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Chitrakoot News: गर्भवती महिलाओं को खून जांच के लिए लगाना पड़ता चक्कर
संवाद न्यूज एजेंसी, चित्रकूट
Updated Wed, 10 Sep 2025 02:05 AM IST
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फोटो05सीकेटीपी-9- परिचय- अस्पताल के पैथॉलाजी सेंटर में जांच के लिए बैठी महिला और मोबाइल में व्य
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चित्रकूट। जिला अस्पताल में गर्भवती महिलाओं को खून जांच के लिए दो दिन चक्कर लगाना पड़ता है। इससे महिलाओं को आने जाने में परेशानियों का सामना करना पड़ता है। वहीं महिलाओं ने जांच कक्ष में तैनात कर्मचारियों पर अभद्र भाषा के प्रयोग का आरोप लगाया है। यहीं हाल अन्य मरीजों का है। जिनको एक दिन में रिपोर्ट नहीं दी जाती है। मजबूरी में मरीज प्राइवेट पैथोलॉजी से जांच कराते हैं।
मंगलवार को जिला अस्पताल में गर्भवती महिलाओं का एएनसी का दिन था। इसमें डाॅक्टर को दिखाने के बाद खून की जांच, वजन, अल्ट्रासाउंड कराया जाता है। तब उनकी पूरी प्रक्रिया होती है। सुबह करीब नौ बजे कर्वी की गर्भवती अर्चना देवी अपनी दूसरी जांच कराने पहुंची। डॉक्टर को दिखाया तो खून जांच, वजन व अल्ट्रासाउंड लिखा। खून जांच कक्ष पहुंची तो पंजीयन कराने के बाद सैंपल देने के लिए बैठ गईं। वहां तैनात कर्मचारी मोबाइल में व्यस्त रहे।
महिला ने टोका तो अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए डांट दिया। सैंपल लेने के बाद दूसरे दिन आने की बात कहकर लौटा दिया। बनकट की ललिता ने बताया कि वह खून की जांच कराने के लिए गईं तो सैंपल देने के बाद जांच रिपोर्ट के बारे में पूछा तो कर्मचारी ने कहा कि जाओ यहां से, रिपोर्ट लेने कल आना।
महिला ने गर्भवती होने की बात कही तो कर्मचारी ने डांट कर भगा दिया। यहीं हाल अन्य गर्भवती महिलाओं के साथ किया गया। इससे गर्भवती महिलाओं को अस्पताल आने में दिक्कतें हो रही हैं। बुखार के मरीज श्रेयांश के तीमारदार महेश ने बताया कि बेटे को डॉक्टर को दिखाया तो डाक्टर ने खून जांच कराने के लिए लिखा। खून जांच कक्ष में गया तो वहां सेंपल लेने के बाद रिपोर्ट लेने के लिए दूसरे दिन आने की बात कही। इससे पूरा इलाज नहीं हो सका।
इस संबध में सीएमएस डॉ. शैलेंद्र कुमार ने बताया कि भीड़ ज्यादा होने से रिपोर्ट देने में देरी होती है तो मरीज के परिजनों को मोबाइल में रिपोर्ट भेजी जाती है। कर्मचारियों के अभद्रता करने की जानकारी की जा रही है।

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मंगलवार को जिला अस्पताल में गर्भवती महिलाओं का एएनसी का दिन था। इसमें डाॅक्टर को दिखाने के बाद खून की जांच, वजन, अल्ट्रासाउंड कराया जाता है। तब उनकी पूरी प्रक्रिया होती है। सुबह करीब नौ बजे कर्वी की गर्भवती अर्चना देवी अपनी दूसरी जांच कराने पहुंची। डॉक्टर को दिखाया तो खून जांच, वजन व अल्ट्रासाउंड लिखा। खून जांच कक्ष पहुंची तो पंजीयन कराने के बाद सैंपल देने के लिए बैठ गईं। वहां तैनात कर्मचारी मोबाइल में व्यस्त रहे।
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महिला ने टोका तो अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए डांट दिया। सैंपल लेने के बाद दूसरे दिन आने की बात कहकर लौटा दिया। बनकट की ललिता ने बताया कि वह खून की जांच कराने के लिए गईं तो सैंपल देने के बाद जांच रिपोर्ट के बारे में पूछा तो कर्मचारी ने कहा कि जाओ यहां से, रिपोर्ट लेने कल आना।
महिला ने गर्भवती होने की बात कही तो कर्मचारी ने डांट कर भगा दिया। यहीं हाल अन्य गर्भवती महिलाओं के साथ किया गया। इससे गर्भवती महिलाओं को अस्पताल आने में दिक्कतें हो रही हैं। बुखार के मरीज श्रेयांश के तीमारदार महेश ने बताया कि बेटे को डॉक्टर को दिखाया तो डाक्टर ने खून जांच कराने के लिए लिखा। खून जांच कक्ष में गया तो वहां सेंपल लेने के बाद रिपोर्ट लेने के लिए दूसरे दिन आने की बात कही। इससे पूरा इलाज नहीं हो सका।
इस संबध में सीएमएस डॉ. शैलेंद्र कुमार ने बताया कि भीड़ ज्यादा होने से रिपोर्ट देने में देरी होती है तो मरीज के परिजनों को मोबाइल में रिपोर्ट भेजी जाती है। कर्मचारियों के अभद्रता करने की जानकारी की जा रही है।
फोटो05सीकेटीपी-9- परिचय- अस्पताल के पैथॉलाजी सेंटर में जांच के लिए बैठी महिला और मोबाइल में व्य