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Azamgarh News: 6 महीने पहले बना स्वास्थ्य केंद्र जर्जर, दीवार में पड़ीं दरारें और फर्श भी धंसी
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बूढ़नपुर/अहरौला। हमीदपुर गांव में लोगों को स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के लिए छह माह पहले बना स्वास्थ्य केंद्र जर्जर हो गया। दीवार में जहां दरारें पड़ गईं वहीं, फर्श भी धंस गई। इससे निर्माण की गुणवत्ता पर सवाल उठने लगे हैं।
ग्रामीण आबादी को स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के लिए हमीदपुर गांव में शासन से 32.71 लाख रुपये की लागत से स्वास्थ्य उपकेंद्र बनाने की स्वीकृति मिली। स्वास्थ्य उपकेंद्र तैयार होने के बाद छह माह पहले कार्यदायी संस्था ने इसे स्वास्थ्य विभाग को हैंडओवर कर दिया। हैंडओवर होने के बाद उपकेंद्र में पूर्णरूप से स्वास्थ्य सेवाएं संचालित नहीं हुईं कि भवन जर्जर हालत में पहुंच गया। घटिया सामग्री का प्रयोग कर उपकेंद्र का भवन बनाकर ऊपर से रंगरोगन कर हैंडओवर तो कर दिया गया, लेकिन अब उपकेंद्र की दीवार में दरारें पड़नी शुरू हो गई हैं। हैंडओवर करने से पहले कार्यदायी संस्था के अधिकारियों के साथ स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार मौके पर मानकों की अनदेखी नहीं पकड़ पाए।
जांच कर दोषियों पर कार्रवाई की मांग
क्षेत्र के रहने वाले सर्वेश चतुर्वेदी, राजन चतुर्वेदी राजकुमार, प्रेमजीत आदि ने बताया कि उपकेंद्र के निर्माण में घटिया सामग्री का प्रयोग किया गया है। इसके कारण भवन में इस तरह की समस्या आई है। अगर विभाग के जिम्मेदार अधिकारी ने इस पर ध्यान नहीं दिया तो घटिया निर्माण के कारण कभी हादसा भी हो सकता है। उन्होंने इसकी जांच कराकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
यह उपकेंद्र छह-सात माह पहले हैंडओवर हुआ था। हैंडओवर मौके की स्थिति देखकर लिया जाता है। कार्य की गुणवत्ता देखने की जिम्मेदारी कार्यदायी संस्था के अधिकारी और इंजीनियर की है। अगर कोई शिकायत करता है तो आगे की कार्रवाई की जाएगी।- डॉ. मोहनलाल, अधीक्षक सीएचसी अहरौला

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जांच कर दोषियों पर कार्रवाई की मांग
क्षेत्र के रहने वाले सर्वेश चतुर्वेदी, राजन चतुर्वेदी राजकुमार, प्रेमजीत आदि ने बताया कि उपकेंद्र के निर्माण में घटिया सामग्री का प्रयोग किया गया है। इसके कारण भवन में इस तरह की समस्या आई है। अगर विभाग के जिम्मेदार अधिकारी ने इस पर ध्यान नहीं दिया तो घटिया निर्माण के कारण कभी हादसा भी हो सकता है। उन्होंने इसकी जांच कराकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
यह उपकेंद्र छह-सात माह पहले हैंडओवर हुआ था। हैंडओवर मौके की स्थिति देखकर लिया जाता है। कार्य की गुणवत्ता देखने की जिम्मेदारी कार्यदायी संस्था के अधिकारी और इंजीनियर की है। अगर कोई शिकायत करता है तो आगे की कार्रवाई की जाएगी।- डॉ. मोहनलाल, अधीक्षक सीएचसी अहरौला