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Chitrakoot News: पेड़ों पर अटकी नए झकरकटी बस अड्डे की अनुमति
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कानपुर। झकरकटी बस अड्डे के पुनर्विकास का कार्य पेड़ों के कारण अटक गया है। बस अड्डे को प्राइवेट पब्लिक पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल पर विकसित करने के लिए बसों का संचालन सीओडी क्रॉसिंग के पास रक्षा मंत्रालय की जमीन पर दो साल तक किया जाना था। परिवहन निगम अधिकारियों का कहना है कि बस अड्डा शिफ्ट करने के लिए सीओडी क्रॉसिंग के पास चिह्नित भूमि नहीं मिल पा रही जबकि रक्षा संपदा विभाग बड़ी संख्या में हरे पेड़ काटे जाने का हवाला देकर भूमि देने की अनुमति नहीं दे रहा है।
झकरकटी बस अड्डे पर कई आधुनिकीकरण कार्य किए जाने हैं। करीब 143 करोड़ रुपये के बजट से बहुमंजिला इमारत बननी है। इसमें माॅल, होटल, रेस्टाेरेंट, मल्टीप्लेक्स, भूतल पर यात्री प्रतीक्षालय, फूड व किड्स जोन सहित अन्य सुविधाएं होंगी। इससे यात्रियों को सुगम यातायात मिल सकेगा। इसके लिए पंजाब की सीगल कंस्ट्रक्शन कंपनी को ठेका भी दिया जा चुका है।
बस अड्डे को विकसित करने के लिए किसी अन्य स्थान से एक हजार बसों को संचालित करने की कार्ययोजना तैयार की गई थी। परिवहन निगम के अधिकारियों ने बस अड्डा को दो साल के लिए अस्थायी तौर पर सीओडी पुल के पास पांच एकड़ जमीन पर शिफ्ट करने के लिए रक्षा संपदा विभाग को प्रस्ताव भेजा था। विभाग ने रक्षा मंत्रालय को मंजूरी देने के लिए पत्र भेज दिया लेकिन अभी तक इसकी मंजूरी नहीं मिली है। इसके अलावा अन्य कोई स्थान ऐसा भी नहीं मिल पा रहा जहां से एक हजार बसों का संचालन किया जा सके।
पेड़ कटान की वजह से अटकी मंजूरी
बस अड्डा शिफ्ट करने के लिए सीओडी की भूमि का मामला रक्षा मंत्रालय के समक्ष है। पर्यावरण को लेकर एनजीटी के सख्त नियमों की वजह से रक्षा मंत्रालय की भूमि पर काफी संख्या में हरे पेड़ काटने पड़ेंगे। इस वजह से मंजूरी नहीं मिल पा रही है। दूसरी तरफ शासन से चयनित कंपनी ने अभी तक नक्शा भी नहीं दिया है। अभी यह नहीं कहा जा सकता कि कितना समय और लगेगा। -महेश कुमार, क्षेत्रीय प्रबंधक, परिवहन निगम

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बस अड्डे को विकसित करने के लिए किसी अन्य स्थान से एक हजार बसों को संचालित करने की कार्ययोजना तैयार की गई थी। परिवहन निगम के अधिकारियों ने बस अड्डा को दो साल के लिए अस्थायी तौर पर सीओडी पुल के पास पांच एकड़ जमीन पर शिफ्ट करने के लिए रक्षा संपदा विभाग को प्रस्ताव भेजा था। विभाग ने रक्षा मंत्रालय को मंजूरी देने के लिए पत्र भेज दिया लेकिन अभी तक इसकी मंजूरी नहीं मिली है। इसके अलावा अन्य कोई स्थान ऐसा भी नहीं मिल पा रहा जहां से एक हजार बसों का संचालन किया जा सके।
पेड़ कटान की वजह से अटकी मंजूरी
बस अड्डा शिफ्ट करने के लिए सीओडी की भूमि का मामला रक्षा मंत्रालय के समक्ष है। पर्यावरण को लेकर एनजीटी के सख्त नियमों की वजह से रक्षा मंत्रालय की भूमि पर काफी संख्या में हरे पेड़ काटने पड़ेंगे। इस वजह से मंजूरी नहीं मिल पा रही है। दूसरी तरफ शासन से चयनित कंपनी ने अभी तक नक्शा भी नहीं दिया है। अभी यह नहीं कहा जा सकता कि कितना समय और लगेगा। -महेश कुमार, क्षेत्रीय प्रबंधक, परिवहन निगम