदिरों, सप्त मंडपम व कुबेर टीला में दर्शन की सु
विधा मिलेगी। इन्हें ट्रस्ट की ओर से विशेष पास जारी किया जाएगा।
दीपोत्सव के लिए इन स्थानों को किया गया चिह्नित
सुग्रीव किला, तीर्थयात्री सेवा केंद्र, तीर्थयात्री सुविधा केंद्र, शंकराचार्य द्वार, रामानंदाचार्य द्वार, रामानुजाचार्य द्वार, माधवाचार्य द्वार, राम मंदिर का गर्भगृह, दर्शन मार्ग, राम दरबार का गर्भगृह, परकोटा परिसर, अंगद टीला, कारसेवकपुरम, रामसेवकपुरम, तीर्थ क्षेत्र पुरम, कार्यशाला, तीर्थ क्षेत्र भवन
तीन तरह के जलेंगे दीप
राम मंदिर का गर्भगृह व मंडप- शुद्ध देशी घी से मयूर के आकार के विशेष दीप
राम दरबार का गर्भगृह-शुद्ध देशी घी से मयूर के आकार के विशेष दीप
पत्थरों के स्ट्रक्चर- 51 हजार मोम के दीप
खुले क्षेत्र में - सरसों के तेल के दीपक

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अयोध्या। इस बार का दीपोत्सव कई मायने में खास होने जा रहा है। यह पहला अवसर होगा जब भव्य राम मंदिर का पूरा 70 एकड़ परिसर जगमग होगा। मंदिर के चारों दिशाओं में फैला चार किलोमीटर का क्षेत्र डेढ़ लाख दीपों से आलोकित होगा। दीपोत्सव के दिन 19 अक्तूबर को ठीक 5:30 बजे पूरा परिसर दीपों की रोशनी से नहा उठेगा।
राम मंदिर ट्रस्ट ने इस बार दीपोत्सव को पहले से कहीं अधिक व्यापक स्वरूप देने का निर्णय लिया है। अभी तक दीपोत्सव राम मंदिर के गर्भगृह, दर्शनपथ तक ही सीमित रहता था। अब चूंकि 70 एकड़ का पूरा परिसर साफ-सुथरा हो चुका है। मंदिर निर्माण के पहले चरण के काम भी लगभग पूरे हो चुके हैं। कई नए प्रकल्पों का निर्माण हो चुका है। इसी के चलते दीपोत्सव का स्वरूप व्यापक करने की योजना बनी है। मंगलवार की देर शाम राम मंदिर के ट्रस्टी डॉ. अनिल मिश्र ने इसको लेकर बैठक की और दीपोत्सव को भव्य बनाने के लिए कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी भी बांटी गई। परिसर को अलग-अलग जोन में बांटकर संघ व विहिप कार्यकर्ता, टाटा व एलएंडटी के कर्मी, एसआईएस के कर्मियों को दीप जलाने के लिए स्थान आवंटित किया गया है।
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कार्यकर्ता सपरिवार बन सकेंगे दीपोत्सव का हिस्सा
राम मंदिर में पहली बार संघ व विहिप के कार्यकर्ता सपरिवार दीपोत्सव का हिस्सा बन सकेंगे। जो कार्यकर्ता परिवार समेत रामलला के दरबार में दीप जलाना चाहते हैं, उन्हें मौका दिया जाएगा। शर्त यह होगी कि उन्हें 19 व 20 अक्तूबर दो दिन राम मंदिर में तय समय दोपहर 3:00 बजे से 4:30 बजे तक पहुंचना होगा। आवंटित स्थल पर पहुंचकर ठीक 5:30 बजे दीप प्रज्ज्वलित करना होगा। 6:15 बजे इन्हें राम मंदिर समेत परकोटा के छह मंदिरों, सप्त मंडपम व कुबेर टीला में दर्शन की सु
विधा मिलेगी। इन्हें ट्रस्ट की ओर से विशेष पास जारी किया जाएगा।
दीपोत्सव के लिए इन स्थानों को किया गया चिह्नित
सुग्रीव किला, तीर्थयात्री सेवा केंद्र, तीर्थयात्री सुविधा केंद्र, शंकराचार्य द्वार, रामानंदाचार्य द्वार, रामानुजाचार्य द्वार, माधवाचार्य द्वार, राम मंदिर का गर्भगृह, दर्शन मार्ग, राम दरबार का गर्भगृह, परकोटा परिसर, अंगद टीला, कारसेवकपुरम, रामसेवकपुरम, तीर्थ क्षेत्र पुरम, कार्यशाला, तीर्थ क्षेत्र भवन
तीन तरह के जलेंगे दीप
राम मंदिर का गर्भगृह व मंडप- शुद्ध देशी घी से मयूर के आकार के विशेष दीप
राम दरबार का गर्भगृह-शुद्ध देशी घी से मयूर के आकार के विशेष दीप
पत्थरों के स्ट्रक्चर- 51 हजार मोम के दीप
खुले क्षेत्र में - सरसों के तेल के दीपक