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43 साल से अधूरी पड़ी चौगामा नहर परियोजना के पूरा होने की जगी आस
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सूखी पड़ी चौगामा नहर
- फोटो : BAGHPAT

- सिंचाई विभाग ने अधूरे पड़े कार्यों को पूरा करने के लिए शुरू किया सर्वे
-300 क्यूसेक पानी गंगा तो 350 क्यूसेक पानी पूर्वी यमुना नहर का लाने की तैयारी
जयपाल राणा
दोघट। चौगामा क्षेत्र की जमीन को सिंचाई के लिए पानी को लेकर सिंचाई विभाग के अभियंताओं ने मंथन शुरू कर दिया है। चौगामा नहर परियोजना में बदलाव कर क्षेत्र को भरपूर मात्रा में पानी उपलब्ध कराने पर कार्य चल रहा है। परियोजना को पूरा करने के लिए अधूरे पड़े नहर व रजबहे को पूरा करने, खेतों तक पुल बनाने, कल्लरपुर रजबहे के माध्यम से चौगामा नहर को 650 क्यूसेक पानी उपलब्ध कराने की योजना तैयार की जा रही है। विभाग की ओर से दो महीने में प्रस्ताव तैयार कर प्रमुख सचिव को भेज दिया जाएगा। सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता उत्कर्ष भारद्वाज के नेतृत्व में इंजीनियर की एक टीम कार्य कर रही है।
क्षेत्र में आठ हजार पांच सौ हेक्टेयर भूमि की सिंचाई को लेकर सरकार व सिंचाई विभाग गंभीर है। उत्कर्ष भारद्वाज ने बताया की बहुत तेजी के साथ कृष्णा हिंडन दोआबा नहर परियोजना यानी चौगामा नहर के कायाकल्प करने के लिए टीम रात दिन काम कर रही है। जहां-जहां नहर अधूरी है वहां वहां नहर को पूरा करने के लिए भूमि अधिग्रहण करने के लिए प्रस्ताव तैयार कराया जा रहा है। नहर को पूरा करने और खेतों तक पानी पहुंचाने के लिए तैयारी की जा रही है। इसके अलावा देवबंद गंगनहर शाखा से और पूर्वी गंगनहर से इस नहर में पानी छोड़ा जाएगा। चौगामा नहर को 650 क्यूसेक पानी देने की तैयारी है। उन्होंने बताया 1978 में परियोजना पर काम शुरू किया गया था। बाद में परियोजना में बदलाव कर पूर्वी यमुना नहर से पानी देने पर मंथन किया गया। लेकिन पूर्वी यमुना नहर में पानी की कमी के कारण नीर को भरपूर मात्रा में पानी नहीं मिल पाया।
उत्कर्ष भारद्वाज ने बताया कि अब योजना रेगुलर बनाने पर काम चल रहा है, ताकि चौगामा क्षेत्र को पूरे वर्ष पानी मिलता रहे और गिरते जलस्तर को रोका जा सके। चौगामा विकास ट्रस्ट के अध्यक्ष जगपाल सिंह का कहना है कि जब तक इस नहर को रेगुलर नहीं बनाया जाएगा तब तक चौगामा क्षेत्र की भूमि का जलस्तर नहीं बढ़ेगा। छपरौली विधायक सहेंद्र सिंह ने बताया कि चौगामा नहर को लेकर वह गंभीर है। पिछले चार वर्षों से वह नहर को रेगूलर कराने के लिए प्रयास कर रहे है। सिंचाई मंत्री व सिंचाई विभाग के बड़े अधिकारियों से भी कई बार वार्ता कर चुके है।
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इस तरह से आएगा 650 क्यूसक पानी
सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता का कहना है कि 300 क्यूेसक पानी गंगा का लाया जाएगा। इसके लिए गंगा देवबंद लिंक नहर से लाया जाएगा, इसके लिए नानौता-कल्लरपुर के पास से रजबहा निकालकर लोई तक लाया जाएगा। इसके लिए हेड बनाने की तैयारी चल रही है। 350 क्यूसेक पानी पूर्वी यमुना नहर से लाया जाएगा।
परियोजना पूरी होने पर ही बच सकेगी खेती
किसान अधिकार आंदोलन के संयोजक नरेंद्र सिंह राणा पिछले 30 वर्षों से चौगामा नहर को लेकर आंदोलनरत है। उन्होंने नहर को रेगूलर कराने की मांग को लेकर भूख हड़ताल, क्रमिक अनशन, मेरठ से लखनऊ तक पैदल यात्रा निकाली। नरेंद्र सिंह राणा का कहना है की चौगामा नहर रेगुलर होने से ही चौगामा क्षेत्र की भूमि बच पाएगी। सामाजिक कार्यकर्ता पप्पन राणा का कहना है कि चौगामा नहर रेगूलर होने पर किसानों की जीवनदायिनी साबित हो सकती है। तेजपाल सिंह का कहना है कि लंबे समय से क्षेत्रवासियों की चौगामा नहर के निर्माण की मांग चल रही है। हरपाल सिंह का कहना है कि चौगामा नहर का निर्माण होना अति आवश्यक है।
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-300 क्यूसेक पानी गंगा तो 350 क्यूसेक पानी पूर्वी यमुना नहर का लाने की तैयारी
जयपाल राणा
दोघट। चौगामा क्षेत्र की जमीन को सिंचाई के लिए पानी को लेकर सिंचाई विभाग के अभियंताओं ने मंथन शुरू कर दिया है। चौगामा नहर परियोजना में बदलाव कर क्षेत्र को भरपूर मात्रा में पानी उपलब्ध कराने पर कार्य चल रहा है। परियोजना को पूरा करने के लिए अधूरे पड़े नहर व रजबहे को पूरा करने, खेतों तक पुल बनाने, कल्लरपुर रजबहे के माध्यम से चौगामा नहर को 650 क्यूसेक पानी उपलब्ध कराने की योजना तैयार की जा रही है। विभाग की ओर से दो महीने में प्रस्ताव तैयार कर प्रमुख सचिव को भेज दिया जाएगा। सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता उत्कर्ष भारद्वाज के नेतृत्व में इंजीनियर की एक टीम कार्य कर रही है।
क्षेत्र में आठ हजार पांच सौ हेक्टेयर भूमि की सिंचाई को लेकर सरकार व सिंचाई विभाग गंभीर है। उत्कर्ष भारद्वाज ने बताया की बहुत तेजी के साथ कृष्णा हिंडन दोआबा नहर परियोजना यानी चौगामा नहर के कायाकल्प करने के लिए टीम रात दिन काम कर रही है। जहां-जहां नहर अधूरी है वहां वहां नहर को पूरा करने के लिए भूमि अधिग्रहण करने के लिए प्रस्ताव तैयार कराया जा रहा है। नहर को पूरा करने और खेतों तक पानी पहुंचाने के लिए तैयारी की जा रही है। इसके अलावा देवबंद गंगनहर शाखा से और पूर्वी गंगनहर से इस नहर में पानी छोड़ा जाएगा। चौगामा नहर को 650 क्यूसेक पानी देने की तैयारी है। उन्होंने बताया 1978 में परियोजना पर काम शुरू किया गया था। बाद में परियोजना में बदलाव कर पूर्वी यमुना नहर से पानी देने पर मंथन किया गया। लेकिन पूर्वी यमुना नहर में पानी की कमी के कारण नीर को भरपूर मात्रा में पानी नहीं मिल पाया।
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उत्कर्ष भारद्वाज ने बताया कि अब योजना रेगुलर बनाने पर काम चल रहा है, ताकि चौगामा क्षेत्र को पूरे वर्ष पानी मिलता रहे और गिरते जलस्तर को रोका जा सके। चौगामा विकास ट्रस्ट के अध्यक्ष जगपाल सिंह का कहना है कि जब तक इस नहर को रेगुलर नहीं बनाया जाएगा तब तक चौगामा क्षेत्र की भूमि का जलस्तर नहीं बढ़ेगा। छपरौली विधायक सहेंद्र सिंह ने बताया कि चौगामा नहर को लेकर वह गंभीर है। पिछले चार वर्षों से वह नहर को रेगूलर कराने के लिए प्रयास कर रहे है। सिंचाई मंत्री व सिंचाई विभाग के बड़े अधिकारियों से भी कई बार वार्ता कर चुके है।
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इस तरह से आएगा 650 क्यूसक पानी
सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता का कहना है कि 300 क्यूेसक पानी गंगा का लाया जाएगा। इसके लिए गंगा देवबंद लिंक नहर से लाया जाएगा, इसके लिए नानौता-कल्लरपुर के पास से रजबहा निकालकर लोई तक लाया जाएगा। इसके लिए हेड बनाने की तैयारी चल रही है। 350 क्यूसेक पानी पूर्वी यमुना नहर से लाया जाएगा।
परियोजना पूरी होने पर ही बच सकेगी खेती
किसान अधिकार आंदोलन के संयोजक नरेंद्र सिंह राणा पिछले 30 वर्षों से चौगामा नहर को लेकर आंदोलनरत है। उन्होंने नहर को रेगूलर कराने की मांग को लेकर भूख हड़ताल, क्रमिक अनशन, मेरठ से लखनऊ तक पैदल यात्रा निकाली। नरेंद्र सिंह राणा का कहना है की चौगामा नहर रेगुलर होने से ही चौगामा क्षेत्र की भूमि बच पाएगी। सामाजिक कार्यकर्ता पप्पन राणा का कहना है कि चौगामा नहर रेगूलर होने पर किसानों की जीवनदायिनी साबित हो सकती है। तेजपाल सिंह का कहना है कि लंबे समय से क्षेत्रवासियों की चौगामा नहर के निर्माण की मांग चल रही है। हरपाल सिंह का कहना है कि चौगामा नहर का निर्माण होना अति आवश्यक है।