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Bareilly Metro: डिपो के लिए चाहिए 20 एकड़ जमीन... इसके बाद ही फाइनल होगी मेट्रो प्रोजेक्ट की डीपीआर
अमर उजाला ब्यूरो, बरेली
Published by: बरेली ब्यूरो
Updated Thu, 08 May 2025 12:05 PM IST
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सार
बरेली में दो रूटों पर दो से तीन कोच की मेट्रो दौड़ाने की कवायद है। 20 एकड़ जमीन पर मेट्रो का डिपो प्रस्तावित है। इसके लिए ऐसी जमीन चिन्हित की जाएगी, जिस पर कब्जा लेने में कोई बाधा न हो।

सांकेतिक तस्वीर
- फोटो : freepik

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विस्तार
बरेली मेट्रो की डीपीआर को तभी अंतिम रूप दिया जा सकेगा, जब डिपो के लिए 20 एकड़ ऐसी जमीन चिह्नित हो जाएगी, जिस पर कब्जा लेने में कोई बाधा न हो। आईवीआरआई की जमीन उपयुक्त है लेकिन उस पर अभी सहमति नहीं बन पाई है। सहमति बनाने के लिए बीडीए के अधिकारी अब आईवीआरआई के अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे। सहमति न बनने पर फनसिटी के पास जमीन तलाशी जा सकती है।
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मेट्रो के प्रेजेंटेशन के लिए बुधवार को बीडीए कार्यालय में आयोजित बैठक का यही निष्कर्ष रहा। बैठक में वैसे तो आईवीआरआई के अधिकारियों को भी आना था लेकिन किसी वजह से वे नहीं पहुंच सके। अब बीडीए के अधिकारी आने वाले समय में उनके साथ बैठक करेंगे ताकि पता लग सके कि आईवीआरआई जमीन उपलब्ध कराएगा या नहीं।
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बैठक में राइट्स के प्रतिनिधियों ने अब तक की प्रक्रिया का प्रेजेंटेशन देते हुए बताया कि पहले लाइट मेट्रो चलाने का प्रस्ताव था लेकिन सर्वेक्षण में पता लगा कि बढ़ती आबादी और भविष्य को देखते हुए मेट्रो चलाए जाने की जरूरत है। अब सवाल यह है कि मेट्रो दो कोच की चलाई जाए या फिर तीन कोच की। इसका फैसला स्थानीय अधिकारियों और शासन को लेना है। बीडीए के उपाध्यक्ष मनिकंडन ए ने मेट्रो की तैयारियों का प्रेजेंटेशन देखा। इसके बाद बताया कि अब मेट्रो की प्रक्रिया आगे बढ़ने के आसार हैं।
मेट्रो प्रोजेक्ट पर आएगी पांच हजार करोड़ रुपये की लागत
अगर शहर में मेट्रो धरातल पर उतरती है तो दो मार्गों पर दौड़ेगी। प्रोजेक्ट पर करीब पांच हजार करोड़ रुपये की लागत आएगी। एक लाख लोग हर रोज सफर कर सकेंगे। शासन से अब तक लाइट मेट्रो की अनुमति थी लेकिन जब मेट्रो का प्रस्ताव सामने आया तो तीन महीने पहले डीपीआर बनाने की प्रक्रिया शुरू हुई। राइट्स के अधिकारियों ने कहा कि बेशक स्थानीय अधिकारियों ने लाइट मेट्रो के स्थान पर मेट्रो चलाने पर मौखिक सहमति दी है लेकिन शासन से लिखित में अनुमोदन जरूरी है।
अधिकारियों ने बताया कि अभी तक रुहेलखंड विश्वविद्यालय के करीब लाइट मेट्रो के लिए 10 एकड़ जमीन चिह्नित की गई थी लेकिन जब मेट्रो का प्रोजेक्ट अंतिम रूप देने की तैयारी हुई तो 20 एकड़ जमीन आईवीआरआई परिसर में मांगी गई। इस पर अभी निर्णय नहीं हो सका है।
अगर शहर में मेट्रो धरातल पर उतरती है तो दो मार्गों पर दौड़ेगी। प्रोजेक्ट पर करीब पांच हजार करोड़ रुपये की लागत आएगी। एक लाख लोग हर रोज सफर कर सकेंगे। शासन से अब तक लाइट मेट्रो की अनुमति थी लेकिन जब मेट्रो का प्रस्ताव सामने आया तो तीन महीने पहले डीपीआर बनाने की प्रक्रिया शुरू हुई। राइट्स के अधिकारियों ने कहा कि बेशक स्थानीय अधिकारियों ने लाइट मेट्रो के स्थान पर मेट्रो चलाने पर मौखिक सहमति दी है लेकिन शासन से लिखित में अनुमोदन जरूरी है।
अधिकारियों ने बताया कि अभी तक रुहेलखंड विश्वविद्यालय के करीब लाइट मेट्रो के लिए 10 एकड़ जमीन चिह्नित की गई थी लेकिन जब मेट्रो का प्रोजेक्ट अंतिम रूप देने की तैयारी हुई तो 20 एकड़ जमीन आईवीआरआई परिसर में मांगी गई। इस पर अभी निर्णय नहीं हो सका है।