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Bhadohi News: ढाई हजार पेंशन धारकों ने नहीं दिया जीवित होने का प्रमाण
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ऑनलाइन जीवित प्रमाणपत्र जमा करने की व्यवस्था होने के बाद भी पेंशनर्स कम रुचि दिखा रहे हैं। यही वजह है कि इस समय ढाई हजार पेंशनर्स अपने जीवित होने का प्रमाण पत्र नहीं जमा किए हैं। जिससे उनकी पेंशन रोक दी गई है।
जिले के कोषागार से पेंशन लेने वाले लोगों को प्रतिमाह पेंशन दी जाती है। कोषागार में मौजूदा समय में 24 हजार 551 कर्मचारी पेंशनर्स हैं जिन्हें पेंशन दी जाती है।
इसमें से करीब ढाई हजार ने जीवित प्रमाण पत्र जमा नहीं किए हैं, जिससे मौजूदा समय में इनकी पेंशन अब रोक दी गई है। इसमें 50 पेंशनर्स ऐसे हैं, जिन्होंने दो साल से अधिक समय से जीवित प्रमाण पत्र नहीं जमा किया है तो 150 पेंशनर्स ऐसे हैं जिन्होंने एक साल से जीवित प्रमाणपत्र नहीं दिया है। दो वर्ष बाद कमिश्नर के पास अनुमति के लिए जाती है फाइल
वरिष्ठ कोषाधिकारी उमाशंकर ने बताया कि दो वर्ष तक जीवित प्रमाण पत्र नहीं देने की स्थिति में संबंधित कर्मचारी के पेंशन की शुरुआत के लिए कमिश्नर के यहां फाइल संस्तुति के लिए जाती है। वहीं एक साल से जीवित प्रमाण पत्र नहीं जमा करने पर जिलाधिकारी के यहां फाइल अनुमति के लिए जाती है। इन अधिकारियों के आदेश पर जरूरी औपचारिकताओं को पूरा किया जाता है। इसमें एक वर्ष से अधिक के करीब 150 पेंशनर हैं तो दो वर्ष से अधिक वाले 50 से अधिक पेंशनर हैं। जिनका जीवित प्रमाण पत्र नहीं जमा किया गया है। वरिष्ठ कोषाधिकारी ने बताया कि पेंशन धारकों को हर हाल में जीवित प्रमाण पत्र उपलब्ध कराना हाेगा। तभी पेंशन की प्रक्रिया आगे बढ़ेगी ।

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जिले के कोषागार से पेंशन लेने वाले लोगों को प्रतिमाह पेंशन दी जाती है। कोषागार में मौजूदा समय में 24 हजार 551 कर्मचारी पेंशनर्स हैं जिन्हें पेंशन दी जाती है।
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इसमें से करीब ढाई हजार ने जीवित प्रमाण पत्र जमा नहीं किए हैं, जिससे मौजूदा समय में इनकी पेंशन अब रोक दी गई है। इसमें 50 पेंशनर्स ऐसे हैं, जिन्होंने दो साल से अधिक समय से जीवित प्रमाण पत्र नहीं जमा किया है तो 150 पेंशनर्स ऐसे हैं जिन्होंने एक साल से जीवित प्रमाणपत्र नहीं दिया है। दो वर्ष बाद कमिश्नर के पास अनुमति के लिए जाती है फाइल
वरिष्ठ कोषाधिकारी उमाशंकर ने बताया कि दो वर्ष तक जीवित प्रमाण पत्र नहीं देने की स्थिति में संबंधित कर्मचारी के पेंशन की शुरुआत के लिए कमिश्नर के यहां फाइल संस्तुति के लिए जाती है। वहीं एक साल से जीवित प्रमाण पत्र नहीं जमा करने पर जिलाधिकारी के यहां फाइल अनुमति के लिए जाती है। इन अधिकारियों के आदेश पर जरूरी औपचारिकताओं को पूरा किया जाता है। इसमें एक वर्ष से अधिक के करीब 150 पेंशनर हैं तो दो वर्ष से अधिक वाले 50 से अधिक पेंशनर हैं। जिनका जीवित प्रमाण पत्र नहीं जमा किया गया है। वरिष्ठ कोषाधिकारी ने बताया कि पेंशन धारकों को हर हाल में जीवित प्रमाण पत्र उपलब्ध कराना हाेगा। तभी पेंशन की प्रक्रिया आगे बढ़ेगी ।