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Chandauli News: डायट के तत्कालीन प्राचार्य पर भी गिरेगी गाज
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जिला शिक्षा व प्रशिक्षण संस्थान (डायट) में 1.75 करोड़ रुपये की वित्तीय अनियमितता के मामले में कार्रवाई शुरू हो गई है।
तत्कालीन लिपिक और इस समय जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय में तैनात लिपिक शुभम सिंह को एक दिन पहले निलंबित कर दिया गया। इसके बाद अब तत्कालीन डायट के प्राचार्य पर भी गाज गिरनी तय है।
बुधवार को संयुक्त शिक्षा निदेशक वाराणसी दिनेश सिंह ने डायट के तत्कालीन प्राचार्य डा.राकेश सिंह के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए निदेशालय को पत्र लिखा है। पूर्व प्राचार्य डाॅ. राकेश सिंह ने वर्ष 2022 में डायट के प्राचार्य का कार्यभार ग्रहण किया था। डीएलएड में प्रवेश के लिए काउंसिलिंग होती थी। इस दौरान छात्रों से 10-10 हजार रुपये लिए जाते थे।
यह धनराशि परीक्षा नियामक प्राधिकरण (पीएमपी) अपने पास रख लेता है। प्रवेश के लिए काउंसिलिंग खत्म होने के बाद यह धनराशि पीएमसी डायट के खाते में भेज दिया जाता था। डायट के प्राचार्य इस धनराशि को संबंधित विद्यालयों के खाते में भेज देते थे। आरोप है कि दो साल पूर्व पीएमपी की ओर से भेजी गई धनराशि को विद्यालयों में न भेजकर दूसरे मद में खर्च दिखा दिया गया।
यहां तक की डीएलएड की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन करने वाले परीक्षकों को उनके पारिश्रमिक का भी भुगतान नहीं किया गया। काउंसलिंग के समय छात्रों से जमा कराई गई धनराशि का भुगतान नहीं होने पर जिले के डीएलएड कॉलेज संचालकों ने शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान के वर्तमान प्राचार्य डा. विनोद शर्मा को पत्र भेजकर परीक्षा नियामक प्राधिकरण की ओर से जारी धनराशि का भुगतान करने की मांग की।
कॉलेजों से पत्र मिलने के बाद प्राचार्य ने पीएमसी को डिमांड लेटर भेज दिया। पीएमसी से पत्र का जवाब आया कि यह धनराशि डायट के खाते में पहले ही भेज दी गई है।
डीएलएड की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन के पारिश्रमिक का भुगतान सहित अनियमितता की शिकायत पर मामले की जांच के लिए शासन स्तर से तीन सदस्यीय समिति का गठन कर दिया। समिति ने अनियमितता की जांच की तो 1.75 की अनियमितता का मामला सामने आया।
इस मामले में तत्कालीन लिपिक और अब जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय में लिपिक पद पर तैनात शुभम सिंह को निलंबित कर दिया गया। इसके बाद तत्कालीन प्राचार्य के खिलाफ कार्रवाई के लिए संयुक्त शिक्षा निदेशक वाराणसी दिनेश सिंह ने निदेशालय को पत्र लिखा है। संयुक्त शिक्षा निदेशक ने बताया कि तत्कालीन प्राचार्य पर कार्रवाई का अधिकार निदेशालय को है।
मामले में तत्कालीन प्राचार्य पर कार्रवाई के लिए संस्तुति की गई है। कार्रवाई शासन स्तर से होगी।
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तत्कालीन लिपिक और इस समय जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय में तैनात लिपिक शुभम सिंह को एक दिन पहले निलंबित कर दिया गया। इसके बाद अब तत्कालीन डायट के प्राचार्य पर भी गाज गिरनी तय है।
बुधवार को संयुक्त शिक्षा निदेशक वाराणसी दिनेश सिंह ने डायट के तत्कालीन प्राचार्य डा.राकेश सिंह के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए निदेशालय को पत्र लिखा है। पूर्व प्राचार्य डाॅ. राकेश सिंह ने वर्ष 2022 में डायट के प्राचार्य का कार्यभार ग्रहण किया था। डीएलएड में प्रवेश के लिए काउंसिलिंग होती थी। इस दौरान छात्रों से 10-10 हजार रुपये लिए जाते थे।
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यह धनराशि परीक्षा नियामक प्राधिकरण (पीएमपी) अपने पास रख लेता है। प्रवेश के लिए काउंसिलिंग खत्म होने के बाद यह धनराशि पीएमसी डायट के खाते में भेज दिया जाता था। डायट के प्राचार्य इस धनराशि को संबंधित विद्यालयों के खाते में भेज देते थे। आरोप है कि दो साल पूर्व पीएमपी की ओर से भेजी गई धनराशि को विद्यालयों में न भेजकर दूसरे मद में खर्च दिखा दिया गया।
यहां तक की डीएलएड की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन करने वाले परीक्षकों को उनके पारिश्रमिक का भी भुगतान नहीं किया गया। काउंसलिंग के समय छात्रों से जमा कराई गई धनराशि का भुगतान नहीं होने पर जिले के डीएलएड कॉलेज संचालकों ने शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान के वर्तमान प्राचार्य डा. विनोद शर्मा को पत्र भेजकर परीक्षा नियामक प्राधिकरण की ओर से जारी धनराशि का भुगतान करने की मांग की।
कॉलेजों से पत्र मिलने के बाद प्राचार्य ने पीएमसी को डिमांड लेटर भेज दिया। पीएमसी से पत्र का जवाब आया कि यह धनराशि डायट के खाते में पहले ही भेज दी गई है।
डीएलएड की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन के पारिश्रमिक का भुगतान सहित अनियमितता की शिकायत पर मामले की जांच के लिए शासन स्तर से तीन सदस्यीय समिति का गठन कर दिया। समिति ने अनियमितता की जांच की तो 1.75 की अनियमितता का मामला सामने आया।
इस मामले में तत्कालीन लिपिक और अब जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय में लिपिक पद पर तैनात शुभम सिंह को निलंबित कर दिया गया। इसके बाद तत्कालीन प्राचार्य के खिलाफ कार्रवाई के लिए संयुक्त शिक्षा निदेशक वाराणसी दिनेश सिंह ने निदेशालय को पत्र लिखा है। संयुक्त शिक्षा निदेशक ने बताया कि तत्कालीन प्राचार्य पर कार्रवाई का अधिकार निदेशालय को है।
मामले में तत्कालीन प्राचार्य पर कार्रवाई के लिए संस्तुति की गई है। कार्रवाई शासन स्तर से होगी।