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UP News: रुहेलखंड विश्वविद्यालय में नियमों को दरकिनार कर करोड़ों का घपला, रद्दी बेचने में भी किया खेल

निर्मल पांडेय, संवाद न्यूज एजेंसी, बरेली Published by: बरेली ब्यूरो Updated Thu, 26 Jun 2025 11:53 AM IST
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सार

रुहेलखंड विश्वविद्यालय में स्ववित्त पोषित पाठ्यक्रमों में जितनी फीस नहीं आई, उससे अधिक वेतन बांट दिया गया। ऑडिट में इसका खुलासा हुआ है। 

Crores of rupees scam in Rohilkhand University by bypassing the rules
रुहेलखंड विश्वविद्यालय - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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रुहेलखंड विश्वविद्यालय बरेली में करोड़ों रुपये का घपला सामने आया है। स्ववित्त पोषित पाठ्यक्रमों से प्राप्त फीस से अधिक 8.47 करोड़ रुपये गेस्ट लेक्चरर के वेतन पर खर्च हो गए। इसका 20 प्रतिशत अंश विश्वविद्यालय निधि में जमा नहीं किया गया। इससे 2.39 करोड़ की क्षति पहुंचाई गई है। 

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वर्ष 2014 से 2022 तक इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस स्टडीज इन एजुकेशन (आईएएसई) संकाय संचालित हुआ। इसके लिए अन्य संकायों से सात करोड़ रुपये ऋण लेकर विश्वविद्यालय निधि को क्षति पहुंचाई गई है। चैलेंज मूल्यांकन से मिली फीस के 4.30 करोड़ रुपये का कोई अता-पता नहीं है। लेखा परीक्षा विभाग की ऑडिट में इसका खुलासा हुआ है।
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यह भी पढ़ें- UP: स्नातक पाठ्यक्रम में 30 जून तक कर सकेंगे प्रवेश के लिए आवेदन, रुहेलखंड विश्वविद्यालय ने बढ़ाई तारीख

लेखा परीक्षा विभाग ने वर्ष 2022-23 के ऑडिट में यह मामला पकड़ा है। ऑडिट रिपोर्ट के मुताबिक, जरूरत से अधिक शिक्षकों की नियमित नियुक्ति की गई। इस वजह से आईएएसई संकाय को अन्य संकायों से 6.92 करोड़ रुपये का ऋण लेकर पाठ्यक्रमों का संचालन किया गया। यह स्ववित्त पोषित योजना के विपरीत है।

ऑडिट टीम ने जताई गबन की आशंका 
चुनौती मूल्यांकन के लिए प्राप्त फीस 4,30,95,400 रुपये बीटेक के खाते में स्थानांतरित करना दिखाया गया, लेकिन बीटेक खाते में यह धनराशि प्राप्त नहीं हुई। इस मामले में ऑडिट टीम ने गबन की आशंका जताते हुए विश्वविद्यालय से स्थिति स्पष्ट करने के लिए कहा है।

रुहेलखंड विश्वविद्यालय के मीडिया सेल प्रभारी डॉ. अमित सिंह ने बताया कि ऑडिट रूटीन प्रक्रिया है। इसमें उन्होंने जो आपत्तियां लगाई हैं, उसके साक्ष्य प्रस्तुत कर दिए जाएंगे। एक साल तक ऑडिट अवधि में किसी कारणवश साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किए जा सके होंगे, लेकिन अब कमियों को पूरा करा दिया जाएगा। 

बीएड प्रवेश परीक्षा को भी नहीं बख्शा
उप्र संयुक्त बीएड प्रवेश परीक्षा-2022 से संबंधित रद्दी को कम दर पर बेच कर विश्वविद्यालय को 10.30 लाख रुपये का नुकसान पहुंचाया गया है। जांच में पाया गया है कि विश्वविद्यालय द्वारा उप्र संयुक्त बीएड प्रवेश परीक्षा से संबंधित रद्दी परीक्षा फॉर्म और ओएमआर 2121 रुपये प्रति क्विंटल की दर से बेची गई थी। 

जबकि, विश्वविद्यालय की परीक्षा से संबंधित उत्तर पुस्तिकाओं की रद्दी 3232 रुपये, ओएमआर और परीक्षा फॉर्म की रद्दी 3202 रुपये प्रति क्विंटल की दर से बेची गई। संयुक्त प्रवेश परीक्षा की रद्दी को कम दर पर बेचने से 1081 रुपये प्रति क्विंटल की दर से विश्वविद्यालय को कुल 10,30,701 रुपये की क्षति हुई।

बिना जरूरत के 3.53 करोड़ की एफडी तुड़वाई
बताया जा रहा है कि 31 मार्च 2023 को विश्वविद्यालय के सामान्य खाते में 13.60 करोड़ रुपये से अधिक धनराशि थी। इसके बावजूद 3.53 करोड़ रुपये की एफडी तुड़वा दी गई, जो अनियमित और आपत्तिजनक है। इससे विश्वविद्यालय को ब्याज की क्षति हुई। विश्वविद्यालय ने इसका औचित्य स्पष्ट नहीं किया है।
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