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आदेश की अनदेखी: अधिकारियों से नहीं छूट रहा लाल और नीली बत्ती का मोह, एसपी बोले- अभियान चलाकर होगी कार्रवाई

अमर उजाला नेटवर्क, आजमगढ़। Published by: प्रगति चंद Updated Wed, 01 Oct 2025 05:13 PM IST
सार

Azamgarh News: हूटर व नीली बत्ती के प्रयोग पर रोक के बावजूद जिले के अधिकारियों से लाल और नीली बत्ती का मोह नहीं छूट रहा है। यही नहीं कर्मचारी भी रौब झाड़ने से बाज नहीं आ रहे हैं। 
 

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officials moving around with red and blue lights in Azamgarh
blue light - फोटो : AI
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मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद अनाधिकृत तरीके से हूटर व नीली बत्ती का प्रयोग न करने संबंधी शासनादेश जारी किया गया है, लेकिन इसका असर जिले में नहीं दिख रहा है। वीवीआईपी के मोह से अफसर नहीं निकल पा रहे हैं। एसआईसी से लेकर एसडीएम और नायब तहसीलदार तक गाड़ियों में लाल और नीली बत्ती लगाकर चल रहे हैं।



जिले में अधिकारी वीआईपी कल्चर से बाहर नहीं निकल नहीं पा रहे हैं। अधिकारियों की गाड़ियों पर लाल और नीली बत्ती शासन के निर्देश के बाद भी शोभा बढ़ा रही है। जबकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को हूटर के साथ लाल और नीली बत्ती का प्रयोग न करने का शासनादेश जारी किया है। इसके बाद भी अधिकारी धड़ल्ले से इसका प्रयोग कर रहे हैं।
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इतना ही नहीं सत्तारूढ़ दल के नेताओं और कार्यकर्ताओं की गाड़ी में भी हूटर लगे हैं। इसका पता तब चलता है जब या तो वह जाम में फंस जाएं या फिर किसी बड़े नेता का जिले में आगमन हो तो उनकी गाड़ियां हूटर बजाते हुए फर्राटा भरती है। सबकुछ देखते हुए भी पुलिस प्रशासन कोई कार्रवाई नहीं करता।

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नीचे उत्तर प्रदेश सरकार और ऊपर नीली-लाल बत्ती

मंडलीय जिला चिकित्सालय के चिकित्सालय के चिकित्सा अधीक्षक भी अपनी जिस गाड़ी का प्रयोग करते हैं। उस गाड़ी पर उन्होंने नीचे की तरफ उप्र सरकार और ऊपर शीशे पर प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक लिखा रखा है। इसके अलावा उनकी गाड़ी के ऊपर नीली और लाल बत्ती भी लगी हुई है।  

एक्सट्रा मजिस्ट्रेट भी कर रहे नीली और लाल बत्ती का उपयोग
जनपद में एक एक्सट्रा मजिस्ट्रेट की गाड़ी मंगलवार को कलेक्ट्रेट के पार्किंग में खड़ी थी। उस पर मजिस्ट्रेट के साथ ही ऊपर नीली और लाल बत्ती लगी हुई थी। पूछने पर गाड़ी चालक ने बताया कि यह गाड़ी एक्सट्रा मजिस्ट्रेट साहब की गाड़ी है।

नीली और लाल बत्ती लगाने में नायब तहसीलदार भी पीछे नहीं
मंगलवार को कलेक्ट्रेट सभागार में डीएम की अध्यक्षता में जन प्रतिनिधियों की बैठक आयोजित थी। इस दौरान मजिस्ट्रेट और लाल नीली बत्ती लगी एक गाड़ी आकर रुकी। गाड़ी में चालक के साथ एक व्यक्ति बैठा था। पूछने पर गाड़ी के चालक ने बताया कि यह गाड़ी मार्टीनगंज के नायब तहसीलदार की गाड़ी है।
 
साहब तो साहब मातहत भी रौब झाड़ने में पीछे नहीं
इतना ही नहीं अधिकारी जहां पद नाम के साथ लाल और नीली बत्ती लगा रहे हैं। वहीं इस कार्य में कर्मचारी भी पीछे नहीं हैं। कलेक्ट्रेट परिसर में उप्र सरकार लिखे कर्मचारियों के कई वाहन खड़े मिलेंगे। वहीं कुछ कर्मचारियों ने अपने वाहन पर कलेक्ट्रेट और राजस्व कर्मी के साथ ही डीएम आफिस लिखने से भी गुरेज नहीं कर रहे हैं।

सिर्फ पुलिस और एंबुलेंस को नीली और लाल बत्ती का प्रयोग करने का अधिकार है। किसी आपदा के दौरान एसडीएस और स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी भी इसका उपयोग कर सकते हैं। इसके अलावा अगर कोई करता है तो यह गलत है।
-एके राजपूत, आरटीओ

वीआईपी कल्चर को लेकर शासन का निर्देश है। किसी भी वाहन पर लाल व नीली बत्ती और हूटर नहीं होना चाहिए। अगर कोई ऐसा कर रहा है तो अभियान चलाकर ऐसे वाहनों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। साथ ही कुछ लोग जाति सूचक शब्द लिखकर भी चल रहे हैं। ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। -डॉ. अनिल कुमार, एसपी 

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