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Ayodhya News: एक पखवाड़े में खुल सकते हैं उप मंदिरों के द्वार
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रामलला के दर्शन करने जाते श्रद्धालु गण।
- फोटो : रामलला के दर्शन करने जाते श्रद्धालु गण।
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अयोध्या। अयोध्या धाम में भक्तों की बढ़ती आस्था और दर्शन व्यवस्था को सुव्यवस्थित करने के लिए श्रीराम जन्मभूमि ट्रस्ट ने एक महत्वपूर्ण पहल की दिशा में कदम बढ़ा दिया है। अनुमान है कि आने वाले पखवाड़े में राम मंदिर परिसर में बने उप-मंदिरों में नियमित दर्शन व्यवस्था शुरू कर दी जाएगी, जिससे भक्त अब मुख्य गर्भगृह के साथ परिसर स्थित अन्य देवालयों का भी साक्षात्कार कर सकेंगे।
परिसर में स्थित 14 मंदिरों को जल्द खोले जाने की तैयारी हो रही है। परकोटा के छह मंदिर सूर्य, शिव, गणेश, हनुमान, माता भगवती व माता अन्नपूर्णा के अलावा सप्तमंडपम के सात मंदिरों व शेषावतार मंदिर में अभी श्रद्धालुओं को दर्शन नहीं मिल पा रहे हैं। जल्द ही श्रद्धालु राम लला व राम दरबार के साथ-साथ इन मंदिरों में भी हाजिरी लगा सकेंगे। ट्रस्ट सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार भक्तों की आवाजाही को ध्यान में रखते हुए पाथवे, बैरिकेडिंग, कतार सिस्टम और सुरक्षा प्रोटोकॉल अपडेट किए जा रहे हैं। इसके अलावा सात मंदिरों के शिखर पर अभी धर्मध्वजा की स्थापना भी नहीं हुई है। शिखर पर ध्वज स्थापना के लिए तकनीकी प्रणाली बनाई जा रही है। ट्रस्ट सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अन्य देवालयों के शिखर पर ध्वज स्थापित होने के बाद उन्हें दर्शन के लिए खोला जाएगा। उप-मंदिरों में से कुछ मंदिरों के पहुंच मार्ग भी अभी पूरी तरह तैयार नहीं है, यह मार्ग 15 दिन के भीतर तैयार हो जाएंगे।
कुबेर टीला परिसर का भ्रमण कर सकेंगे श्रद्धालु
सबसे अधिक उत्सुकता का केंद्र बना हुआ है कुबेर टीला, जहां भगवान कुबेरेश्वर महोदव प्रतिष्ठित हैं। इसी परिसर में जटायु की प्रतिमा भी स्थापित है, साथ ही परिसर की पंचवटी श्रद्धालुओं को त्रेतायुग का अहसास कराएगी। भीड़ को नियंत्रित रखने और पवित्र स्थल की संरचना को सुरक्षित बनाए रखने के लिए ट्रस्ट ने निर्णय लिया है कि प्रतिदिन केवल 1000 भक्तों को ही कुबेर टीला पर प्रवेश मिलेगा। इसके लिए पास ऑनलाइन व ऑफलाइन दोनों माध्यमों से उपलब्ध कराए जा सकते हैं। निर्धारित स्लॉट के अनुसार ही श्रद्धालुओं को दर्शन की अनुमति होगी।
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परिसर में स्थित 14 मंदिरों को जल्द खोले जाने की तैयारी हो रही है। परकोटा के छह मंदिर सूर्य, शिव, गणेश, हनुमान, माता भगवती व माता अन्नपूर्णा के अलावा सप्तमंडपम के सात मंदिरों व शेषावतार मंदिर में अभी श्रद्धालुओं को दर्शन नहीं मिल पा रहे हैं। जल्द ही श्रद्धालु राम लला व राम दरबार के साथ-साथ इन मंदिरों में भी हाजिरी लगा सकेंगे। ट्रस्ट सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार भक्तों की आवाजाही को ध्यान में रखते हुए पाथवे, बैरिकेडिंग, कतार सिस्टम और सुरक्षा प्रोटोकॉल अपडेट किए जा रहे हैं। इसके अलावा सात मंदिरों के शिखर पर अभी धर्मध्वजा की स्थापना भी नहीं हुई है। शिखर पर ध्वज स्थापना के लिए तकनीकी प्रणाली बनाई जा रही है। ट्रस्ट सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अन्य देवालयों के शिखर पर ध्वज स्थापित होने के बाद उन्हें दर्शन के लिए खोला जाएगा। उप-मंदिरों में से कुछ मंदिरों के पहुंच मार्ग भी अभी पूरी तरह तैयार नहीं है, यह मार्ग 15 दिन के भीतर तैयार हो जाएंगे।
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कुबेर टीला परिसर का भ्रमण कर सकेंगे श्रद्धालु
सबसे अधिक उत्सुकता का केंद्र बना हुआ है कुबेर टीला, जहां भगवान कुबेरेश्वर महोदव प्रतिष्ठित हैं। इसी परिसर में जटायु की प्रतिमा भी स्थापित है, साथ ही परिसर की पंचवटी श्रद्धालुओं को त्रेतायुग का अहसास कराएगी। भीड़ को नियंत्रित रखने और पवित्र स्थल की संरचना को सुरक्षित बनाए रखने के लिए ट्रस्ट ने निर्णय लिया है कि प्रतिदिन केवल 1000 भक्तों को ही कुबेर टीला पर प्रवेश मिलेगा। इसके लिए पास ऑनलाइन व ऑफलाइन दोनों माध्यमों से उपलब्ध कराए जा सकते हैं। निर्धारित स्लॉट के अनुसार ही श्रद्धालुओं को दर्शन की अनुमति होगी।