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Chitrakoot News: 1050 मरीजों का पंजीकरण, 745 जुकाम-बुखार से पीड़ित
संवाद न्यूज एजेंसी, चित्रकूट
Updated Wed, 17 Sep 2025 11:40 PM IST
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चित्रकूट। मौसम में बदलाव के कारण जुकाम-खांसी, बुखार लोगों को जकड़ रहा है। बुधवार को ओपीडी में 1050 मरीजों ने पंजीकरण कराया। जिसमें 745 मरीज जुकान-बुखार से पीड़ित थे। ओपीडी में भीड़ के चलते पहले पर्चा बनवाने के लिए लोगों के बीच धक्का-मुक्की भी हुई। फिजीशियन कक्ष के बाद मरीजों की लाइन लगी रही। एक डॉक्टर ने करीब 100 मरीजों का परीक्षण किया। वहीं जांच रिपोर्ट देर से मिलने पर मरीजों को दोबारा लाइन में लगकर इंतजार करना पड़ा।
जिला अस्पताल में दोपहर 12 बजे वरिष्ठ चिकित्सक डॉ आरबी लाल के कक्ष के बाहर लगभग 90 से अधिक मरीज लाइन लगाए खड़े थे। डॉक्टर एक-एक मरीज को देख रहे थे। इसी प्रकार बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. हरिश्चंद्र अग्रवाल, डॉ. एके सिंह, हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. धर्मपाल, नेत्र चिकित्सक डॉ. रमेश कुमार भारती, डॉ. अरुण कुमार आर्या तथा मनोरोग विशेषज्ञ नरेंद्र देव पटेल के कक्ष के बाहर भी सबसे अधिक भीड़ रही।
जबकि हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. एके मोहन 12 बजकर तीन मिनट पर अपनी कुर्सी से गायब थे। उनके कक्ष के बाहर मरीज उनका इंतजार कर रहे थे। करीब आधा घंटा बाद डॉक्टर कक्ष में पहुंचे। इसके बाद मरीजों को देखा, लेकिन देर होने के कारण अधिकांश मरीजों की जांच रिपोर्ट न मिलने से उन्हें दूसरे दिन आने के लिए कर्मचारियों ने कहा।
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एक दिन में पूरा नहीं हो पाता इलाज
इलाज के लिए अशोह से आए गनपति ने बताया कि वह सुबह आठ बजे से पर्चा बनवाने के लिए लाइन में खड़े हुए थे। करीब आधे घंटे बाद उसका नंबर आया। इसके बाद करीब दो घंटे चिकित्सक का इंतजार किया। बुखार होने के कारण डॉक्टर ने खून जांच लिखी थी।
खून का नमूना तो दे दिया, लेकिन रिपोर्ट दोपहर दो बजे मिली। अब उसे फिर से रिपोर्ट दिखाने आना होगा। यही कहना था कालूपुर, सिद्धपुर और बनाड़ी से आए मरीजों का, जो इस व्यवस्था से परेशान थे।

जिला अस्पताल में दोपहर 12 बजे वरिष्ठ चिकित्सक डॉ आरबी लाल के कक्ष के बाहर लगभग 90 से अधिक मरीज लाइन लगाए खड़े थे। डॉक्टर एक-एक मरीज को देख रहे थे। इसी प्रकार बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. हरिश्चंद्र अग्रवाल, डॉ. एके सिंह, हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. धर्मपाल, नेत्र चिकित्सक डॉ. रमेश कुमार भारती, डॉ. अरुण कुमार आर्या तथा मनोरोग विशेषज्ञ नरेंद्र देव पटेल के कक्ष के बाहर भी सबसे अधिक भीड़ रही।
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जबकि हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. एके मोहन 12 बजकर तीन मिनट पर अपनी कुर्सी से गायब थे। उनके कक्ष के बाहर मरीज उनका इंतजार कर रहे थे। करीब आधा घंटा बाद डॉक्टर कक्ष में पहुंचे। इसके बाद मरीजों को देखा, लेकिन देर होने के कारण अधिकांश मरीजों की जांच रिपोर्ट न मिलने से उन्हें दूसरे दिन आने के लिए कर्मचारियों ने कहा।
एक दिन में पूरा नहीं हो पाता इलाज
इलाज के लिए अशोह से आए गनपति ने बताया कि वह सुबह आठ बजे से पर्चा बनवाने के लिए लाइन में खड़े हुए थे। करीब आधे घंटे बाद उसका नंबर आया। इसके बाद करीब दो घंटे चिकित्सक का इंतजार किया। बुखार होने के कारण डॉक्टर ने खून जांच लिखी थी।
खून का नमूना तो दे दिया, लेकिन रिपोर्ट दोपहर दो बजे मिली। अब उसे फिर से रिपोर्ट दिखाने आना होगा। यही कहना था कालूपुर, सिद्धपुर और बनाड़ी से आए मरीजों का, जो इस व्यवस्था से परेशान थे।