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Chitrakoot News: सात दिन छूट की मियाद खत्म, आज फिर होगी सभी की पेशी
संवाद न्यूज एजेंसी, चित्रकूट
Updated Mon, 27 Oct 2025 11:50 PM IST
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12 सीकेटीपी-4- परिचय-कलक्ट्रेट परिसर में स्थित कोषागार विभाग कार्यालय । संवाद
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चित्रकूट। कोषागार में हुए 43 करोड़ से अधिक के घोटाला की जांच मामले में नामजद आरोपियों को मिला एक सप्ताह का समय पूरा हो गया है। आरोपियों में एक की मौत के बाद से अब तक घोटाले की रकम से 75 लाख 88 हजार की रिकवरी हो चुकी है। अब मंगलवार को सभी नामजदों की जांच समिति के सामने फिर से पेशी होगी। जांच समिति ने भी आरोपियों पर अग्रिम कार्रवाई की योजना बनाई है।
कोषागार में हुए घोटाला की जांच मंद गति से आगे बढ़ रही है। एसआईटी व जिला प्रशासन की टीमों ने मृत पेंशनरों के परिजनों व रकम निकालने वालों की पहचान करने के लिए सीसीटीवी फुटेज खंगाले हैं। जांच में दो अर्थ विशेषज्ञ भी काम कर रहे हैं। टीम ने कोषागार विभाग में आने जाने व बैंक से रुपये निकालने के दौरान का रिकार्ड भी सहेजा है। इस मामले में 43 करोड़ 13 लाख रुपये के गबन की पुष्टि हुई है। 93 पेंशनर व उसके परिजनों के अलावा चार कोषागार विभाग के कर्मचारियों पर रिपोर्ट दर्ज है।
एक आरोपी संदीप की मौत के बाद जांच अधिकारी बैकफुट पर आए और सभी नामजद लोगों को एक सप्ताह का समय देकर घोटाले की राशि लौटाने के लिए एक सप्ताह का समय दिया गया। यह समय सीमा सोमवार को खत्म हो गई है। रिपोर्ट दर्ज कराने वाले वरिष्ठ कोषाधिकारी रमेश सिंह ने बताया कि अबतक 75 लाख 88 हजार रुपये जमा हो चुके हैं।
बताया कि मंगलवार को सभी आरोपियों को जांच समिति के सामने पेश होकर अपनी पूरी जानकारी फिर से देनी होगी। जांच समिति ने भी अग्रिम विभागीय व कानूनी कार्रवाई के लिए तैयारी की है। उम्मीद है कि जिन्होंने कोई रकम नहीं लौटाई उनपर कानूनी कार्रवाई हो सकती है। जांच टीमें पुराने अभिलेखों, भुगतान स्वीकृतियों और मनी ट्रेल की फॉरेंसिक जांच की कुछ रिपोर्ट लेकर नामजदों के सामने रिकार्ड प्रस्तुत कर सकती हैं।
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अफसरों पर भी जांच की आंच
चित्रकूट। नामजद आरोपियों के अलावा इस मामले में कई और विभागीय अधिकारियों पर जांच की आंच है। सूत्रों की माने तो इस विभाग के अलावा कुछ अन्य कर्मचारी भी फंसेंगे।
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चित्रकूट। पुलिस अधीक्षक अरुण कुमार सिंह ने बताया कि कोई विशेष सभी को एक साथ नहीं बुलाया गया है। जिसने भी अभी तक कोई जानकारी नहीं दी है। उसे जांच समिति ने बुलाया है। प्रतिदिन इस मामले की जांच व पूछताछ हो रही है।नामजद आरोपियों को पांच लोगों के निजी मुचलके पर इस शर्त पर घर भेजा जाता है कि जब जांच में जरूरत होगी तो उसे आना होगा। इसके अलावा जो सफाई या तथ्य दे सकते हैं उसे एकत्र कर जांच समिति को सौंपे।
कोषागार में हुए घोटाला की जांच मंद गति से आगे बढ़ रही है। एसआईटी व जिला प्रशासन की टीमों ने मृत पेंशनरों के परिजनों व रकम निकालने वालों की पहचान करने के लिए सीसीटीवी फुटेज खंगाले हैं। जांच में दो अर्थ विशेषज्ञ भी काम कर रहे हैं। टीम ने कोषागार विभाग में आने जाने व बैंक से रुपये निकालने के दौरान का रिकार्ड भी सहेजा है। इस मामले में 43 करोड़ 13 लाख रुपये के गबन की पुष्टि हुई है। 93 पेंशनर व उसके परिजनों के अलावा चार कोषागार विभाग के कर्मचारियों पर रिपोर्ट दर्ज है।
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एक आरोपी संदीप की मौत के बाद जांच अधिकारी बैकफुट पर आए और सभी नामजद लोगों को एक सप्ताह का समय देकर घोटाले की राशि लौटाने के लिए एक सप्ताह का समय दिया गया। यह समय सीमा सोमवार को खत्म हो गई है। रिपोर्ट दर्ज कराने वाले वरिष्ठ कोषाधिकारी रमेश सिंह ने बताया कि अबतक 75 लाख 88 हजार रुपये जमा हो चुके हैं।
बताया कि मंगलवार को सभी आरोपियों को जांच समिति के सामने पेश होकर अपनी पूरी जानकारी फिर से देनी होगी। जांच समिति ने भी अग्रिम विभागीय व कानूनी कार्रवाई के लिए तैयारी की है। उम्मीद है कि जिन्होंने कोई रकम नहीं लौटाई उनपर कानूनी कार्रवाई हो सकती है। जांच टीमें पुराने अभिलेखों, भुगतान स्वीकृतियों और मनी ट्रेल की फॉरेंसिक जांच की कुछ रिपोर्ट लेकर नामजदों के सामने रिकार्ड प्रस्तुत कर सकती हैं।
अफसरों पर भी जांच की आंच
चित्रकूट। नामजद आरोपियों के अलावा इस मामले में कई और विभागीय अधिकारियों पर जांच की आंच है। सूत्रों की माने तो इस विभाग के अलावा कुछ अन्य कर्मचारी भी फंसेंगे।
चित्रकूट। पुलिस अधीक्षक अरुण कुमार सिंह ने बताया कि कोई विशेष सभी को एक साथ नहीं बुलाया गया है। जिसने भी अभी तक कोई जानकारी नहीं दी है। उसे जांच समिति ने बुलाया है। प्रतिदिन इस मामले की जांच व पूछताछ हो रही है।नामजद आरोपियों को पांच लोगों के निजी मुचलके पर इस शर्त पर घर भेजा जाता है कि जब जांच में जरूरत होगी तो उसे आना होगा। इसके अलावा जो सफाई या तथ्य दे सकते हैं उसे एकत्र कर जांच समिति को सौंपे।