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Etah News: गुजर गए 26 साल, अभियोजन पेश नहीं कर सका सरकारी गवाह
संवाद न्यूज एजेंसी, एटा
Updated Sat, 23 Sep 2023 11:15 PM IST
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एटा। सिढ़पुरा थाना क्षेत्र के गांव कछियान फतेहपुर में वर्ष 1997 को शस्त्र फैक्टरी पकड़ने के पुलिस के गुडवर्क को अदालत में 26 साल में भी अभियोजन विभाग साबित नहीं कर सका। सरकारी गवाह ही पेश नहीं कराए गए। जबकि इस मामले में एक आरोपी ने खुद जुर्म का इकबाल कर लिया था।
पुलिस रिपोर्ट के मुताबिक गांव कछियान फतेहपुर मं 1 मई 1997 को दोपहर ढाई बजे रामखिलाड़ी व मोहरपाल को पुलिस ने असलहे बनाते पकड़ा। मौके से उपकरण भी बरामद किए। अदालत में चली कार्यवाही में अभियोजन विभाग पुलिस का गुडवर्क और आरोपों को साबित कराने में असफल रहा। ऐसे में रामखिलाड़ी ने खुद ही जुर्म का इकबाल कर लिया। जबकि मोहरपाल न्याय के लिए संघर्ष करता रहा। 26 साल के कड़े संघर्ष के बाद किसी भी गवाह के पेश न होने की दशा में आरोप साबित न होने पर सिविल जज जूनियर डिवीजन ने आरोपी को बरी कर दिया।
21 साल न्याय के लिए संघर्ष के बाद कबूल कर लिया अपराध
एटा। अलीगंज पुलिस द्वारा लगाए जिस आरोप के खिलाफ न्याय पाने के लिए आरोपी ने 21 साल तक संघर्ष किया। आखिर उस आरोप में खुद जुर्म का इकबाल करना पड़ा। अदालत ने जेल में बिताई अवधि को उसकी सजा में तब्दील करते हुए दो हजार रुपये जुर्माने से दंडित किया है।
अलीगंज थाना पुलिस ने 17 जुलाई 2002 को सुबह 11 बजे अलीगंज पेट्रोल पंप से कुरावली मार्ग पर जसरथपुर थाने के गांव नगला उम्मेदपुर निवासी राजेश कुमार को पकड़ा। उसके कब्जे से एक चोरी की बिना नंबर की मोटरसाइकिल मिलने का आरोप लगाया।
जमानत होने के बाद आरोपी अपने ऊपर लगे आरोपों के खिलाफ न्याय पाने के लिए संघर्ष करता रहा। एक के बाद एक कर पूरे 21 साल गुजरने पर भी अभियोजन पक्ष गवाहों को पेश नहीं कर सका। ऐसे में आखिर उसने मामला समाप्त कराने के लिए खुद जुर्म का इकबाल कर लिया। अदालत में आरोपी ने अपनी कमजोर आर्थिक स्थिति की जानकारी देते हुए कम से कम सजा की गुहार की। जिस पर अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अनिल कुमार ने आरोपी द्वारा जेल में बिताई अवधि को उसकी सजा में तब्दील करते हुए दो हजार रुपये जुर्माने से दंडित करने का आदेश किया।
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पुलिस रिपोर्ट के मुताबिक गांव कछियान फतेहपुर मं 1 मई 1997 को दोपहर ढाई बजे रामखिलाड़ी व मोहरपाल को पुलिस ने असलहे बनाते पकड़ा। मौके से उपकरण भी बरामद किए। अदालत में चली कार्यवाही में अभियोजन विभाग पुलिस का गुडवर्क और आरोपों को साबित कराने में असफल रहा। ऐसे में रामखिलाड़ी ने खुद ही जुर्म का इकबाल कर लिया। जबकि मोहरपाल न्याय के लिए संघर्ष करता रहा। 26 साल के कड़े संघर्ष के बाद किसी भी गवाह के पेश न होने की दशा में आरोप साबित न होने पर सिविल जज जूनियर डिवीजन ने आरोपी को बरी कर दिया।
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21 साल न्याय के लिए संघर्ष के बाद कबूल कर लिया अपराध
एटा। अलीगंज पुलिस द्वारा लगाए जिस आरोप के खिलाफ न्याय पाने के लिए आरोपी ने 21 साल तक संघर्ष किया। आखिर उस आरोप में खुद जुर्म का इकबाल करना पड़ा। अदालत ने जेल में बिताई अवधि को उसकी सजा में तब्दील करते हुए दो हजार रुपये जुर्माने से दंडित किया है।
अलीगंज थाना पुलिस ने 17 जुलाई 2002 को सुबह 11 बजे अलीगंज पेट्रोल पंप से कुरावली मार्ग पर जसरथपुर थाने के गांव नगला उम्मेदपुर निवासी राजेश कुमार को पकड़ा। उसके कब्जे से एक चोरी की बिना नंबर की मोटरसाइकिल मिलने का आरोप लगाया।
जमानत होने के बाद आरोपी अपने ऊपर लगे आरोपों के खिलाफ न्याय पाने के लिए संघर्ष करता रहा। एक के बाद एक कर पूरे 21 साल गुजरने पर भी अभियोजन पक्ष गवाहों को पेश नहीं कर सका। ऐसे में आखिर उसने मामला समाप्त कराने के लिए खुद जुर्म का इकबाल कर लिया। अदालत में आरोपी ने अपनी कमजोर आर्थिक स्थिति की जानकारी देते हुए कम से कम सजा की गुहार की। जिस पर अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अनिल कुमार ने आरोपी द्वारा जेल में बिताई अवधि को उसकी सजा में तब्दील करते हुए दो हजार रुपये जुर्माने से दंडित करने का आदेश किया।