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दौरा: बिजनौर पहुंचे सीएम योगी आदित्यनाथ, सभास्थल की सुरक्षा के लिए बनाया पांच स्तरीय सुरक्षा घेरा

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, बिजनौर Published by: कपिल kapil Updated Tue, 21 Sep 2021 06:00 AM IST
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सार

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज बिजनौर के दौरे पर पहुंचे हैं। वहीं सीएम दौरे को लेकर अधिकारियों ने तैयारियां पूरी कर ली थीं। जानिए दिन भर का कार्यक्रम और शहर के लोगों की क्या बड़ी मांगें हैं।

The Chief Minister Yogi Adityanath will be come to 21 September in Bijnor City
बिजनौर में सीएम योगी आदित्यनाथ। - फोटो : अमर उजाला
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज बिजनौर का दौरा करने पहुंचे हैं। डीएम और एसपी समेत सभी महकमों के अधिकारी-कर्मचारी मौके पर डटे हुए हैं। सभास्थल तक जाने के लिए एक वैकल्पिक रास्ता भी तैयार कर किया गया है। सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पुलिसकर्मियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए हैं। जिले भर में पुलिस फोर्स तैनात किया गया है।

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जिले के स्वाहेड़ी में राजकीय मेडिकल कॉलेज की जगह पर सुबह से ही अधिकारियों और कर्मचारियों की हलचल बढ़ गई। डीएम उमेश मिश्रा ने स्वाहेड़ी पहुंचकर तैयारियों का जायजा लिया। अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। एसपी डॉ. धर्मवीर सिंह ने ड्यूटी पर लगे पुलिसकर्मियों को आवश्यक निर्देश दिए। सभा स्थल को जाने वाले रास्ते में उड़ रही धूल को दबाने के लिए हाईवे निर्माण कर रही कंपनी के टैंकर पानी डालते रहे। 
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सीएम योगी के पहुंचने का कार्यक्रम में तय समय से थोड़ा विलंब हुआ और योगी आदित्यनाथ का हेलीकॉप्टर तीन बजकर 20 मिनट पर बिजनौर में लेंड हुआ। इसके बाद सीएम योगी कार द्वारा सभास्थल तक पहुंचे। इससे पहले विधायक ओम कुमार, कमलेश सैनी, अशोक राणा ने सभा को संबोधित किया। प्रभारी मंत्री कपिल देव अग्रवाल, क्षेत्रीय अध्यक्ष मोहित बेनीवाल सभा स्थल पर मौजूद रहे। इसके अलावा पूर्व सांसद भारतेंद्र सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि जौली ग्रांट जैसी सुविधाएं बिजनौर में मिलेगी। इलाज में देरी से किसी की जान नहीं जाएगी।

मचान और ड्रोन से हो रही निगरानी
सभास्थल के आसपास जमीन रेतीले पठार की तरह है। सभास्थल गहराई में होने की वजह से मचान भी बनाया गया है। जिससे सुरक्षा कर्मी दूर तक नजर रख सकें। इसके अलावा ड्रोन से भी निगरानी की जाएगी। सभास्थल की सुरक्षा को लेकर पांच स्तरीय सुरक्षा घेरा रहेगा। छह बटालियन पीएसी और करीब 1500 पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगी है। आसपास के जिलों से भी पुलिसबल बुलाया गया है। राजकीय मेडिकल कॉलेज का शिलान्यास करने के लिए मुख्यमंत्री आज यहां पहुंचे हैं।  

ये हैं जिले की बड़ी मांगें

जिले में चिकित्सकों के 104 पद खाली

जिले में सरकारी क्षेत्र में चिकित्सकों व चिकित्सा सुविधाओं का अभाव है। हाल यह है कि एक दशक से ज्यादा समय से जिला अस्पताल में कार्डियोलाजिस्ट नहीं है। कोरोना के खिलाफ जंग में जो वेंटिलेटर जिले को मिले वो स्टाफ के अभाव में मुरादाबाद को देने पड़े। जिले में 179 चिकित्सकों के सापेक्ष केवल 75 चिकित्सक हैं और 104 पद अभी रिक्त पड़े हैं। मेडिकल कॉलेज तो बन रहा है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग चिकित्सकों की कमी की वजह से हांफ रहा है। जरा से गंभीर मरीज को तुरंत मेरठ रेफर कर दिया जाता है।

कब होगी गन्ना मूल्य में वृद्धि
चीनी मिल के आगामी पेराई सत्र की तैयारी हो गई है, लेकिन पिछले सत्र का भुगतान अब तक किसानों को नहीं मिला है। किसानों को विलंब भुगतान पर ब्याज भी नहीं मिलता है। 2017 में नजीबाबाद मिल में एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने सहकारी चीनी मिल की पेराई क्षमता की घोषणा की थी, उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। इससे किसान समय से गन्ना मिल में नहीं डाल पाते हैं। पिछले तीन सालों से गन्ना मूल्य में फूटी कौड़ी की वृद्धि नहीं की गई है। अगले पेराई सत्र के लिए भी किसान अच्छे खासे मूल्य वृद्धि की आस लगाए बैठे हैं।

नहीं मिली गंगा के कटान से निजात
उत्तराखंड के बाद गंगा यूपी में सबसे पहले बिजनौर में ही प्रवेश करती है। पहाड़ों पर बारिश का पानी यहां तेज गति से आता है और तटीय गांवों में तबाही मचाता है। हर साल किसानों की सैकड़ों बीघा जमीन कटकर गंगा में समा जाती है। कटानरोधी कार्य कराने के लिए एक दशक पुराने प्रस्ताव को भाजपा सरकार में ही मंजूरी मिली, लेकिन बजट अब तक जारी नहीं हुआ है। इससे हजारों किसान कटान का दंश झेलने अब भी झेलने को मजबूर हैं। हालांकि सरकार ने गांव डैबलगढ़ के सामने पीपे का पुल बनाकर खादर के किसानों को बड़ी राहत दी है।

गड्ढामुक्त सड़कों का सपना कब होगा साकार
भाजपा सरकार बनने पर पहली बार सड़कों के गड्ढे भरने के लिए बड़े स्तर पर अभियान चलाया गया था। यह अभियान तब से लगातार चल रहा है लेकिन सड़कों के गड्ढे  हैं कि खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहे हैं। इसकी सबसे बड़ी मिसाल दिल्ली पौड़ी नेशनल हाईवे बैराज रोड है। इस सड़क से मुजफ्फरनगर का करीब 55 किलोमीटर का सफर तय करने में भी दो घंटे लग जाते हैं। गांवों और शहरों की भी सड़कें कई जगह पर बदहाल हैं। गड्ढे या तो हवा में भरे जाते हैं या फिर इन्हें इस तरह भरा जाता है कि साल भर से पहले ही फिर से ठेकेदार को गड्ढे भरने का काम मिल जाए।

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