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Fatehpur News: मेडिकल काॅलेज में सुविधाएं सीएचसी से भी कम
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फतेहपुर। नाम मेडिकल कॉलेज और चिकित्सा सुविधाएं सीएचसी के बराबर भी नहीं हैं। यह स्थिति जोधा सिंह अटैया, ठाकुर दरियाव सिंह चिकित्सा महाविद्यालय की है। यहां पर नियम विरुद्ध जूनियर डॉक्टर ओपीडी करते हैं, जबकि उनके पास अकेले किसी भी मरीज को दवा लिखने का अधिकार नहीं है। मरीज को भर्ती करने के लिए मेडिकल कॉलेज जिला अस्पताल के लिए रेफर करता है।
नेशनल हाईवे किनारे बना जिले का मेडिकल कॉलेज सिर्फ दिखावा साबित हो रहा है। इसका उपयोग एमबीबीएस छात्रों की पढ़ाई तक सीमित है, क्योंकि चार साल से चल रहे मेडिकल काॅलेज में सिर्फ ओपीडी की सुविधा है। इन दिनों प्रतिदिन करीब 400 मरीज मेडिकल काॅलेज पहुंच रहे हैं, इन्हें जूनियर डॉक्टर कुछ दवाएं थमा घर भेज देते हैं। गंभीर मरीजों को देख जूनियर डॉक्टर आनन फानन उसे जिला अस्पताल रेफर कर देते हैं।
मेडिकल काॅलेज में एक्सरे और अल्ट्रासाउंड जांच तक की सुविधा नहीं है। जांच कराने के लिए मरीज को जिला अस्पताल भेजा जाता है। ऐसे में मरीजों को खासा चक्कर लगाना पड़ रहा है। मेडिकल कॉलेज का तीन साल से क्रिटिकल वार्ड निर्माणाधीन है। पर्याप्त बजट की व्यवस्था के बावजूद अधिकारी इसका निर्माण कराने में गंभीरता नहीं दिखा रहे हैं।
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मेडिकल काॅलेज में एक्सरे और अल्ट्रासाउंड जांच तक की सुविधा नहीं है। जांच कराने के लिए मरीज को जिला अस्पताल भेजा जाता है। ऐसे में मरीजों को खासा चक्कर लगाना पड़ रहा है। मेडिकल कॉलेज का तीन साल से क्रिटिकल वार्ड निर्माणाधीन है। पर्याप्त बजट की व्यवस्था के बावजूद अधिकारी इसका निर्माण कराने में गंभीरता नहीं दिखा रहे हैं।