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गन्ने की 40 फीसदी फसल खराब होने का अंदेशा
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19 बीएचआर 24 - महसी तहसील क्षेत्र में खेत में आंधी-पानी से गिरी गन्ने की फसल।
- फोटो : BAHRAICH
बहराइच। गन्ने की फसल तैयार हो रही है। लेकिन किसानों को बाढ़, आंधी-पानी से नुकसान हो सकता है। क्योंकि तेज हवा और बारिश के चलते गन्ने की फसल गिर गई है। ऐसे में जिले में लगभग 40 प्रतिशत गन्ने की फसल खराब हो सकती है। किसानों को नुकसान कम करने के लिए दवा का छिड़काव करने के साथ गन्ने को एकसाथ सीधा बांधना होगा। नुकसान की सूचना भी क्षेत्रीय सुपरवाइजर को दे सकते हैं।
जिला कृषि बाहुल्य क्षेत्र है। नकदी के रूप में किसान काफी मात्रा में गन्ने की बोआई करते हैं। लेकिन गन्ने की फसलों को बाढ़ के पानी से नुकसान भी पहुंच रहा है। इसका असर महसी, मोतीपुर और कैसरगंज तहसील में देखने को मिल रहा है। इस बार जिले में 70 हजार हेक्टेयर के आसपास गन्ने की बोआई किसानों ने खेतों में की है। लेकिन बाढ़, आंधी और पानी के चलते किसानों की गन्ने की फसल खेतों में ही गिर गई। इसको देखते हुए इस बार लगभग 40 प्रतिशत फसल किसानों का नुकसान हो सकता है। इसके लिए किसानों को गन्ने की फसल को एकसाथ सीधा खड़ा करने की आवश्यकता है।
जिला गन्ना अधिकारी शैलेष कुमार मौर्या ने बताया कि बारिश और बाढ़ के चलते कुछ क्षेत्र में गन्ने खेत में पानी भर गया है। साथ ही फसलों में रोडराड रोग लग गया है। इससे बचने के लिए किसान दवा का छिड़काव करें। साथ ही क्षेत्रीय सुपरवाइजर को सूचना दें। जिससे गन्ने की फसल को बचाने के लिए समय से उपाय किया जाए। जिला गन्ना अधिकारी ने बताया कि तराई क्षेत्र के खेत में पानी भरने से समस्या हुई है। ऐसे में फसलों को बचाने के लिए भी उपाय किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि सबसे अधिक दिक्कत 238 प्रजाति के गन्ने की फसल में है।
किसानों के साथ की बैठक
खेत में गन्ने की फसल गिरने की सूचना पाकर परसेंडी में स्थित पारले चीनी मिल के मुख्य गन्ना प्रबंधक जगतार सिंह की ओर से रविवार को भगवानपुर, रामपुरवा, थैलिया, मेथौरा, ऐरिया आदि गांव का भ्रमण किया गया। बारिश और तेज हवा के चलते खराब हुई फसल का जायजा लिया। साथ ही किसानों के साथ बैठक कर नई प्रजाति का गन्ना बोआई करने की सलाह दी गई।
उपचार के बाद ही गन्ने की बोआई करें
किसानों को अच्छी प्रजाति के गन्ने की बोआई खेत में करनी चाहिए। साथ ही बीज की बोआई भूमि का उपचार और दवा छिड़काव के बाद ही करनी चाहिए। जिससे किसानों को नुकसान न हो। जिन किसानों की फसल को नुकसान हुआ है, वह क्षेत्रीय सुपरवाइजर को सूचना दें। साथ ही मिलकर्मी की ओर से भी क्षेत्र का भ्रमण किया जा रहा है। -शैलेष मौर्या, जिला गन्ना अधिकारी
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जिला कृषि बाहुल्य क्षेत्र है। नकदी के रूप में किसान काफी मात्रा में गन्ने की बोआई करते हैं। लेकिन गन्ने की फसलों को बाढ़ के पानी से नुकसान भी पहुंच रहा है। इसका असर महसी, मोतीपुर और कैसरगंज तहसील में देखने को मिल रहा है। इस बार जिले में 70 हजार हेक्टेयर के आसपास गन्ने की बोआई किसानों ने खेतों में की है। लेकिन बाढ़, आंधी और पानी के चलते किसानों की गन्ने की फसल खेतों में ही गिर गई। इसको देखते हुए इस बार लगभग 40 प्रतिशत फसल किसानों का नुकसान हो सकता है। इसके लिए किसानों को गन्ने की फसल को एकसाथ सीधा खड़ा करने की आवश्यकता है।
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जिला गन्ना अधिकारी शैलेष कुमार मौर्या ने बताया कि बारिश और बाढ़ के चलते कुछ क्षेत्र में गन्ने खेत में पानी भर गया है। साथ ही फसलों में रोडराड रोग लग गया है। इससे बचने के लिए किसान दवा का छिड़काव करें। साथ ही क्षेत्रीय सुपरवाइजर को सूचना दें। जिससे गन्ने की फसल को बचाने के लिए समय से उपाय किया जाए। जिला गन्ना अधिकारी ने बताया कि तराई क्षेत्र के खेत में पानी भरने से समस्या हुई है। ऐसे में फसलों को बचाने के लिए भी उपाय किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि सबसे अधिक दिक्कत 238 प्रजाति के गन्ने की फसल में है।
किसानों के साथ की बैठक
खेत में गन्ने की फसल गिरने की सूचना पाकर परसेंडी में स्थित पारले चीनी मिल के मुख्य गन्ना प्रबंधक जगतार सिंह की ओर से रविवार को भगवानपुर, रामपुरवा, थैलिया, मेथौरा, ऐरिया आदि गांव का भ्रमण किया गया। बारिश और तेज हवा के चलते खराब हुई फसल का जायजा लिया। साथ ही किसानों के साथ बैठक कर नई प्रजाति का गन्ना बोआई करने की सलाह दी गई।
उपचार के बाद ही गन्ने की बोआई करें
किसानों को अच्छी प्रजाति के गन्ने की बोआई खेत में करनी चाहिए। साथ ही बीज की बोआई भूमि का उपचार और दवा छिड़काव के बाद ही करनी चाहिए। जिससे किसानों को नुकसान न हो। जिन किसानों की फसल को नुकसान हुआ है, वह क्षेत्रीय सुपरवाइजर को सूचना दें। साथ ही मिलकर्मी की ओर से भी क्षेत्र का भ्रमण किया जा रहा है। -शैलेष मौर्या, जिला गन्ना अधिकारी