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Chitrakoot News: आईआईटी में पहले चरण में घट गए इंटरनेशनल ऑफर
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कानपुर। देश के प्रमुख तकनीकी संस्थानों में इस वर्ष पहले चरण के कैंपस प्लेसमेंट के दौरान अंतरराष्ट्रीय ऑफर्स घट गए हैं। 15 दिनों तक चले फेज-1 प्लेसमेंट में केवल 15 छात्रों को ही इंटरनेशनल ऑफर मिल सके जबकि पिछले वर्ष यह संख्या लगभग दोगुनी थी। विशेषज्ञों के अनुसार, इसका सबसे बड़ा कारण अमेरिका की बदली हुई टैरिफ (शुल्क) और व्यापार नीतियां हैं जिनका सीधा असर वैश्विक भर्तियों पर पड़ा है।
अमेरिका ने हाल के समय में अपनी ‘प्रोटेक्शनिस्ट पॉलिसी’ को और सख्त किया है। नई टैरिफ नीति के तहत अमेरिकी कंपनियों पर घरेलू स्तर पर निवेश और रोजगार बढ़ाने का दबाव बढ़ा है। इसके अलावा वीजा नियमों में सख्ती, विदेशी कर्मचारियों की नियुक्ति पर बढ़ती लागत और अनिश्चित वैश्विक आर्थिक हालात के चलते अमेरिकी कंपनियां कैंपस से सीधे अंतरराष्ट्रीय भर्तियों में सतर्कता बरत रही हैं। इसी वजह से भारत समेत कई देशों के शीर्ष संस्थानों में इंटरनेशनल ऑफर्स की संख्या सीमित रही।
आईआईटी कानपुर में 2025–26 बैच के स्नातक छात्रों के लिए फेज-1 कैंपस प्लेसमेंट प्रक्रिया कुल मिलाकर काफी सफल रही। प्लेसमेंट को ऑन-कैंपस, वर्चुअल और हाइब्रिड माध्यमों में आयोजित किया गया जिससे कंपनियों और छात्रों दोनों को सुविधा मिली। इस चरण में विभिन्न क्षेत्रों की 250 से अधिक देसी-विदेशी कंपनियों ने हिस्सा लिया और कुल 1,202 ऑफर दिए गए। इनमें से 1,079 ऑफर छात्रों द्वारा स्वीकार किए गए।
फेज-1 की एक महत्वपूर्ण उपलब्धि यह रही कि 15 छात्रों को यूरोप, जापान, कोरिया और अमेरिका की कंपनियों से अंतरराष्ट्रीय ऑफर प्राप्त हुए। हालांकि संख्या कम रही लेकिन संस्थान को उम्मीद है कि वैश्विक बाजार में स्थिरता आने के साथ मध्य जनवरी 2026 से शुरू होने वाले फेज-2 प्लेसमेंट में अंतरराष्ट्रीय अवसरों का दायरा बढ़ेगा। विशेषज्ञों का कहना है कि बदली नीति के कारण इस बार से कई अंतरराष्ट्रीय कंपनियों ने भारतीय छात्रों को रिक्रूट करने के लिए कंपनियों के ऑफिस बंगलूरू में खोले हैं ताकि अधिक संख्या में छात्रों को नौकरी दी जा सके।
इन कंपनियों ने दीं नौकरियां
फेज-1 प्लेसमेंट में एक्सेंचर, एयरबस, अमेरिकन एक्सप्रेस, ब्लैकरॉक, बोइंग, डेटाब्रिक्स, डॉयचे बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, मास्टरकार्ड, मीशो, नावी, पीडब्ल्यूसी, क्वालकॉम, सैमसंग, इनमोबी और स्क्वेयर पॉइंट कैपिटल जैसी प्रतिष्ठित निजी कंपनियों ने भर्ती की। इसके साथ ही बीपीसीएल, बीईएल, मिधानी और ईआईएल जैसी सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों ने भी सक्रिय भागीदारी निभाई।
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आईआईटी कानपुर में 2025–26 बैच के स्नातक छात्रों के लिए फेज-1 कैंपस प्लेसमेंट प्रक्रिया कुल मिलाकर काफी सफल रही। प्लेसमेंट को ऑन-कैंपस, वर्चुअल और हाइब्रिड माध्यमों में आयोजित किया गया जिससे कंपनियों और छात्रों दोनों को सुविधा मिली। इस चरण में विभिन्न क्षेत्रों की 250 से अधिक देसी-विदेशी कंपनियों ने हिस्सा लिया और कुल 1,202 ऑफर दिए गए। इनमें से 1,079 ऑफर छात्रों द्वारा स्वीकार किए गए।
फेज-1 की एक महत्वपूर्ण उपलब्धि यह रही कि 15 छात्रों को यूरोप, जापान, कोरिया और अमेरिका की कंपनियों से अंतरराष्ट्रीय ऑफर प्राप्त हुए। हालांकि संख्या कम रही लेकिन संस्थान को उम्मीद है कि वैश्विक बाजार में स्थिरता आने के साथ मध्य जनवरी 2026 से शुरू होने वाले फेज-2 प्लेसमेंट में अंतरराष्ट्रीय अवसरों का दायरा बढ़ेगा। विशेषज्ञों का कहना है कि बदली नीति के कारण इस बार से कई अंतरराष्ट्रीय कंपनियों ने भारतीय छात्रों को रिक्रूट करने के लिए कंपनियों के ऑफिस बंगलूरू में खोले हैं ताकि अधिक संख्या में छात्रों को नौकरी दी जा सके।
इन कंपनियों ने दीं नौकरियां
फेज-1 प्लेसमेंट में एक्सेंचर, एयरबस, अमेरिकन एक्सप्रेस, ब्लैकरॉक, बोइंग, डेटाब्रिक्स, डॉयचे बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, मास्टरकार्ड, मीशो, नावी, पीडब्ल्यूसी, क्वालकॉम, सैमसंग, इनमोबी और स्क्वेयर पॉइंट कैपिटल जैसी प्रतिष्ठित निजी कंपनियों ने भर्ती की। इसके साथ ही बीपीसीएल, बीईएल, मिधानी और ईआईएल जैसी सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों ने भी सक्रिय भागीदारी निभाई।
