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Balrampur News: 2.68 लाख का बकाया ऋण, 60 हजार में निपटा

Lucknow Bureau लखनऊ ब्यूरो
Updated Sat, 13 Sep 2025 09:39 PM IST
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Outstanding loan of 2.68 lakhs, settled for 60 thousand
बलरामपुर के नवीन दीवानी परिसर में आयोजित लोक अदालत में जुटे वादकारी। संवाद
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बलरामपुर। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की तरफ से नवीन दीवानी न्यायालय परिसर में शनिवार को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया। इसमें सुलह-समझौत से मुकदमों का निस्तारण कराया गया। मुकदमों के निस्तारण के लिए लंबे समय से न्यायालयों का चक्कर काट रहे वादकारियों को राहत मिल गई।
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लोक अदालत में सुलह से 2.68 लाख रुपये का बकाया ऋण सिर्फ 60 हजार रुपये में निपटा दिया गया। तुलसीपुर क्षेत्र के ग्राम जहंदरिया बिलोहा निवासी इरफान अहमद ने वर्ष 2016 में पंजाब नेशनल बैंक धनधरा शाखा से केसीसी कराकर दो लाख 60 हजार रुपये का ऋण लिया था। आर्थिक तंगी के चलते समय पर ऋण नहीं जमा कर सके। इरफान को दो लाख 68 हजार ऋण का मूलधन और ब्याज जमा करने का दबाव था। राष्ट्रीय लोक अदालत में इरफान से सिर्फ 60 हजार रुपये जमा कराकर ऋण का मुकदमा खत्म कर दिया गया।
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जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सचिव अतुल कुमार नायक ने बताया कि राष्ट्रीय लोक अदालत में फौजदारी, राजस्व, मोटर दुर्घटना दावा प्रतितोष, उत्तराधिकार प्रमाण पत्र, वैवाहिक व भरण पोषण के वादों व उपभोक्ता फोरम के वाद निस्तारित कराए गए।
ढाई लाख का 90 हजार में हुआ समझौता
देहात क्षेत्र के ग्राम बरईपुर निवासी विश्वनाथ ने वर्ष 2010 में बैंक ऑफ इंडिया से केसीसी कराकर दो लाख 10 हजार रुपये का ऋण लिया था। इनका ढाई लाख रुपये बकाया था। लोक अदालत में सिर्फ 90 हजार रुपये जमा कराकर ऋण का मुकदमा खत्म कर दिया गया।
60 हजार जमा कर हुए ऋणमुक्त
देहात क्षेत्र के ग्राम पाठकपुरवा निवासी त्रियुगी नरायन वर्मा ने वर्ष 2018 में बैंक ऑफ इंडिया से केसीसी से एक लाख रुपये का ऋण लिया था। इनपर बैंक का एक लाख 22 हजार रुपये बकाया हो गया था। लोक अदालत में वह 60 हजार रुपये जमा करके ऋण से मुक्ति पा गए।
नौ साल बाद सुलह से मुकदमा खत्म
तुलसीपुर क्षेत्र के ग्राम जहंदरिया निवासी रामबरन ने पंजाब नेशनल बैंक चयपुरवा तुलसीपुर से केसीसी से वर्ष 2016 में छह लाख तीन हजार रुपये का ऋण लिया था। लोक अदालत में सुलह से दो लाख 35 हजार रुपये जमा करके मुकदमा खत्म करा लिया।
न्यायिक अधिकारियों ने 4191 मामलों का किया निस्तारण
लोक अदालत में 5671 मुकदमों की सुनवाई तय थी, जिसके सापेक्ष 4191 मुकदमों का सुलह से निस्तारण हुआ। इसमें एक करोड़ 98 लाख 59 हजार 12 रुपये का प्रतिकर प्रदान किया गया। जिला जज उत्कर्ष चतुर्वेदी ने चार मुकदमों का निस्तारण किया, इसमें फौजदारी के एक मुकदमे से 500 रुपये जुर्माना भी वसूला गया। पीठासीन अधिकारी अरविंद कुमार श्रीवास्तव ने 100 में से 32 का निस्तारण कराया और एक करोड़ 98 लाख 59 हजार 12 रुपये प्रतिकर धनराशि जमा कराई।
प्रधान न्यायाधीश विनोद कुमार बरनवाल ने 113 में से 69 वादों का निस्तारण कराया और 15 लाख 92 हजार रुपये दिलाने का आदेश दिया। अपर सत्र न्यायाधीश प्रदीप कुमार तृतीय ने 107 में से 102 व सुमित प्रेमी ने 10 में से दो वादों का निस्तारण कराया और एक हजार रुपये जुर्माना वसूला। न्यायाधीश दीप नरायन तिवारी ने छह में से तीन का निस्तारण कराया और 1500 रुपये जुर्माना वसूल किया। सिविल जज अनूप कुमार पांडेय ने राहुल आनंद, योगेश कुमार चौधरी, प्रभात कुमार दुबे, रेनू गौतम, नीरू आनंद, सिद्धांत सोलंकी, मेघाली सिंह, आस्था सिंह व प्रज्ञा पांडेय ने भी मुकदमों का निस्तारण सुलह से कराया।
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