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Bahraich News: नव वर्ष में पर्यटकों के स्वागत के लिए कतर्नियाघाट तैयार
संवाद न्यूज एजेंसी, बहराइच
Updated Mon, 29 Dec 2025 01:13 AM IST
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कतर्नियाघाट संरक्षित वनक्षेत्र में बना थारूहट। -संवाद
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बिछिया। कतर्नियाघाट वन्यजीव अभयारण्य नए वर्ष में पर्यटकों के स्वागत के लिए पूरी तरह तैयार है। कड़ाके की ठंड के बावजूद यहां आने वाले पर्यटकों की संख्या लगातार बढ़ रही है। जंगल भ्रमण पर आने वाले सैलानियों की पहली पसंद बाघ और तेंदुए का दीदार करना होता है, इसके लिए सफारी वाहन पूरी तरह तैयार हैं। गेरुआ नदी में नौकायन की भी समुचित व्यवस्था की गई है।
कतर्नियाघाट सेंक्चुरी लगभग 551 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैली हुई है। यहां बाघ और तेंदुओं के अलावा जंगली हाथी, चीतल और पाढ़ा की उछलकूद पर्यटकों को आकर्षित करती है। गेरुआ नदी में बोटिंग के दौरान घड़ियाल और मगरमच्छ रोमांच को और बढ़ा देते हैं। नए वर्ष के अवसर पर पर्यटकों के ठहरने के लिए सेंक्चुरी क्षेत्र में बने थारू हट और विश्राम गृह भी पूरी तरह तैयार हैं।
वन क्षेत्राधिकारी आशीष गौड़ ने कहा कि भीषण ठंड के बावजूद प्रतिदिन 100 से 150 की संख्या में पर्यटक भ्रमण के लिए कतर्नियाघाट पहुंच रहे हैं, उन्होंने कहा कि नव वर्ष पर पर्यटकों की संख्या में और इजाफा होने की संभावना है।
पर्यटकों के जंगल भ्रमण के लिए लायन सफारी और जिप्सी वाहन उपलब्ध हैं, जो उनको कतर्निया की आबोहवा और प्राकृतिक सौंदर्य का करीब से अनुभव कराते हैं। इस बार वन निगम की ओर से निशानगाड़ा रेंज में भी पर्यटकों के लिए नया भ्रमण मार्ग खोला गया है। ऐसे में नए वर्ष पर कतर्नियाघाट का सफर पर्यटकों के लिए यादगार साबित हो सकता है।
वन निगम के व्यवस्थापक नरेंद्र कुमार ने बताया कि कतर्नियाघाट में महादेवा ताल, गुदगुदी का पेड़, कतर्निया बांध, घड़ियाल टापू (घड़ियाल और मगरमच्छ का प्राकृतिक आवास) सहित कई प्रमुख आकर्षण हैं, जहां बाघ और तेंदुए भी देखने को मिल सकते हैं।
ऐसे पहुंचें कतर्नियाघाट
जिला मुख्यालय से कतर्नियाघाट की दूरी लगभग 100 किलोमीटर है, जबकि बिछिया से यह मात्र चार किलोमीटर दूर स्थित है। पर्यटक अपने निजी साधनों से सड़क मार्ग द्वारा आसानी से मिहींपुरवा होते हुए कतर्नियाघाट पहुंचकर प्रकृति का आनंद उठा सकते हैं।
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कतर्नियाघाट सेंक्चुरी लगभग 551 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैली हुई है। यहां बाघ और तेंदुओं के अलावा जंगली हाथी, चीतल और पाढ़ा की उछलकूद पर्यटकों को आकर्षित करती है। गेरुआ नदी में बोटिंग के दौरान घड़ियाल और मगरमच्छ रोमांच को और बढ़ा देते हैं। नए वर्ष के अवसर पर पर्यटकों के ठहरने के लिए सेंक्चुरी क्षेत्र में बने थारू हट और विश्राम गृह भी पूरी तरह तैयार हैं।
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वन क्षेत्राधिकारी आशीष गौड़ ने कहा कि भीषण ठंड के बावजूद प्रतिदिन 100 से 150 की संख्या में पर्यटक भ्रमण के लिए कतर्नियाघाट पहुंच रहे हैं, उन्होंने कहा कि नव वर्ष पर पर्यटकों की संख्या में और इजाफा होने की संभावना है।
पर्यटकों के जंगल भ्रमण के लिए लायन सफारी और जिप्सी वाहन उपलब्ध हैं, जो उनको कतर्निया की आबोहवा और प्राकृतिक सौंदर्य का करीब से अनुभव कराते हैं। इस बार वन निगम की ओर से निशानगाड़ा रेंज में भी पर्यटकों के लिए नया भ्रमण मार्ग खोला गया है। ऐसे में नए वर्ष पर कतर्नियाघाट का सफर पर्यटकों के लिए यादगार साबित हो सकता है।
वन निगम के व्यवस्थापक नरेंद्र कुमार ने बताया कि कतर्नियाघाट में महादेवा ताल, गुदगुदी का पेड़, कतर्निया बांध, घड़ियाल टापू (घड़ियाल और मगरमच्छ का प्राकृतिक आवास) सहित कई प्रमुख आकर्षण हैं, जहां बाघ और तेंदुए भी देखने को मिल सकते हैं।
ऐसे पहुंचें कतर्नियाघाट
जिला मुख्यालय से कतर्नियाघाट की दूरी लगभग 100 किलोमीटर है, जबकि बिछिया से यह मात्र चार किलोमीटर दूर स्थित है। पर्यटक अपने निजी साधनों से सड़क मार्ग द्वारा आसानी से मिहींपुरवा होते हुए कतर्नियाघाट पहुंचकर प्रकृति का आनंद उठा सकते हैं।
